भिवानी: हरियाणा के भिवानी में पीने के पानी की समस्या से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है. दरअसल, विधायक घनश्याम सर्राफ ने शहर में सात नए बुस्टिंग स्टेशन तैयार करवाने और पुराने जलघरों को तोड़कर नए बनाने के लिए करीब 222 करोड़ रुपये का कार्य कराने की बात कही है. इन सभी कार्यों को कराए जाने का प्रस्ताव पब्लिक हेल्थ विभाग के चीफ इंजीनियर को सौंपा है. इस दौरान गलियों के अंतिम छोर तक पूरा पानी न पहुंचने तथा सप्लाई का प्रेशर लो होने की समस्या उठाई. जिस पर चीफ इंजीनियर ने शीघ्र इन कार्यों को पास कराकर बजट डलवाए जाने का भरोसा दिलाया. इसके अलावा, पटरी से उतरी सीवर व्यवस्था को भी दुरुस्त कराया जाएगा. जिस पर करीब 82 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
शहर में बनेंगे बूस्टिंग स्टेशन: विधायक घनश्याम सर्राफ के आवास पर पब्लिक हेल्थ विभाग के चीफ इंजीनियर प्रदीप पुनिया, अधीक्षक अभियंता दलबीर दलाल, कार्यकारी अभियंता सूर्यकांत, सुनील रंगा, कनिष्ठ अभियंता ताजदीन, पकंज, संजय जैन, आशीष बैठक में शामिल हुए. विधायक सर्राफ ने शहर में विभिन्न जगहों पर सात बुस्टिंग स्टेशन बनाए जाने की मांग रखी. जिनमें से तीन बुस्टिंग स्टेशन पहले अप्रूव हो चुके है. उनके लिए भूमि नहीं मिल पाई. अधिकारियों का तर्क था कि भूमि दिलवाते ही बुस्टिंग स्टेशनों के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा.
4 जगहों पर नए बूस्टिंग स्टेशन: इस पर विधायक ने कहा कि दो सप्ताह के भीतर भूमि दिलवा दी जाएगी. इनके अलावा शहर में चार जगहों पर नए बुस्टिंग स्टेशन बनाए जाने की कही. जिनके मौके पर ही विधायक की तरफ से प्रपोजल दिए गए. इनके अलावा पुराने जलघरों को नए टैंक बनवाए जाने तथा उनकी क्षमता बढ़ाए जाने का भी प्रस्ताव दिया. ताकि नए जलघर बनने के बाद अंदरूनी शहर में पीने के पानी की कोई समस्या नहीं बनेगी. इस पर चीफ इंजीनियर ने तत्काल कार्य करवाए जाने का भरोसा दिलाया. इसी तरह इन जलघरों में पर्याप्त पानी छोड़ने के लिए मिताथल हैड पर लगी मोटरों की क्षमता बढ़ाए जाने का भी प्रस्ताव दिया. इन सभी कार्यो पर करीब 222 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
नई सीवर लाइन डाले जाने का भी प्रस्ताव: विधायक सर्राफ ने आयोजित बैठक में अंदरूनी शहर में सीवर व्यवस्था पटरी से उतरने की शिकायत की. उन्होंने बताया कि सीवर व्यवस्था खराब होने की वजह से लोगों को अनेक परेशानी उठानी पड़ रही है. इस दौरान पुराने शहर में पुरानी सीवर लाइन की जगह नई सीवर लाइन डाले जाने का प्रस्ताव दिया. जो कि करीब चार किलोमीटर के आसपास बैठती है. इनके अलावा, नए इलाकों में 18 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन डाले जाने का प्रस्ताव दिया. जिस पर पब्लिक हेल्थ के अधिकारियों ने पुरानी की जगह नई तथा नए इलाकों में सीवर लाइन डाले जाने की हामी भरी.
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