मुजफ्फरपुरः जानवरों से जितना प्यार होता है उतना ही दुख होता है जब वह छोड़कर चला जाता है. ऐसी ही घटना बेगूसराय की एक छात्रा के साथ हुई. दरअसल, यह टॉमी कुत्ता है जिसकी मौत ट्रेन में सफर करने के दौरान हो गयी. एक नहीं बल्कि एक साथ दो कुत्ते की मौत से छात्रा काफी दुखी हो गयी और उसने रास्ते में ही ट्रेन की सफर को अलविदा कह दिया और कार बुक कर अपने कुत्ते के शव को लेकर घर बेगूसराय पहुंची.
दिल्ली से जलपाईगुड़ी तक थी बुकिंगः घटना चंडीगढ़ से चलने वाली न्यू जलपाईगुड़ी जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन की है. बेगूसराय की छात्रा दुर्गा झा ने ट्रेन में सफर के लिए अपने साथ दो कुत्तों की भी बुकिंग करायी थी. सफर की शुरुआत दिल्ली से हुई और जलपाईगुड़ी तक जाना था. सब कुछ ठीक-ठाक था लेकिन रास्ते में अचानक दोनों कुत्ते की तबीयत बिगड़ गयी.
किसी भी स्टेशन पर वेटनरी डॉक्टर नहींः जब दुर्गा झा को कुत्ते की तबीतय बिगड़ने की सूचना मिली तो उसने डॉक्टर को बुलाने की बात कही लेकिन बीच में कहीं भी वेटनरी डॉक्टर नहीं मिले. इस कारण दोनों कुत्ते की हालत खराब हो गयी और हांफने लगा. कुछ देर बाद दोनों ने दम तोड़ दिया. दोनों कुत्ते की मौत के बाद छात्रा ने ट्रेन में जमकर हंगामा किया और ट्रेन की सफर को रास्ते में ही छोड़ दिया.
मुजफ्फरपुर में उतारा कुत्ते का शवः जानकारी के अनुसार कुत्ते की मौत कानपुर के आसपास ही हो गयी थी. मुजफ्फरपुर जंक्शन पर ट्रेन पहुंचने से पहले ही गार्ड ने कंट्रोल रूम को सूचना दे दी थी कि पार्सल यान में रखे कुत्ते की मौत हो गयी है. इसके बाद मुजफ्फरपुर में दोनों कुत्ते के शव को उतारा गया. इस दौरान 20 मिनट तक ट्रेन रूकी रही.
गर्मी के कारण दोनों कुत्ते की मौतः लगभग 11 बजे रात में ट्रेन मुजफ्फरपुर पहुंची थी. कुत्ते की मौत से छात्रा काफी आहात हो गयी और मुजफ्फरपुर में ही ट्रेन की सफर को छोड़ दिया. छात्रा दुर्गा झा अपने दोनों कुत्ते के शव को लेकर कार से बेगूसरया पहुंची. दुर्गा झा ने रेलवे प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. जानकारी के मुताबिक गर्मी ज्यादा होने के कारण दोनों कुत्ते की मौत हो गयी. इस मामले में स्टेशन अधीक्षक अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि 'पार्सल के रिकॉर्ड के अनुसार संबंधित व्यक्ति को दिल्ली में इसकी सूचना दे दी गयी है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.'
ट्रेन में पालतू जानवर ले जाने के नियमः दरअसल, पालतू जानवर को ट्रेन में ले जाने के लिए कई नियमों का पालन करना होता है. इसके लिए रेलवे की ओर से अनुमति ली जाती है. इसके बाद ही ट्रेन में पालतू जानवर सफर कर सकता है. छोटे जानवार को फर्स्ट क्लास ऐसी कोच में ले जाने की अनुमति है लेकिन इसके लिए 2 या 4 बर्थ वाले पूरा कूप बुक कराना पड़ेगा. इसके अलावे पार्सल यान में जानवर को बॉक्स में रखकर ले जा सकते हैं.
पार्सल यान सुरक्षित नहींः हालांकि पार्सल यान में पालतू जानवर को ले जाना खतरे से खाली नहीं होता है. शायद इसी वजह से दुर्गा झा के दोनों कुत्ते की मौत हो गयी. पार्सल यान में कुत्ते का देखभाल नहीं हुआ. गर्मी के कारण उसकी तबीयत बिगड़ गयी और उसकी मौत हो गयी. अगर फर्स्ट क्लास में कुत्ते को ले जाया जाता तो यह सेफ होता. ऑनर अपने जानवर का खानपान का भी ध्यान रख सकते हैं. इसलिए कुत्ते, बिल्ली आदि छोटे जानवार को फर्स्ट क्लास में ही ले जाएं.
कैसे होती है बुकिंगः रेलवे के अनुसार एक ट्रेन में सिर्फ एक डॉग की बुकिंग हो सकती है. पहले आओ पहले पाओ के आधार पर बुकिंग होती है. इसके लिए एडवांस बुकिंग की कोई व्यवस्था नहीं है. 60 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से चार्ज लगता है. अगर एक से ज्यादा डॉग की बुकिंग कराना चाहते हैं तो रेलवे स्पेशन हॉर्स बॉक्सेस उपलब्ध कराता है जिसमें 36 कुत्ते की बुकिंग करा सकते हैं.
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