बड़वानी। मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं पर लगातार सवाल उठते हैं. लेकिन इसमें भी कोई शक नहीं कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में प्रतिभाशाली और समर्पित डॉक्टर्स की कमी नहीं है. इसकी झलक कभी-कभी दिख भी जाती है. बड़वानी जिला अस्पताल में भी योग्य और प्रतिभाशाली डॉक्टर्स हैं. डॉक्टर्स ने इसे फिर साबित कर दिखाया है. डॉक्टर्स ने जटिल ऑपरेशन कर दो मरीजों को नया जीवन दिया.
क्या है ट्राईजेमिनल न्यूराल्जिया बीमारी
दरअसल, जिला चिकित्सालय बड़वानी में भर्ती मरीज चंदु बाई उम्र 40 वर्ष निवासी इंदौर एवं सेवंती बाई उम्र 49 वर्ष निवासी सजवानी जिला बड़वानी के परिजनों के अनुसार कुछ वर्षों से इनके चेहरे पर अचानक तेज करंट के झटकों जैसा असहनीय दर्द होता था. ऐसा कुछ सेकंड से मिनट तक रहता था. इस दौरान दर्द निवारक दवाई का भी असर नहीं होता था. इस बीमारी के उपचार के लिए जिला अस्पताल बड़वानी में ऑपरेशन के लिए दोनों महिला मरीजों को लाया गया. इन मरीजों का ऑपरेशन करने वाले क्रेनियोफेशियल सर्जन डॉ. भारत सिंह रावत ने बताया "ट्राईजेमिनल न्यूराल्जिया का दर्द ब्रेन (दिमाग) से निकलने वाली ट्राईजेमिनल नर्व (तंत्रिका) के अतिउत्तेजन एवं दबाव के कारण होता है. जिसका स्थाई इलाज ऑपरेशन ही है."
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एक लाख में किसी को होती है ये बीमारी
डॉक्टर्स का कहना है कि ये बीमारी बहुत कम देखी जाती है. एक लाख में 4 से 5 लोगो को हो सकती है. इस ऑपरेशन को सफल बनाने में क्रेनियोफेशियल सर्जन डॉ. भारत सिंह रावत, सहायक सर्जन डॉ. नरेश अलावे, डॉ. अक्षय साहु, डॉ. उमा गोस्वामी, डॉ. मोनिका मुकाती, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. शीतल खाण्डेकर एवं पैरामेडिकल स्टॉफ शकुन्तला निवडुंगे, पूजा बोड़खे, ठाकुर सिंह गडरिया, सुनिल भगोरे आदि का महत्वपुर्ण योगदान रहा है. सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, डॉ.अनिता सिंगारे के मार्गदर्शन में जिला अस्पताल में ट्राईजेमिनल न्यूराल्जिया के ऑपरेशन हो रहे हैं. ऑपरेशन के बाद दोनों मरीज स्वस्थ्य हैं.