चमोली: बदरीनाथ धाम के पंडा समाज और तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार 13 मई को जिला प्रशासन और बदरी-केदार समिति के खिलाफ जमकर हंगामा किया. प्रदर्शनकारियों ने चमोली जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो वे बदरीनाथ धाम में किसी भी श्रद्धालु को नहीं आने दे. पंडा समाज और तीर्थ पुरोहितों के साथ-साथ स्थानीय व्यापारियों ने भी बाजार बंद कर दिया था, जिससे तीर्थयात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
बता दें कि 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए है. इस बार चमोली जिला प्रशासन और बदरी-केदार मंदिर समिति ने व्यवस्थाओं में कई फेरबदल किया है, जिससे खिलाफ बदरीनाथ धाम के पंडा समाज और तीर्थ पुरोहितों ने हंगामा किया. साथ ही बदरीनाथ धाम का बाजार भी बंद कर दिया था. पंडा पुरोहित समाज का कहना है कि सैकड़ों सालों से बदरीनाथ धाम के हक्क हकूक उनके पास है.
उनका कहना है कि वो बदरीनाथ धाम की व्यवस्थाओं को लेकर हमेशा से अपनी जिम्मेदारियां को बखूबी समझते रहे हैं, लेकिन जिस तरह से बदरी केदार मंदिर समिति और प्रशासन की मिली भगत से स्थानीय लोगों को रोका जा रहा और टोकने के लिए जगह-जगह गेट लगाए गए हैं, उसे वो बर्दाश्त नहीं करेंगे. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने बामणी गांव को जाने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया है.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि स्थानीय हकहकूक धारी के भी मंदिर तक पहुंचाने के लिए कई तरह की बंदिशे लगाई गई है, जो ठीक नहीं है, जिसका वो पुरजोर विरोध करते है. वहीं, धामों में VIP दर्शन को रोकने के लिए भी उत्तराखंड सरकार और मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, लेकिन सरकार ने इस पर अभीतक कोई फैसला नहीं लिया. करीब 2 घंटे के प्रदर्शन के बाद SDM चंद शेखर वशिष्ठ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को शांत कराया और उन्हें भरोसा दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा.
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