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भोपाल में फीलगुड...साफ हुई राजधानी की आबोहवा, अधिकारियों ने बताया दमघोंटू हवा पर कैसे पाया कंट्रोल - Bhopal Air Pollution Control - BHOPAL AIR POLLUTION CONTROL

राजधानी भोपाल से खुशखबरी है. शहर की हवा अब जहरीली नहीं रही है. भोपाल में एयर क्वालिटी को लेकर बुधवार को संभागायुक्त कार्यालय में रिव्यू बैठक हुई. जिसमें बताया गया कि शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है.

BHOPAL AIR POLLUTION CONTROL
साफ हुई भोपाल की हवा (ETV Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 29, 2024, 6:59 AM IST

भोपाल: राजधानी की आबोहवा साल 2024 में अब बहुत अच्छी रही. पीसीबी यानि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने इसमें और सुधार होने की बात कही है. दरअसल भोपाल में एयर क्वालिटी को लेकर बुधवार को संभागायुक्त कार्यालय में रिव्यू बैठक बुलाई गई थी. इसमें संभागायुक्त संजीव सिंह के साथ जिला प्रशासन, नगर निगम और पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड समेत अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए. इस दौरान शहर के वायु गुणवत्ता को लेकर संभागायुक्त ने सुधारात्मक निर्देश दिए.

MEETING ON BHOPAL AIR QUALITY
एयर क्वालिटी को लेकर संभागायुक्त ने ली बैठक (ETV Bhopal)

इसलिए शहर की वायु गुणवत्ता में हो रहा सुधार
एमपी पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय संचालक ब्रजेश शर्मा ने बताया कि, ''भोपाल शहर में वायु प्रदूषण बढ़ने का बड़ा कारण निर्माण कार्य हैं. लेकिन बीते महीनों में देखा गया कि अधिकतर सड़कों की मरम्मत और निर्माण का काम खत्म हो चुका है. फ्लाईओवर और मेट्रो कारिडोर भी बन गया है. जिसके कारण शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार हो रहा है. आगे इसमें और सुधार होने की संभावना है. यदि कोई सिटी डेवलपमेंट मोड में होती है, तो प्रदूषण बढ़ता ही है.''

एक्यूआई में सुधार के लिए नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम
संभागायुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक में बताया गया कि, ''नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की शुरुआत साल 2019 में की गई. इसका उद्देश्य शहरों के एक्युआई यानि एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार करना था. केंद्र सरकार ने इस प्रोग्राम को मिशन मोड पर रखा है. सरकार ने इसके लिए शहरों से माइक्रो एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए थे. जो प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए, उसी को लागू किया गया है. इसके लिए मानीटरिंग की जिम्मेदारी पीसीबी को सौंपी गई है. एमपी में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम भोपाल, इंदौर, सागर, जबलपुर, देवास, उज्जैन और ग्वालियर में चलाया जा रहा है. इस अभियान का उद्देष्य साल 2026 तक पर्यावरण मानक पीएम 10 की सघनता में 40 प्रतिशत कमी का लक्ष्य रखा है.''

साल 2024 में अब तक सभी दिन गुड डे
बैठक में पीसीबी के अधिकारियों ने संभागायुक्त को बताया कि, ''भोपाल शहर में वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग का आंकलन 7 स्थानों पर किया जा रहा है. जिनमें 4 स्थानों पर यह मूल्यांकन मैन्युअली और तीन स्थानों पर कन्टीन्यूअस आटोमेटेड स्टेशन के माध्यम से किया जा रहा है. भोपाल में पर्यावरण की दृष्टि से वर्ष 2024 में अभी तक सभी दिन गुड-डे रहे हैं. वर्ष 2019 में 94 प्रतिशत, वर्ष 2020 में 92 प्रतिशत, वर्ष 2021 में 93 प्रतिशत, वर्ष 2022 में 96 प्रतिशत तथा वर्ष 2023 में 94 प्रतिशत दिन पर्यावरण के मानकों की दृष्टि से “गुड-डे” माने गए.''

Also Read:

ग्वालियर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अनूठी पहल, स्टूडेंट बताएंगे देश के हर शहर में जहरीली हवा कैसे होगी साफ

सुविधा के नाम पर खर्च करोड़ों रुपए, सफेद हाथी बने निगम के ईवी चार्जिंग स्टेशन, नहीं हो सके शुरू

एयर क्वालिटी सुधारने के लिए दिए गए निर्देश
इस बैठक में पर्यावरण सुधार के लिए ई-व्हीकल का इस्तेमाल बढ़ाए जाने, वाहनों के पीयूसी सर्टीफिकेट की जांच किए जाने, लेफ्ट टर्न की संख्या बढ़ाए जाने, निर्माणाधीन भवनों में ग्रीन नेट लगाए जाने, भवनों के मलबे आदि का निष्पादन किए जाने, पराली न जलाए जाने, शहर में संचालित कोयले/लकड़ी के तंदूरों को क्लीन फ्यूल में बदले जाने आदि सुझाव दिए गए. संभागायुक्त ने सुझावों पर अमल के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया. पर्यावरण सुधार के लिए भारत के स्वच्छतम शहरों की सक्सेस स्टोरी अध्ययन कर उसका अनुकरण किए जाने के निर्देश भी दिए गए.

भोपाल: राजधानी की आबोहवा साल 2024 में अब बहुत अच्छी रही. पीसीबी यानि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने इसमें और सुधार होने की बात कही है. दरअसल भोपाल में एयर क्वालिटी को लेकर बुधवार को संभागायुक्त कार्यालय में रिव्यू बैठक बुलाई गई थी. इसमें संभागायुक्त संजीव सिंह के साथ जिला प्रशासन, नगर निगम और पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड समेत अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए. इस दौरान शहर के वायु गुणवत्ता को लेकर संभागायुक्त ने सुधारात्मक निर्देश दिए.

MEETING ON BHOPAL AIR QUALITY
एयर क्वालिटी को लेकर संभागायुक्त ने ली बैठक (ETV Bhopal)

इसलिए शहर की वायु गुणवत्ता में हो रहा सुधार
एमपी पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय संचालक ब्रजेश शर्मा ने बताया कि, ''भोपाल शहर में वायु प्रदूषण बढ़ने का बड़ा कारण निर्माण कार्य हैं. लेकिन बीते महीनों में देखा गया कि अधिकतर सड़कों की मरम्मत और निर्माण का काम खत्म हो चुका है. फ्लाईओवर और मेट्रो कारिडोर भी बन गया है. जिसके कारण शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार हो रहा है. आगे इसमें और सुधार होने की संभावना है. यदि कोई सिटी डेवलपमेंट मोड में होती है, तो प्रदूषण बढ़ता ही है.''

एक्यूआई में सुधार के लिए नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम
संभागायुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक में बताया गया कि, ''नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की शुरुआत साल 2019 में की गई. इसका उद्देश्य शहरों के एक्युआई यानि एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार करना था. केंद्र सरकार ने इस प्रोग्राम को मिशन मोड पर रखा है. सरकार ने इसके लिए शहरों से माइक्रो एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए थे. जो प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए, उसी को लागू किया गया है. इसके लिए मानीटरिंग की जिम्मेदारी पीसीबी को सौंपी गई है. एमपी में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम भोपाल, इंदौर, सागर, जबलपुर, देवास, उज्जैन और ग्वालियर में चलाया जा रहा है. इस अभियान का उद्देष्य साल 2026 तक पर्यावरण मानक पीएम 10 की सघनता में 40 प्रतिशत कमी का लक्ष्य रखा है.''

साल 2024 में अब तक सभी दिन गुड डे
बैठक में पीसीबी के अधिकारियों ने संभागायुक्त को बताया कि, ''भोपाल शहर में वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग का आंकलन 7 स्थानों पर किया जा रहा है. जिनमें 4 स्थानों पर यह मूल्यांकन मैन्युअली और तीन स्थानों पर कन्टीन्यूअस आटोमेटेड स्टेशन के माध्यम से किया जा रहा है. भोपाल में पर्यावरण की दृष्टि से वर्ष 2024 में अभी तक सभी दिन गुड-डे रहे हैं. वर्ष 2019 में 94 प्रतिशत, वर्ष 2020 में 92 प्रतिशत, वर्ष 2021 में 93 प्रतिशत, वर्ष 2022 में 96 प्रतिशत तथा वर्ष 2023 में 94 प्रतिशत दिन पर्यावरण के मानकों की दृष्टि से “गुड-डे” माने गए.''

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एयर क्वालिटी सुधारने के लिए दिए गए निर्देश
इस बैठक में पर्यावरण सुधार के लिए ई-व्हीकल का इस्तेमाल बढ़ाए जाने, वाहनों के पीयूसी सर्टीफिकेट की जांच किए जाने, लेफ्ट टर्न की संख्या बढ़ाए जाने, निर्माणाधीन भवनों में ग्रीन नेट लगाए जाने, भवनों के मलबे आदि का निष्पादन किए जाने, पराली न जलाए जाने, शहर में संचालित कोयले/लकड़ी के तंदूरों को क्लीन फ्यूल में बदले जाने आदि सुझाव दिए गए. संभागायुक्त ने सुझावों पर अमल के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया. पर्यावरण सुधार के लिए भारत के स्वच्छतम शहरों की सक्सेस स्टोरी अध्ययन कर उसका अनुकरण किए जाने के निर्देश भी दिए गए.

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