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बनारस एयरपोर्ट पर 13 फीट ऊंचा बापू का चरखा; दिल्ली एयरपोर्ट की तर्ज पर वाराणसी पर दिखेगा खादी का जलवा - Banaras Airport Charkha

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि ये चरखा काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए चहुंमुखी विकास का प्रतीक है.

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बनारस एयरपोर्ट पर 13 फीट ऊंचा बापू का चरखा. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 12, 2024, 2:18 PM IST

वाराणसी: दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगे स्मारक (मॉन्यूमेंट) चरखे की तर्ज पर वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर स्टेनलेस स्टील से बने चरखे का अनावरण गुरुवार को खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में 13 फीट ऊंचे चरखे को लगाने के पीछे केवीआईसी का उद्देश्य राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से नई पीढ़ी को जोड़ने के साथ ही भारत की राष्ट्रीय धरोहर खादी के बारे में लोगों को जागरूक करना है.

खादी ग्रामोद्योग के विकास के बारे में बताते खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार. (Video Credit; ETV Bharat)

अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'नए भारत की नई खादी' ने 'आत्मनिर्भर और विकसित भारत अभियान' को नई दिशा दी है. बापू की विरासत चरखे के वृहद प्रचार-प्रसार के लिए पिछले दिनों देश के विभिन्न जगहों पर स्मारक चरखों की स्थापना की गई है. दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट एवं कनॉट प्लेस स्थित चरखा संग्रहालय में भी पूर्व में चरखे लगाए गए. इसी क्रम में वाराणसी एयरपोर्ट पर भी इसकी स्थापना की गई है. ये चरखा काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए चहुंमुखी विकास का प्रतीक है.

अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा कि राष्ट्रपिता माहत्मा गांधी का चरखा भारतीय स्वतंत्रता का प्रतीक है. चरखे की भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. भारत की नई पीढ़ी के लिए चरखा एवं स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े उसके महत्व को समझाने के लिए देश भर में स्थापित किए जा रहे चरखों का महत्वपूर्ण योगदान है. इस अवसर पर अध्यक्ष ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने चरखे की स्थापना के लिए एयरपोर्ट पर जगह उपलब्ध कराई.

उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में खादी नई ऊंचाइयों पर गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और एमएसएमई मंत्रालय के मार्गदर्शन में स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार खादी और ग्रामोद्योग के कारोबार ने 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर नया कीर्तिमान बनाया है. चरखा क्रांति से पहली बार इस क्षेत्र में 10.17 लाख नए रोजगार सृजित हुए हैं. खादी के 5 लाख कारीगर, जिसमें 80 प्रतिशत महिलाएं हैं, अपनी शक्ति और सामर्थ्य से खादी को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः हवाई पट्टी में घुसकर हेलीकॉप्टर का पार्ट खोल ले गए, पायलट को धमकाया, कहा- हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे

वाराणसी: दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगे स्मारक (मॉन्यूमेंट) चरखे की तर्ज पर वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर स्टेनलेस स्टील से बने चरखे का अनावरण गुरुवार को खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में 13 फीट ऊंचे चरखे को लगाने के पीछे केवीआईसी का उद्देश्य राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से नई पीढ़ी को जोड़ने के साथ ही भारत की राष्ट्रीय धरोहर खादी के बारे में लोगों को जागरूक करना है.

खादी ग्रामोद्योग के विकास के बारे में बताते खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार. (Video Credit; ETV Bharat)

अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'नए भारत की नई खादी' ने 'आत्मनिर्भर और विकसित भारत अभियान' को नई दिशा दी है. बापू की विरासत चरखे के वृहद प्रचार-प्रसार के लिए पिछले दिनों देश के विभिन्न जगहों पर स्मारक चरखों की स्थापना की गई है. दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट एवं कनॉट प्लेस स्थित चरखा संग्रहालय में भी पूर्व में चरखे लगाए गए. इसी क्रम में वाराणसी एयरपोर्ट पर भी इसकी स्थापना की गई है. ये चरखा काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए चहुंमुखी विकास का प्रतीक है.

अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा कि राष्ट्रपिता माहत्मा गांधी का चरखा भारतीय स्वतंत्रता का प्रतीक है. चरखे की भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. भारत की नई पीढ़ी के लिए चरखा एवं स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े उसके महत्व को समझाने के लिए देश भर में स्थापित किए जा रहे चरखों का महत्वपूर्ण योगदान है. इस अवसर पर अध्यक्ष ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने चरखे की स्थापना के लिए एयरपोर्ट पर जगह उपलब्ध कराई.

उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में खादी नई ऊंचाइयों पर गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और एमएसएमई मंत्रालय के मार्गदर्शन में स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार खादी और ग्रामोद्योग के कारोबार ने 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर नया कीर्तिमान बनाया है. चरखा क्रांति से पहली बार इस क्षेत्र में 10.17 लाख नए रोजगार सृजित हुए हैं. खादी के 5 लाख कारीगर, जिसमें 80 प्रतिशत महिलाएं हैं, अपनी शक्ति और सामर्थ्य से खादी को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं.

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