भागलपुरः बिहार की रहने वाली अलंकृता साक्षी को गुगल ने 60 लाख रुपए का पैकेज दिया है. अलंकृता साक्षी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. गूगल कंपनी में आने से पहले इन्होंने दो साल बेंगलुरु में विप्रो कंपनी में काम किया. इससे पहले एक साल अर्न्स्ट एंड यंग कंपनी में और एक साल सैमसंग हार्मन में काम कर चुकी हैं. तीन जगह काम करने के बाद अलंकृता साक्षी का चयन गुगल में हुआ. इस सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है.
अलंकृता साक्षी के पति भी इंजीनियरः बता दें कि अलंकृता साक्षी मूल रूप से नवगछिया के सिमरा गांव की रहने वाली है. इनकी शादी भागलपुर जिले के शौल थाना क्षेत्र के पोठिया गांव में इनकी शादी मनीष कुमार से हुई है. मनीष कुमार भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और दोनों बेंगलुरु में एक ही कंपनी में काम करते हैं.
राजीव नयन चौधरी की बहु है अलंकृता साक्षीः नवगछिया के सिमरा गांव के शंकर मिश्रा की पुत्री हैं. इनके ससुर राजीव नयन चौधरी नवगछिया अनुमंडल कार्यालय में प्रधान लिपिक के पद पर कार्यरत हैं. राजीव नयन चौधरी ने बताया कि उनके बेटे मनीष कुमार की शादी 8 दिसंबर 2023 को हुई थी. अलंकृता का परिवार अभी झारखंड के कोडरमा जिले के झुमरी तलैया में रह रहा है. पिता कोडरमा में प्राइवेट नौकरी करते हैं. मां रेखा मिश्रा निजी शिक्षिका हैं.
हजारीबाग से किया बीटेकः अलंकृता साक्षी के ससुर ने बताया कि उनका बचपन झारखंड के कोडरमा में बीता और वहीं से उनकी पढ़ाई लिखाई हुई. उन्होंने कोडरमा से 10वीं, जवाहर नवोदय विद्यालय कोडरमा से 12वीं और फिर हजारीबाग से बीटेक किया. अलंकृता दो बहनें और एक भाई है.
परिवारों में हर्ष का माहौलः दोनों परिवारों को इस बात की अपार खुशी है कि गूगल जैसी विश्व प्रसिद्ध कंपनी से 60 लाख रुपये के पैकेज पर चयन कर काम करने का अवसर दिया है. यह अत्यंत गर्व और हर्ष की बात है. अलंकृता साक्षी उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा स्रोत है जो आत्मनिर्भर बनकर परिवार से लेकर देश का नाम रोशन करना चाहती है.
यह भी पढ़ेंः लाखों का पैकेज छोड़कर शुरू किया अपना कारोबार, आज 52 बूटी शिल्प कला की बन चुकी हैं पहचान - Bawan Buti handicraft