जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य कोटे के नीट पीजी कोर्स 2024 में प्रवेश को लेकर उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने पर रोक लगाते हुए 7 दिन में जवाब मांगा है. हालांकि कोर्ट ने त्रुटि का पता लगाने और कोर्ट के विचार के लिए नई सूची तैयार करने के लिए स्वतंत्रता देते हुए याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए मामले का समाधान करने के लिए कहा है. जस्टिस दिनेश मेहता की बैंच के समक्ष याचिकाकर्ता डॉ पारस सुथार व अन्य की ओर से अधिवक्ता कैलाश जांगिड़ ने याचिकाएं पेश की.
उन्होंने कोर्ट को बताया कि नीट पीजी 2024 के लिए केन्द्र की ओर से आयोजित परीक्षा में याचिकाकर्ताओं ने अधिक अंक प्राप्त किए हैं. जबकि राज्य कोटे से प्रवेश के लिए अनंतिम राज्य मेरिट सूची नीट पीजी में उनसे कम अंक प्राप्त करने वालों को मेरिट में उनसे उपर रखा जा रहा है. इसके अलावा भी मेरिट सूची तैयार करने में कई प्रकार की त्रुटियां रखी गई हैं.
अधिवक्ता जांगिड़ ने कहा कि राज्य मेरिट सूची तैयार करने में कुछ तकनीकी और प्रक्रियात्मक त्रुटि के कारण पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश देने के लिए उम्मीदवारों की सूची त्रुटिपूर्ण है. ऐसे में कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता एनएस राजपुरोहित व केन्द्र सरकार की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल मुकेश राजपुरोहित से इसको लेकर जवाब देने के लिए कहा, तो उन्होंने समय मांगा. जिस पर कोर्ट ने 5 दिसम्बर को सुनवाई रखी है. इसके साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई तक राज्य कोटे से नीट पीजी पाठ्यक्रम की सूची को अंतिम रूप देने पर रोक लगा दी है.