रोहतास: भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के पावर स्टार कहे जाने वाले निर्दलीय प्रत्याशी पवन सिंह भले ही बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव हार गए लेकिन वह एनडीए कैंडिडेट उपेंद्र कुशवाहा से आगे रहे, जबकि कुशवाहा के पक्ष में प्रचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत एनडीए के तमाम दलों के दिग्गज काराकाट आए थे. 2,74000 वोट मिलने से पवन सिंह और उनके समर्थक उत्साहित हैं. यही वजह है कि उनकी टीम अब भविष्य की राजनीति के लिए गंभीरता से रणनीति पर काम कर रही है.
पवन सिंह बिहार में अपनी खुद की पार्टी बनाएंगे?: भोजपुरी स्टार पवन सिंह लोकसभा चुनाव में मिले वोट और लोगों के प्यार और समर्थन से इस कदर उत्साहित हैं है कि अब वह राजनीतिक दल का गठन करने जा रहे हैं. इतना ही नहीं पूरे बिहार में आशीर्वाद यात्रा भी निकालेंगे. पवन सिंह के करीबियों ने इसका दावा किया है. चुनाव में हार के बाद खुद पवन सिंह ने भी लोगों का आभार जताते हुए संकेत दिया था कि वह लोगों के लिए काम करते रहेगे.
"हार तो क्षणिक है हौसला निरंतर रहना चाहिए. हम तो वो हैं. वैसे लोगों में हैं, जो विजय पर गर्व नहीं करते और हार पर खेद और शोक नहीं करते. खुशी और गर्व इस बात की है कि काराकाट की जनता ने मुझे अपना बेटा-भाई स्वीकार कर इतना प्यार दुलार और आशीर्वाद जो दिया, उसके लिए आप सभी का दिल से धन्यवाद."- पवन सिंह, निर्दलीय प्रत्याशी, काराकाट लोकसभा सीट
क्या बोले पवन सिंह के करीबी?: पवन सिंह की टीम के सदस्य और बेहद करीबी विक्की सिंह ने मीडिया ग्रुप में इस बात की जानकारी शेयर की है कि पवन सिंह जल्द ही बिहार में राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे. साथ ही वह जन आशीर्वाद यात्रा के तहत पूरे बिहार का दौरा करेंगे. लोगों से मिलेंगे और लोगों से आशीर्वाद लेंगे.
"लोकसभा चुनाव चुनाव में काराकाट की जनता ने उन्हें वोट दिया और उन पर प्यार लुटाया. निश्चित तौर पर वह भले ही चुनाव हार गए हो लेकिन यह उनकी बड़ी जीत है. काराकाट की जनता की जीत है. पवन सिंह को 2,74000 वोट मिले. यह काराकाट की जनता का प्यार है. जनता जनार्दन ने अपने बेटे और भाई पवन सिंह को सिर आंखों पर बिठाया."- पंकज सिंह, पवन सिंह के करीबी
'हार कर भी जीत गए पवन सिंह': वहीं, वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र तिवारी कहते हैं कि पवन सिंह के आने से काराकाट सीट हॉट सीट में तब्दील हो गई. बिहार ही नहीं पूरे देश के लोगों की काराकाट पर निगाहें टिकी रही. यह पवन सिंह की बाजीगरी का ही कमाल था कि काराकाट के लोगों ने उन्हें वोट किया. भले ही वह चुनाव हार गए लेकिन जिस तरीके से उन्हें वोट मिले हैं, वह उनके लिए उत्साह जगाने वाला है.
"काराकाट की जनता ने पवन सिंह को अच्छा रिस्पांस दिया है. वह इस चुनाव में बाजीगर साबित हुए हैं. उनके सेलिब्रिटी होने का फायदा मिला और काफी वह लोगों में पॉप्युलर भी हैं. भोजपुरी क्षेत्र के लोगों ने उन्हें भरपूर प्यार दिया. जिस तरीके से उनको वोट मिले हैं, वैसे में पवन सिंह को ऐसा लगता है कि पार्टी बनाकर बिहार में अब वह अपना पैर जमा सकते हैं. अगर राजनेता के तौर पर स्थापित हो सकते हैं तो जाहिर है कि इसका लाभ उन्हें मिलेगा."- सुरेंद्र तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार
काराकाट में किसे कितने वोट मिले?: लोकसभा के सातवें और अंतिम चरण के तहत काराकाट में 1 जून को वोट डाले गए थे. 4 जून को जब नतीजे आए तो सीपीआई माले कैंडिडेट राजाराम सिंह कुशवाहा को जीत मिली. उनको 3,80,581 वोट मिले. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी पवन सिंह को 2,74,723 वोट मिले, जबकि एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा 2,53,876 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
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