बरेली : फरीदपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक रामसेवक द्वारा दो स्मैक तस्करों को छोड़ने के बदले सात लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले में शुक्रवार देर रात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पांच और पुलिसकर्मियों को निलंबित कर एक दारोगा और एक सिपाही को लाइन हाजिर किया है. रिश्वत के मामले में इन पुलिसकर्मियों की कार्य प्रणाली व आचरण संदिग्ध होने पर क्षेत्राधिकारी की रिपोर्ट पर बड़ी कार्रवाई की गई है. वहीं फरार इंस्पेक्टर रामसेवक की तलाश में पुलिस लगी हुई हैं.
बता दें, बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य को सूचना के आधार पर गुरुवार को फरीदपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक के कमरे में छापेमारी की थी. इस दौरान रिश्वत के लगभग 10 लाख रुपये मिलने का मामला सामने आया था. बताया जा रहा है कि गुरुवार रात को दो स्मैक तस्करों को छोड़ने के बदले सात लाख रुपये थाना प्रभारी निरीक्षक रामसेवक के द्वारा लिए गए थे. छापेमारी में फरीदपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक रहे रामसेवक के कमरे से लगभग नौ लाख 96 हजार रुपये बरामद होने के बाद क्षेत्राधिकारी गौरव सिंह की तहरीर पर इंस्पेक्टर रामसेवक के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया था.
पांच पुलिसकर्मियों को किया निलंबित, दो को लाइन हाजिर
फरीदपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक रहे रामसेवक के द्वारा स्मैक तस्करों को छोड़ने के बदले सात लाख रुपये की रिश्वत लेने और उनके कमरे से 10 लाख रुपये बरामद होने के बाद थाने के अन्य पुलिसकर्मियों की भी भूमिका संदिग्ध थी. जांच में पता चला था कि थाने में तैनात हेड कांस्टेबल रिजवान, नीरज, एहसान, कांस्टेबल सौरभ कुमार, कृष्ण कुमार, दारोगा जावेद अली और कांस्टेबल अतुल की भूमिका संदिग्ध रही. इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने क्षेत्राधिकारी फरीदपुर की रिपोर्ट के आधार पर हेड कांस्टेबल रिजवान, नीरज, एहसान कांस्टेबल सौरभ कुमार और कृष्ण कुमार को निलंबित कर दिया. साथ ही दारोगा जावेद अली और सिपाही अतुल वर्मा को लाइन हाजिर कर दिया.