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उत्तराखंड में डेंगू से निपटने की तैयारी, सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में 10 बेड होंगे रिजर्व - Dengue in Uttarakhand

Dengue in Uttarakhand उत्तराखंड में डेंगू से निपटने को लेकर स्वास्थ्य महकमे में कमर कस ली है. राहत की बात ये है कि अभी तक उत्तराखंड में डेंगू के मरीज सामने नहीं आए हैं. जबकि, सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में 2,095 बेड डेंगू मरीजों के लिए रिजर्व किए गए हैं.

Dengue in Uttarakhand
देहरादून में बैठक (फोटो सोर्स- Information Department)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 22, 2024, 10:51 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में मानसून सीजन के बीच डेंगू का खतरा बढ़ता जा रहा है. बरसात सीजन के दौरान डेंगू समेत जल जनित रोगों की संभावना के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग व्यवस्थाओं दुरुस्त करने की कवायद में जुटी हुई है. इसी कड़ी में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिए कि डेंगू और जल जनित रोगों से बचाव व रोकथाम के लिए जन जागरूकता के साथ ही सर्च अभियान भी तेजी लाई जाए.

मंत्री रावत ने सभी जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि अपने-अपने जिलों में रेखीय विभागों के साथ बैठक कर माइक्रो प्लान तैयार कर योजनाबद्ध तरीके से काम करें. साथ ही विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में 10 फीसदी बेड डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों के लिए रिजर्व रखा जाए. सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने क्षेत्र में ब्लड बैंकों को अलर्ट रखें. साथ ही प्लेटलेट्स और प्लाज्मा के रेट तय कर लगातार मॉनिटरिंग करें. ताकि, किसी भी मरीज को जरूरत पड़ने पर ब्लड, प्लाज्मा या प्लेटलेट्स आसानी से मिल सके.

कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने जिलाधिकारियों को अपने जिलों में सभी रेखीय विभागों की बैठक कर जागरूकता और सर्च अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए. खासकर देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल, पौड़ी और टिहरी जिलों के अधिकारियों को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए. बैठक में प्रभारी अधिकारी एनएचएम पंकज सिंह ने डेंगू नियंत्रण और रोकथाम को लेकर किया जा रहे कामों की जानकारी दी. पंकज ने बताया कि उत्तराखंड में अभी तक डेंगू का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. जो कि आम लोगों के साथ ही विभाग के लिए अच्छी खबर है.

उत्तराखंड में अब तक कोई डेंगू मरीज नहीं मिला: वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस साल डेंगू और अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए विभाग युद्ध स्तर पर अभियान चला रही है. जिसका ही नतीजा है कि अभी तक प्रदेश में एक भी डेंगू का मामला सामने नहीं आया है. स्वास्थ्य अधिकारियों की देखरेख में आशा वर्करों ने 6 लाख घरों में सर्च अभियान चलाकर 23 लाख 64 हजार 375 कंटेनर चेक किए. इस दौरान डेंगू के 3 लाख से ज्यादा लार्वा नष्ट किए गए.

उत्तराखंड में डेंगू मरीजों के लिए 2,095 बेड रिजर्व: राज्य सरकार ने डेंगू की रोकथाम के लिए आशा और अन्य हेल्थ वर्कर के साथ ही 220 डेंगू वालंटियर तैनात किए हैं. अभी तक एक लाख से ज्यादा घरों का सर्वे कर लार्वा को खत्म किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मरीजों के लिए प्रदेशभर के सरकारी और निजी अस्पतालों में मच्छरदानी युक्त 2,095 बेड रिजर्व किए जा चुके हैं. जबकि, सभी राजकीय अस्पतालों में डेंगू के जांच की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है.

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मंत्री रावत ने सभी जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि अपने-अपने जिलों में रेखीय विभागों के साथ बैठक कर माइक्रो प्लान तैयार कर योजनाबद्ध तरीके से काम करें. साथ ही विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में 10 फीसदी बेड डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों के लिए रिजर्व रखा जाए. सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने क्षेत्र में ब्लड बैंकों को अलर्ट रखें. साथ ही प्लेटलेट्स और प्लाज्मा के रेट तय कर लगातार मॉनिटरिंग करें. ताकि, किसी भी मरीज को जरूरत पड़ने पर ब्लड, प्लाज्मा या प्लेटलेट्स आसानी से मिल सके.

कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने जिलाधिकारियों को अपने जिलों में सभी रेखीय विभागों की बैठक कर जागरूकता और सर्च अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए. खासकर देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल, पौड़ी और टिहरी जिलों के अधिकारियों को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए. बैठक में प्रभारी अधिकारी एनएचएम पंकज सिंह ने डेंगू नियंत्रण और रोकथाम को लेकर किया जा रहे कामों की जानकारी दी. पंकज ने बताया कि उत्तराखंड में अभी तक डेंगू का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. जो कि आम लोगों के साथ ही विभाग के लिए अच्छी खबर है.

उत्तराखंड में अब तक कोई डेंगू मरीज नहीं मिला: वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस साल डेंगू और अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए विभाग युद्ध स्तर पर अभियान चला रही है. जिसका ही नतीजा है कि अभी तक प्रदेश में एक भी डेंगू का मामला सामने नहीं आया है. स्वास्थ्य अधिकारियों की देखरेख में आशा वर्करों ने 6 लाख घरों में सर्च अभियान चलाकर 23 लाख 64 हजार 375 कंटेनर चेक किए. इस दौरान डेंगू के 3 लाख से ज्यादा लार्वा नष्ट किए गए.

उत्तराखंड में डेंगू मरीजों के लिए 2,095 बेड रिजर्व: राज्य सरकार ने डेंगू की रोकथाम के लिए आशा और अन्य हेल्थ वर्कर के साथ ही 220 डेंगू वालंटियर तैनात किए हैं. अभी तक एक लाख से ज्यादा घरों का सर्वे कर लार्वा को खत्म किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मरीजों के लिए प्रदेशभर के सरकारी और निजी अस्पतालों में मच्छरदानी युक्त 2,095 बेड रिजर्व किए जा चुके हैं. जबकि, सभी राजकीय अस्पतालों में डेंगू के जांच की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है.

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