भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे भरतपुर, धौलपुर, डीग जाट समाज का 20वें दिन भी जयचोली में महापड़ाव जारी है. महापड़ाव स्थल पर समाज के 19 महिला-पुरुषों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है, जिनमें 6 महिला आंदोलनकारी शामिल हैं. वहीं, केंद्र सरकार की ओर से आंदोलनकारियों को वार्ता का कोई निमंत्रण प्राप्त नहीं हुआ है. दूसरी तरफ पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह के निर्देशन में राज्य सरकार से वार्ता के लिए एक अलग कमेटी गठित कर दी गई है. ऐसे में जाट समाज आरक्षण को लेकर दो धड़ों में बंटता नजर आ रहा है.
आमरण अनशन शुरू : महापड़ाव स्थल जयचोली पर 17 जनवरी से महापड़ाव चल रहा है. महापड़ाव में तीनों जिलों के जाट समाज के लोग शामिल हैं. रविवार से महापड़ाव स्थल पर 6 महिलाओं समेत 19 लोगों ने आरक्षण मिलने तक आमरण अनशन शुरू कर दिया है. नेम सिंह फौजदार का कहना है कि हम सरकार से वार्ता के इंतजार में हैं, लेकिन प्रतिनिधि मंडल को अभी तक निमंत्रण का इंतजार है. हम इस बार आरक्षण लेकर मानेंगे. इस बार आंदोलन आर-पार का है.
ये लोग बैठे आमरण अनशन पर : महापड़ाव स्थल पर रविवार से नेम सिंह फौजदार, सत्यवीर सिंह, सूरज सिंह, हुब्ब लाल, धारा सिंह, पूरन, महेंद्र, महाराज सिंह, जय सिंह फौजी, विजय सिंह चौधरी, मोराध्वज, भोगी राम, विरमा, विमला देवी, पिस्ता, सुमन, बबली और यमुना देवी शामिल हैं.
अलग कमेटी गठित : एक तरफ जहां जाट समाज का एक धड़ा 17 जनवरी से महापड़ाव पर बैठा है, वहीं दूसरी तरफ 3 फरवरी को पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने एक बैठक आयोजित कर आरक्षण संघर्ष समिति के दो नए संयोजक नियुक्त कर दिए, साथ ही 21 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है. विश्वेंद्र सिंह का कहना है कि हमें महापड़ाव और आंदोलन का रास्ता छोड़कर शांतिपूर्ण तरीके से हक मांगना है.
गौरतलब है कि भरतपुर, धौलपुर और डीग जिले के जाट 17 जनवरी से केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर जयचोली गांव में महापड़ाव कर रहे हैं. महापदा पर बैठे समाज के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल जयपुर जाकर सरकार की कमेटी के साथ वार्ता करके भी आया. उसके बाद केंद्रीय मंत्री से वार्ता के लिए 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी तैयार किया गया, लेकिन अभी तक वार्ता नहीं हो पाई.