वाराणसी: आध्यात्मिक यात्रा पर बाबा नगरी में पहुंचे बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री ने शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया. उसके बाद अपने भक्तों के बीच पहुंच गए. वहीं इससे पहले गुरुवार की देर रात उन्होंने महाश्मशान मणिकर्णिका पर घंटों बिताया. बागेश्वर सरकार रात के अंधेरे में गलियों में टहलते नजर आए और जलती चिताओं के बीच पहुंचकर उन्होंने काशी के अद्भुत स्वरूप को समझने की कोशिश की. मृतक के परिजनों को सांत्वना दी तो वहीं गंगा की गोद में खड़ी नावों पर बैठकर ध्यान लगाकर चाय की चुस्कियां लगाते भी दिखे.
मीडिया से बातचीत करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि, हम भगवान विश्वनाथ के दर्शन करने आए थे. रात में हमने माता कुष्मांडा और मणिकर्णिका का घाट का भ्रमण किया. उन्होंने कहा कि, हमारे दादा गुरु का श्री यही पूर्ण हुआ था. उन्होंने कहा कि, यहां बाबा विश्वनाथ का भव्य दरबार है. यहां बस एक ही कमी है कि, काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में बिकने वाले मांस मदिरा की दुकानों को पूर्ण रूप से बंद कर दिया जाए.
वहीं तिरुपति मंदिर में मिलावटी लड्डू के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि, यह देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है. मठों और मंदिरों में जितने भी आचार्य हैं उनको अगर अपने मंदिरों के प्रसाद की शुद्धता का ध्यान रखना है तो हर मंदिरों में एक अपनी गौशाला होनी चाहिए.
इससे पहले बागेश्वर धाम सरकार ने गंगा महल कोठी में रात्रि विश्राम किया था. गंगा महल कोठी पहुंचने पर कोठी में प्रवेश करने के पहले मां गंगा को बागेश्वर धाम ने नमन करने के साथ कोठी के भीतर प्रवेश किया. वहीं बागेश्वर सरकार के आने की सूचना पर बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई. बागेश्वर धाम का स्वागत राज परिवार से जुड़े अनिल प्रताप सिंह ने किया.
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