लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लगभग 1.63 लाख बूथों में से 300 पर बीजेपी को कार्यकर्ता ही नहीं मिल रहे हैं. अल्पसंख्यक मोर्चा और पार्टी के भरपूर कोशिशों के बावजूद यहां पार्टी संगठन नहीं खड़ा कर पा रही है. इसको लेकर चिंता बनी हुई है. बीजेपी सभी बूथ में 21 सदस्य कमेटी बनाना चाहती है. ऐसा अब तक नहीं हो पाया है.
UP में करीब 1.63 लाख बूथ हैं. यहां 5 दिसंबर तक सभी बूथ कमेटियां गठित करने का दावा किया गया था. अधिकांश बूथ समितियों का निर्वाचन संपन्न किया जा चुका है. सभी संगठनात्मक जिलों में जिला चुनाव अधिकारी, मण्डल चुनाव अधिकारी एवं शक्ति केन्द्र चुनाव अधिकारी कार्य कर रहे हैं. प्रदेश में अपील कमेटी गठित कर ली गई है एवं पर्यवेक्षकों के नाम तय किये जा चुके हैं. इनको तीन से चार जिले का कार्य सौंपा गया है.
संगठन पर्व के दूसरे चरण के लिए अब तक 63 जिलों की जिला कार्यशालाएं पूरी हो चुकी हैं. जिलों की कार्यशालाओं के साथ ही मण्डल की बैठकें भी चल रही है. 10 दिसंबर तक मण्डल गठन के बारे में आरंभिक विचार आदि के लिए जिला चुनाव अधिकारी एवं सह चुनाव अधिकारी प्रवास कर रहे हैं. 15 दिसंबर तक सभी 1918 मण्डलों के संगठन चुनाव सपन्न करा लिये जायेंगे. इसके बाद 16 दिसम्बर से 30 दिसंबर के मध्य सभी 98 संगठनात्मक जिलों का चुनाव पूरा किया जाएगा.
इस सबके बावजूद उत्तर प्रदेश में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भारतीय जनता पार्टी की पैंठ नहीं बन पा रही. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में अनेक सर्वे एजेंसी का यह दावा था कि भारतीय जनता पार्टी को 8% मुस्लिम वोट मिला. इससे भारतीय जनता पार्टी बहुत उत्साहित थी. माना जा रहा था कि कांग्रेस से अधिक मुस्लिम वोट भारतीय जनता पार्टी को मिले. इसके बाद में भारतीय जनता पार्टी ने मुसलमानों को अतिरिक्त प्रतिनिधित्व देना शुरू कर दिया था. पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने चार विधान परिषद सदस्य मुस्लिम बनाए थे.
मुसलमान बीजेपी से हुए बहुत दूर: लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के प्रचंड मुस्लिम विरोधी बयानों के चलते मुस्लिम काफी नाराज हुए हैं. राम मंदिर को लेकर दिए गए बयानों के बाद में संभल में हुए दंगे ने भी आग में घी का काम किया. वाराणसी में ज्ञानवापी और ईदगाह के सर्वे से मुस्लिम भारतीय जनता पार्टी से दूर होते चले गये. मुसलमान जो अभी तक बीजेपी को कुछ वोट दिया करते थे, लोकसभा चुनाव 2024 में पूरी तरह से बीजेपी विरोधी नजर आए.
300 बूथ पर नहीं बन पा रही कमेटी: भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश के 1.63 लाख बूथों में से 300 पर जबरदस्त संकट का सामना करना पड़ रहा है. उदाहरण के तौर पर कानपुर जिले में चमनगंज, बेकन गंज, बजरिया ऐसे ही क्षेत्र हैं, जहां 90% तक मुस्लिम आबादी है. इसी तरह से मुरादाबाद, संभल, पुराने लखनऊ के कुछ इलाके, मुजफ्फरनगर, बरेली, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर और अलीगढ़ मैं अनेक ऐसे बूथ हैं.
यहां बीजेपी 21 सदस्यीय कमेटी नहीं बना पा रही है. इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा में प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया कि उन्होंने संगठन में उच्च स्तर पर ऐसे बूथ की सूची मांगी है, जहां बीजेपी के बूथ कमेटी नहीं बन पा रही. इस बार कोई ऐसा मुस्लिम इलाका नहीं होगा, जहां बीजेपी की कमेटी ने बने. पहले ऐसा हुआ है, मगर इस बार नहीं होगा.
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