बड़वानी: मां नर्मदा की परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं का जत्था बुधवार से राजघाट में नर्मदा किनारे पहुंचना शुरू कर दिया है. बड़वानी सहित आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में आए नर्मदा भक्तों ने बुधवार को नर्मदे हर के जयघोष के बाद धर्मध्वजा पूजन कर पंचकोशी यात्रा का शुभारंभ किया. इस दौरान ठंड में भी श्रद्धालुओं का मनोबल उत्साह से भरा हुआ था.
50 से ज्यादा तटीय क्षेत्रों से गुजरेगी परिक्रमा
मां नर्मदा पंचकोशी पदयात्रा समिति की तरफ से शूलपाणी झाड़ी की 136 वीं पांच दिवसीय पदयात्रा 11 दिसंबर से शुरू हुई. इन पांच दिनों की यात्रा के दौरान बड़वानी और धार जिले में 50 से अधिक तटीय क्षेत्रों से परिक्रमावासी गुजरेंगे. इस यात्रा में बड़वानी, धार और खरगोन जिलों के अलावा कई अन्य जगहों से बड़ी संख्या में यात्री शामिल हुए.
15 दिसंबर को अगहन शुक्ल पूर्णिमा
मां नर्मदा पंचकोशी पदयात्रा समिति के अध्यक्ष शंकर लालजी यादव ने बताया, " बुधवार को परम सद्गुरु स्व. रवींद्र भारती चौरे उज्जैन की स्मृति में बड़वानी के नर्मदा दक्षिण तटवर्ती राजघाट के करीब से यात्रा शुरु हुई. यह पांच दिनों की परिक्रमा 15 दिसंबर को अगहन शुक्ल पूर्णिमा (दत्त जयंती) पर राजघाट पहुंचकर संपन्न होगी"
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पूजन, आरती के बाद संपन्न होगी यात्रा
यात्रा के आखिरी दिन रविवार 15 दिसंबर को पश्चिम दिशा सोडल बाबा मार्ग से होते हुए नर्मदा पुल तक यात्री जाएंगे. फिर यहां से यात्री कसरावद गांव में मां अंबिका आश्रम दर्शन और मां रेवा के युवा संगठन द्वारा तक्षक नाग मंदिर के दर्शन करेंगे. स्वल्पाहार करने के बाद मुख्य सड़क मार्ग से बड़ा भिलट मंदिर दर्शन, बीटीआई सड़क मार्ग से मंडी होते हुए राजघाट पहुंचेंगे. यहां स्नान, ध्वज पूजन और आरती के बाद प्रसाद वितरण के साथ यात्रा संपन्न होगी.