जयपुर. बीकानेर के हाड़ला और बरसिंगसर में बजरी, सिलिका सेंड और बॉल क्ले का जल्द खनन शुरू हो जाएगा. यहां बॉल क्ले का 2.5 से 3 मिलियन टन डिपोजिट संभावित बताया जा रहा है, जबकि बजरी, और सिलिका सेंड की भी सहज उपलब्धता है. हाड़ला बरसिंगसर के गैप एरिया में बजरी, सिलिका सेंड और बॉल क्ले के भण्डार को देखते हुए राज्य सरकार ने नीलामी के लिए प्लॉट ऑक्शन को हरी झण्डी दे दी है.
खान सचिव आनन्दी ने बताया कि बीकानेर के हाडला बरसिंगसर का 272 वर्ग किलोमीटर, भाने का गांव और लौहिया का 319 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को एक अधिसूचना जारी कर अनारक्षित कर दिया गया है. आनन्दी ने बताया कि पूर्व में यह क्षेत्र आरक्षित होने के कारण प्लॉटों का आक्शन नहीं हो पा रहा था. खान सचिव के मुताबिक हाड़ला मेें ही 600 हेक्टेयर में ऑक्शन के लिए प्लॉट तैयार होंगे.
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उन्होंने बताया कि हाड़ला बरसिंगसर के गैप एरिया के 258 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 2 मीटर की गहराई के बाद 5 से 7 मीटर तक बजरी और सिलिका सेंड के डिपोजिट्स उपलब्ध हैं, वहीं 10 मीटर की गहराई में बॉल क्ले के डिपोजिट्स उपलब्ध होने के संकेत है. उन्होंने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार अकेले बॉल क्ले का ही 2.5 से 3 मिलियन टन डिपोजिट होने की संभावना है.
इन जिलों को मिलेगा फायदा : हाड़ला और बरसिंगसर में अवैध खनन पर अब प्रभावी रोक लग सकेगी. इसके साथ ही बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ सहित आसपास के क्षेत्र में बजरी की सहज उपलब्धता संभव हो सकेगी. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में बजरी, सिलिका सेंड और बॉल क्ले के वैध खनन से सरकारी राजस्व में बढ़ोतरी, रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, साथ ही सेरेमिक उद्योग और उसमें रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. क्षेत्र में वैध बजरी की सहज उपलब्धता से बजरी के भावों में कमी आने से आमजन को बड़ी राहत मिलेगी.
गौरतलब है कि इस क्षेत्र में हरियाणा के आसपास के क्षेत्र तक बजरी और सिलिका सेंड की आपूर्ति की जाती है. निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी करने के साथ ही विभाग ने प्लॉट तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि इससे आसपास के क्षेत्र में बजरी की उपलब्धता बढ़ने से आमनागरिकों और निर्माण सेक्टर को लाभ होगा.