भिंड। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी कैबिनेट का दूसरी बार विस्तार किया है लेकिन इस बार मंत्रिमंडल का विस्तार एक खास व्यक्ति को मंत्री बनने के लिए किया गया. बीजेपी के नए मंत्री कोई और नहीं बल्कि जाने माने नेता और विजयपुर से विधायक रामनिवास रावत हैं जिन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था. सोमवार को राजभवन में उन्हें राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई.
'विकास की चाहत वालों को मिलता है तोहफा'
जहां रावत के मंत्री बनने पर उनके समर्थकों और क्षेत्र के लोगों में जोश और खुशी का माहौल नजर आ रहा है तो वहीं भाजपा के कई नेता बधाइयां दे रहे हैं. बीजेपी नेता और भिंड लोकसभा सीट पर बीजेपी के प्रभारी रहे लोकेंद्र पाराशर से पूछा गया कि रामनिवास रावत को बीजेपी ने ये तोहफा क्यों दिया है तो उनका कहना था "जो भी व्यक्ति विकास की राह पर चलना चाहता है और बीजेपी से जुड़ता है पार्टी नेता उसका सम्मान करती है और उसे तोहफे देती रहती है."
कांग्रेस ने लगाई थी विधायकी समाप्त करने याचिका
रामनिवास रावत भले ही आज बीजेपी में शामिल होकर मंत्री बन गए हो लेकिन लंबे समय तक उन्होंने अपना कार्यकाल कांग्रेस के साथ पूरा किया है. 6 बार के विधायक रामनिवास रावत कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते और अब अपनी पार्टी को छोड़कर बीजेपी में चले जाना कांग्रेस को गवारा नहीं बैठा. यही वजह थी कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में विधायक रामनिवास रावत की विधायकी समाप्त करने की याचिका लगाई थी और अब जब उन्हें मंत्री बना दिया गया है तो कांग्रेस तंज कसने में भी पीछे नजर नहीं आ रही है.
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डॉ गोविंद सिंह ने कसा तंज
ग्वालियर-चंबल अंचल के दिग्गज नेता और कांग्रेस के पूर्व मंत्री और पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह का कहना है कि "वे इस अंचल के बड़े नेता हैं. मंत्री बनने को लेकर उन्हें बधाई है और अब उनसे उम्मीद है कि वह क्षेत्र के विकास और जनता के लिए अच्छा काम करें, भ्रष्टाचार से दूर रहें.अब जब रावत बीजेपी में पहुंच गए हैं तो वहां जाकर भी वे अपनी विचारधारा जो कांग्रेसी सांप्रदायिक विरोधी विचारधारा है उसे कायम रखें. वह भारतीय जनता पार्टी में पद के लिए गए थे और वही पद उन्हें मिला है, बीजेपी में शामिल होने के बाद भी उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा तक नहीं दिया था."