बेतियाः बिहार के बेतिया के जीएमसीएच में एक 62 वर्षीय बुजुर्ग महेश महतो को भर्ती कराया गया. ट्रेन से गिर जाने पर उनका पांव कट गया था. नरकटियागंज और चनपटिया के बीच 22 दिसंबर को यह हादसा हुआ था. अस्पताल ने बुजुर्ग की समय-समय पर ड्रेसिंग और तमाम इलाज जारी रखा. कल मंगलवार की सुबह बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया.
घायल को देखने नहीं आए परिजनः बुजुर्ग महेश महतो चनपटिया बाजार के रहने वाले थे. इंटरसिटी एक्सप्रेस से नरकटियागंज से आने के दौरान हादसा के शिकार हुए थे. दोनों पैर ट्रेन के चपेट में आ गया था. घायल को स्थानीय लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया था, उसके बाद अस्पताल प्रशासन बुजुर्ग के परिजनों को सूचित करता रहा. लेकिन बुजुर्ग को देखने तक कोई अस्पताल नहीं आया. यहां तक की बुजुर्ग ने 72 घंटे पहले दम भी तोड़ दिया.
डॉक्टर्स ने निभाया अपना धर्मः अस्पताल के डॉक्टर नर्स ने बेसहारा के इलाज में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा. लावारिस हालात में पड़े घायल का इलाज समय-समय पर करते रहे. समुचित देखभाल करते रहे. अस्पताल के डॉक्टर नर्स सभी ने धरती के भगवान कहे जाने का अपना धर्म भी निभाया, लेकिन दूसरी तरफ घायल के परिजनों ने इंसानियत और रिश्ते दोनों को तार-तार कर दिया. घायल की मौत के बाद अस्पताल में डेड बॉडी पड़ा रहा, लेकिन शव को लेने भी कोई नहीं आया.
जीएमसीएच की अधीक्षक डॉ सुधा भारती और मैनेजर शाहनवाज ने बताया कि "मृत बुजुर्ग के परिजनों कों सूचना दे दी गई है. पुलिस को भी सूचना दे दी गई है. लवारिस डेड बॉडी को अस्पताल प्रशासन अपने पास रखती है"