ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एनएसए के तहत भिंड कलेक्टर द्वारा की गई कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया है. अब इस मामले पर सुनवाई 2 सितंबर को होगी. बता दें कि जेल से बाहर आये आरोपी ने कलेक्टर द्वारा की गयी रासुका की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कलेक्टर को शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. दरअसल, यह मामला भिंड जिले का है. जहां कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने 29 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून प्रकरण की सुनवाई में जितेश को फरार बताया.
कलेक्टर ने बताया फरार, जबकि आरोपी जेल में
कलेक्टर ने जिस दिन आरोपी को फरार बताया उस दिन वह जेल में बंद था. 1 अप्रैल 2024 को जितेश के खिलाफ रासुका की कार्रवाई शुरू की गई, लेकिन 2 मई को हाई कोर्ट में जब जितेश के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई तो कोर्ट को यह नहीं बताया गया कि पुलिस और प्रशासन उस पर रासुका लगाने की तैयारी में है. इसके साथ ही पुलिस ने जो पंचनामा पेश किया, उसमें पंकज भदौरिया और सुरेंद्र के हस्ताक्षर होना बताया गया. जबकि ये दोनों शपथ पत्र पर उन हस्ताक्षरों को खारिज कर चुके थे.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने पेश किए सबूत
कोर्ट में सब इंस्पेक्टर नरेश निरंजन की रिकॉर्डिंग भी पेश की गई, जिसमें वह जितेश के चाचा से कुछ दस्तावेज पर हस्ताक्षर के संबंध में बात कर रहा है. वहीं दूसरी ओर प्रशासन की ओर से कोर्ट को जितेश के खिलाफ दर्ज अपराधी प्रकरणों की जानकारी दी गई. याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट से 2 मई 2024 को जितेश को जमानत मिली और 3 मई को वह जेल से बाहर निकल आया. ऐसे में 4 मई 2024 को रासुका लगाना पुलिस और प्रशासन की गंभीर लापरवाही को दर्शा रहा है. लिहाजा, कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को शपथ पत्र पर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. ये जानकारी याचिकाकर्ता के अधिवक्ता यश शर्मा ने दी.