प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधीनस्थ न्यायालयों को निर्देश दिया है जिन मुकदमों में अभियुक्तों द्वारा जानबूझकर ट्रायल को विलंबित करने का प्रयास किया जाए, अदालतें उस अभियुक्त की जमानत निरस्त कर दें. कोर्ट ने अदालत को समय सीमा के भीतर ट्रायल पूरा करने को लेकर कई निर्देश भी दिए हैं. सराय ममरेज के सर्वजीत तिवारी हत्याकांड के अभियुक्त नीरज गौतम की जमानत अर्जी खारिज करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने दिया है. जमानत अर्जी का अधिवक्ता विनय कुमार तिवारी ने विरोध किया.
मामले के अनुसार सारी सरायममरेज निवासी सर्वजीत तिवारी को आकाश उर्फ बंटी हरिजन और उसका भांजा नीरज गौतम अपने साथ नीरज के गांव जौनपुर के बरसठी लिवा गए थे. वहां पर दोनों ने मिलकर सर्वजीत की हत्या कर दी. पुलिस ने जांच में उन दोनों की मोबाइल लोकेशन और मृतक की मोबाइल लोकेशन पास पास पाई. नीरज गौतम के घर से खून आलूदा मिट्टी और हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी तथा देसी तमंचा भी बरामद किया गया. अभियुक्तों के विरुद्ध उपलब्ध साक्ष्य और घटना की गंभीरता को देखते हुए देखते हुए कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
साथ ही अदालत ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि मुकदमे का ट्रायल एक वर्ष के भीतर पूरा किया जाए. किसी भी पक्ष को अनावश्यक समय न दिया जाए. यदि पक्षकारों की ओर से मुकदमे को विलंबित करने के लिए प्रयास किया जाता है, तो उन पर हर्जाना भी लगाया जाए. कोर्ट ने कहा कि यदि अभियुक्त की ओर से मुकदमे को विलंबित करने की कोशिश की जा रही हो, तो ऐसे अभियुक्त की जमानत निरस्त कर दी जाए.
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