बालाघाट। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने जहां एक ओर किसानों की फसल को चौपट कर दिया है, तो वहीं दूसरी ओर समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी गई हजारों क्विंटल धान लापरवाही के चलते बारिश की भेंट चढ़ गई. मामला बालाघाट जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर डोंगरिया स्थित ओपन कैब का है. जहां शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी कर भंडारित किया गया है. यहां भंडारित धान का मिलर्स द्वारा उठाव किया जा रहा है, लेकिन अभी भी भारी मात्रा में यहां पर धान के ढेर लगे हुए हैं.
भीगी धान अंकुरित होकर हो जाएगी खराब
कुछ दिनों से जिले में बारिश ने कहर बरपाया है. इसको लेकर मौसम विभाग द्वारा पहले ही आगाह करा दिया गया था. बावजूद इसके जिम्मेदारों ने ओपन कैब में भंडारित धान को समय पर ढंकने का कार्य नहीं किया, जिसके चलते हजारों क्विंटल धान पानी मे भीग गया. जो आने वाले समय मे अंकुरित होकर खराब हो जाएगा. मगर इस बात से जवाबदारों को कोई सरोकार नहीं है. भंडारित धान को तिरपाल आदि से कवर नहीं किया गया. जबकि शासन द्वारा इनकी सुरक्षा के लिये पर्याप्त मात्रा में आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराया जाता है.
![Balagaht Rain Hailstorm](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/21-03-2024/mp-blg-01-dhaan-kharab-pkg-mp10072_20032024201817_2003f_1710946097_851.jpg)
जिम्मेदारों की लापरवाही, अब प्रशासन दे रहा जांच का हवाला
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि ऐसा यहां पहली बार नहीं हुआ है. इसके पहले भी इस तरह की लापवाही का मंजर देखने मिला है. जिसके चलते लाखों क्विंटल धान बारिश की भेंट चढ़ गया. कुछ ग्रामीणों का कहना है कि जवाबदारों द्वारा जानबूझकर धान की बोरियों को कवर नहीं किया जाता है. बाद में जितना धान खराब होता है, उससे ज्यादा सरकारी आंकड़े में दर्शाकर बंदरबाट कर लिया जाता है. इस मामले में एसडीएम कमल सिंहवार का कहना है "बीते दिन से हो रही बारिश को देखते हुए फूड इंस्पेक्टर और कैब प्रबंधन को निर्देशित किया गया है कि धान को पूरी तरह ढंककर रखें. धान भीगने की जांच की जाएगी."