बड़वानी: जिला मुख्यालय पर 12वीं बोर्ड परीक्षा में थोड़ी देरी से पहुंचने के कारण कुछ छात्र-छात्राओं को एग्जाम हॉल में एंट्री नहीं मिली. परीक्षा छूटने और साल खराब होने के डर से परेशान विद्यार्थियों ने केंद्राध्यक्ष से बहुत विनती की, लेकिन फिर भी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया. वे काफी देर तर लगातार प्रवेश के लिए गुहार लगाते रहे. पीड़ित विद्यार्थियों ने इसके खिलाफ आंदोलन करने की बात कही है. एबीवीपी भी विद्यार्थियों के समर्थन में आ गया है. उसने भी इसके खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
'केंद्राध्यक्ष से विनती की, लेकिन उन्होंने एक न सुनी'
मामला जिला मुख्यालय के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-1 का है. मंगलवार सुबह 9 बजे से 12वीं का मध्य प्रदेश बोर्ड का एग्जाम था. तय समय पर सेंटर का गेट बंद कर दिया गया. कुछ देर बाद करीब 8 छात्र-छात्राएं वहां पहुंचे, तो उनको अंदर नहीं जाने दिया गया. छात्र-छात्राएं साल बर्बाद हो जाने की फिक्र में बिलखने लगे, कुछ बच्चे आक्रोशित हो गए. उन्होंने 'केंद्राध्यक्ष की नौकरी खा जाएंगे' जैसी बात कही. बच्चों के साथ आए अभिभावकों ने भी मिन्नत की लेकिन किसी की नहीं सुनी गई.
'तय समय से 2 मिनट पहले पहुंचने पर भी नहीं मिला प्रवेश'
परीक्षा देने आए कक्षा 12वीं के छात्र यशराज ने बताया कि "मैं उत्कृष्ट विद्यालय के परीक्षा केंद्र पर समय से 2 मिनट पहले पहुंच गया था. मगर मुझे अंदर नहीं जाने दिया गया. केंद्राध्यक्ष द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया और मुझे बाहर कर दिया गया. बोला कि आप लेट हो गए हो. जबकि मैं समय सीमा से 2 मिनट पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंच गया था. करीब 8 बच्चों के साथ इस तरीके से व्यवहार किया गया और उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया. यदि हमारा पेपर नहीं होता है तो हम आंदोलन करेंगे. हम चाहते हैं कि हमारा पेपर कराया जाए."
'5-10 मिनट पहले आना चाहिए'
परीक्षा देने से वंचित हुई 12वीं की छात्रा अंबिका यादव ने बताया कि "मैं फिक्स टाइम पर एग्जाम सेंटर पर पहुंच गई थी. मैं जैसे पहुंची वैसे ही सुरक्षाकर्मियों ने गेट बंद कर दिया. बोला कि आपका टाइम खत्म हो गया. उसके बाद हमने केंद्राध्यक्ष से बात की, तो उन्होंने कहा कि तुम्हें एग्जाम देना था तो फिक्स टाइम पर किस लिए आए हो 5-10 मिनट पहले आना चाहिए. अब तुम्हें एंट्री नहीं मिल सकती है. हमने उनसे रिक्वेस्ट भी की लेकिन उन्होंने अंदर नहीं जाने दिया. हमारे साथ 2 लड़कियां और भी थी."
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करीब 8 बच्चे परीक्षा से वंचित हुए
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य यश कारोले ने बताया कि "समय सीमा पर परीक्षा केंद्र पर उपस्थित होने के बावजूद करीब 8 बच्चों को परीक्षा केंद्र में अंदर नहीं लिया गया. हमारी मांग है कि बच्चों को एग्जाम दिलाया जाए. छात्रों का साल बर्बाद नहीं होना चाहिए. नहीं तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन करेगा, जिसकी जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी." ईटीवी भारत के संवाददाता ने इस मामले में केंद्राध्यक्ष से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने परीक्षा का हवाला देकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.