भोपाल : मध्यप्रदेश और इससे सटे राज्यों में चल रही नक्सली गतिविधियों पर अंतिम प्रहार की तैयारी की जा रही है. नक्सली गतिविधियों के खात्मे के लिए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह मध्यप्रदेश सहित आधा दर्जन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ रणनीति तैयार करेंगे. यह बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में आज सोमवार को होने जा रही है. इस बैठक में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अलावा, आंध्रप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शामिल होंगे.
बालाघाट पर सरकार की नजर
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने देश के आधा दर्जन राज्यों में नक्सली गतिविधियों को लेकर जारी वक्तव्य में कहा, '' केन्द्र सरकार अगले दो साल यानी मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है. जो भी राज्य इससे प्रभावित हैं, इससे निपटने में केन्द्र सरकार पूरी मदद करेगी. देश में 2010 के मुकाबले 2023 में नक्सली हिंसा में 72 फीसदी की कमी आई है और मृत्यु दर में भी 86 फीसदी तक की कमी आई है. देश में वामपंथी उग्रवाद से 38 जिले प्रभावित हैं. मध्यप्रदेश में नक्सली गतिविधियों से प्रभावित जिलों की संख्या 3 है. हालांकि, मंडला और डिंडौरी को गृह मंत्रालय ने कम नक्सल प्रभावित श्रेणी में रखा था, जबकि बालाघाट जिले को अति नक्सल प्रभावित जिले में रखा गया है.
लगातार कस रहा शिकंजा
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आखिरी बार 6 अक्टूबर 2023 को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. इस बैठक में नक्सली गतिविधियों को खत्म करने को लेकर दिशा निर्देश दिए गए थे. इस साल अब तक सशस्त्र नक्लसियों के खात्मे में सुरक्षा बलों को कई सफलताएं मिली हैं. अभी तक 202 वामपंथी उग्रवादियों को सुरक्षा बलों ने ढेर किया है. जबकि पिछले 9 माह में 723 वामपंथी उग्रवादियों ने सरेंडर किया है, वहीं 812 को गिरफ्तार किया गया है.