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बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा के होम में उमड़ा आस्था का सैलाब, एक दिन में हुए सैकड़ों मुंडन

सराज घाटी के आराध्य बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा के होम उत्सव में इस साल देवता से विश्व शांति के लिए गौदान करवाया गया.

Seraj Valley Devta Bada Dev Hom
सराज के आराध्य देव बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

सराज: मंडी जिले में सराज घाटी के देवता बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा का होम जिसे जाग भी कहा जाता है, धूमधाम से मनाया गया. ये उत्सव रविवार रात और सोमवार के दिन मनाया गया. जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने शिरकत की. भक्तों ने उत्सव में हाजिरी लगाकर देव विष्णु मतलोड़ा से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया. उत्सव के दौरान पूरी घाटी वाद्य यंत्रों की धुनों पर गूंज उठी.

फूलों की बारिश से देवता का स्वागत

वहीं, उत्सव में देवता के पहुंचने पर भक्तों ने उनपर फूलों की बारिश की और देवता का भव्य स्वागत किया. बता दें कि सराज घाटी में लोगों में देव विष्णु मतलोड़ा के प्रति अटूट आस्था है. देव मतलोड़ा की सात हारें (हार- कई गांवों का समूह) हैं. इसमें सिर्फ सराज की 30 पंचायतों से करीब 80 हजार से ज्यादा परिवार हैं. वहीं, सराज के साथ-साथ जिला कुल्लू और बाहरी राज्यों से भी कई श्रद्धालुओं ने देवता के उत्सव में हाजरी भरी.

मंडी में देवता विष्णु मतलोड़ा की जाग (ETV Bharat)

2 घंटे की खड़ी चढ़ाई कर मूल स्थान पहुंचे देवता

सोमवार सुबह को देवता विष्णु मतलोड़ा अपने लाव-लश्कर के साथ अपनी नवनिर्मित कोठी चौहठ से सुबह सवा पांच बजे देव कांडा के लिए रवाना हुए. देवरथ के साथ हजारों लोगों की जलेब शुरू हुई. इस दौरान सैकड़ों पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूंज के साथ लोगों ने देवता के रथ को लेकर 2 घंटे की खड़ी चढ़ाई तय की और देवता के मूल स्थान देव कांडा पहुंचाया गया. जहां देवता को फूल मालाओं से सजाया गया, जिसके बाद देवता को उनके देऊरे पहुंचाया गया. इसके अलावा सिर्फ 150 मीटर के रास्ते के लिए देवता संग देवलुओं को ढाई घंटे का समय लगा. देवता के आने के बाद पंडितों ने देवता की आरती की और देवता के होम की धार्मिक रस्में नारियल से की गई.

Seraj Valley Devta Bada Dev Hom
बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा का होम उत्सव (ETV Bharat)

एक दिन में हुए सैकड़ों मुंडन

सराज घाटी के आराध्य देव बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा के होम में के दिन सैकड़ों मुंडन करवाए गए. घाटी के बुजुर्गों के मुताबिक निसंतान दंपति संतान सुख के लिए देवता के पास अपनी मन्नत लेकर आते हैं और बच्चे का मुंडन यही कराने का वादा किया जाता है. जिसके बाद देव मतलोड़ा के आशीर्वाद से अगर दंपति को संतान प्राप्त होती है तो ऐसे में अगर दंपति को पुत्र प्राप्ति हुई हो तो उसका मुंडन यहीं कराया जाता है. ये ही कारण है कि एक ही दिन में यहां सैकड़ों की संख्या में मुंडन किए जाते हैं.

क्या है मुंडन?

सराज घाटी में देवता से मांगी मन्नत के बाद जब घर में बच्चे लड़का का जन्म होता है तो बच्चे के केश अथवा बाल नहीं काटे जाते हैं. जब देव विष्णु मतलोड़ा का होमा होता है, उस समय ही पहली बार देवता के गूर द्वारा बच्चे के बाल काटे जाते हैं, जिसे मुंडन कहा जाता है.

देवता के गूर से डाली 'पूछ'

देवता के इस पर्व में सराज और प्रदेशभर से आए श्रद्धालुओं ने अपनी देव विष्णु मतलोड़ा के सामने अपनी समस्याओं को रखा और अपनी मन्नतों को लेकर देवता के गूर (पुजारी) से पूछ डाली. बड़ा देव, विष्णु भगवान का ही रूप हैं. जिन्हें सराज में बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा के नाम से जाना जाता है. उत्सव को लेकर देवलुओं और स्थानीय लोगों ने दिनभर नाटी डाली. नाची में महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया.

Seraj Valley Devta Bada Dev Hom
देवता से आशीर्वाद लेते श्रद्धालु (ETV Bharat)

सालों से मनाया जा रहा उत्सव

देवता के पुजारी टिके राम शर्मा ने बताया कि देवता के इस होम को कई सालों से मनाया जा रहा है. इस साल देवता की आज्ञानुसार इस होम को मनाया जा रहा है. इसमें हजारों श्रद्धालु शिरकत करते हैं. होम का दिन कौन सा होगा, इसके लिए कार्तिक संक्रांति के दिन पंडित द्वारा गणना की जाती है और उसी के अनुसार होम का दिन तय किया जाता है. जिसके बाद ये पर्व धूमधाम से मनाया जाता है.

विश्व शांति के लिए देवता से करवाया गौदान

देव मतलोड़ा के पुजारी पंडित टिके राम शर्मा ने बताया कि विश्व शांति और आम जनमानस पर कोई विपदा न आए, इसके लिए हर तीसरे साल देव मतलोड़ा के मूल स्थान देव कांडा खरशू में गौदान किया जाता है. देवता गौदान देवता के पुजारी को करते हैं, जो इस साल भी करवाया गया.

ये भी पढ़ें: सराज घाटी के बड़ा देव मतलोड़ा का होम, भगवान विष्णु के हैं स्वरूप!

सराज: मंडी जिले में सराज घाटी के देवता बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा का होम जिसे जाग भी कहा जाता है, धूमधाम से मनाया गया. ये उत्सव रविवार रात और सोमवार के दिन मनाया गया. जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने शिरकत की. भक्तों ने उत्सव में हाजिरी लगाकर देव विष्णु मतलोड़ा से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया. उत्सव के दौरान पूरी घाटी वाद्य यंत्रों की धुनों पर गूंज उठी.

फूलों की बारिश से देवता का स्वागत

वहीं, उत्सव में देवता के पहुंचने पर भक्तों ने उनपर फूलों की बारिश की और देवता का भव्य स्वागत किया. बता दें कि सराज घाटी में लोगों में देव विष्णु मतलोड़ा के प्रति अटूट आस्था है. देव मतलोड़ा की सात हारें (हार- कई गांवों का समूह) हैं. इसमें सिर्फ सराज की 30 पंचायतों से करीब 80 हजार से ज्यादा परिवार हैं. वहीं, सराज के साथ-साथ जिला कुल्लू और बाहरी राज्यों से भी कई श्रद्धालुओं ने देवता के उत्सव में हाजरी भरी.

मंडी में देवता विष्णु मतलोड़ा की जाग (ETV Bharat)

2 घंटे की खड़ी चढ़ाई कर मूल स्थान पहुंचे देवता

सोमवार सुबह को देवता विष्णु मतलोड़ा अपने लाव-लश्कर के साथ अपनी नवनिर्मित कोठी चौहठ से सुबह सवा पांच बजे देव कांडा के लिए रवाना हुए. देवरथ के साथ हजारों लोगों की जलेब शुरू हुई. इस दौरान सैकड़ों पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूंज के साथ लोगों ने देवता के रथ को लेकर 2 घंटे की खड़ी चढ़ाई तय की और देवता के मूल स्थान देव कांडा पहुंचाया गया. जहां देवता को फूल मालाओं से सजाया गया, जिसके बाद देवता को उनके देऊरे पहुंचाया गया. इसके अलावा सिर्फ 150 मीटर के रास्ते के लिए देवता संग देवलुओं को ढाई घंटे का समय लगा. देवता के आने के बाद पंडितों ने देवता की आरती की और देवता के होम की धार्मिक रस्में नारियल से की गई.

Seraj Valley Devta Bada Dev Hom
बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा का होम उत्सव (ETV Bharat)

एक दिन में हुए सैकड़ों मुंडन

सराज घाटी के आराध्य देव बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा के होम में के दिन सैकड़ों मुंडन करवाए गए. घाटी के बुजुर्गों के मुताबिक निसंतान दंपति संतान सुख के लिए देवता के पास अपनी मन्नत लेकर आते हैं और बच्चे का मुंडन यही कराने का वादा किया जाता है. जिसके बाद देव मतलोड़ा के आशीर्वाद से अगर दंपति को संतान प्राप्त होती है तो ऐसे में अगर दंपति को पुत्र प्राप्ति हुई हो तो उसका मुंडन यहीं कराया जाता है. ये ही कारण है कि एक ही दिन में यहां सैकड़ों की संख्या में मुंडन किए जाते हैं.

क्या है मुंडन?

सराज घाटी में देवता से मांगी मन्नत के बाद जब घर में बच्चे लड़का का जन्म होता है तो बच्चे के केश अथवा बाल नहीं काटे जाते हैं. जब देव विष्णु मतलोड़ा का होमा होता है, उस समय ही पहली बार देवता के गूर द्वारा बच्चे के बाल काटे जाते हैं, जिसे मुंडन कहा जाता है.

देवता के गूर से डाली 'पूछ'

देवता के इस पर्व में सराज और प्रदेशभर से आए श्रद्धालुओं ने अपनी देव विष्णु मतलोड़ा के सामने अपनी समस्याओं को रखा और अपनी मन्नतों को लेकर देवता के गूर (पुजारी) से पूछ डाली. बड़ा देव, विष्णु भगवान का ही रूप हैं. जिन्हें सराज में बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा के नाम से जाना जाता है. उत्सव को लेकर देवलुओं और स्थानीय लोगों ने दिनभर नाटी डाली. नाची में महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया.

Seraj Valley Devta Bada Dev Hom
देवता से आशीर्वाद लेते श्रद्धालु (ETV Bharat)

सालों से मनाया जा रहा उत्सव

देवता के पुजारी टिके राम शर्मा ने बताया कि देवता के इस होम को कई सालों से मनाया जा रहा है. इस साल देवता की आज्ञानुसार इस होम को मनाया जा रहा है. इसमें हजारों श्रद्धालु शिरकत करते हैं. होम का दिन कौन सा होगा, इसके लिए कार्तिक संक्रांति के दिन पंडित द्वारा गणना की जाती है और उसी के अनुसार होम का दिन तय किया जाता है. जिसके बाद ये पर्व धूमधाम से मनाया जाता है.

विश्व शांति के लिए देवता से करवाया गौदान

देव मतलोड़ा के पुजारी पंडित टिके राम शर्मा ने बताया कि विश्व शांति और आम जनमानस पर कोई विपदा न आए, इसके लिए हर तीसरे साल देव मतलोड़ा के मूल स्थान देव कांडा खरशू में गौदान किया जाता है. देवता गौदान देवता के पुजारी को करते हैं, जो इस साल भी करवाया गया.

ये भी पढ़ें: सराज घाटी के बड़ा देव मतलोड़ा का होम, भगवान विष्णु के हैं स्वरूप!
Last Updated : 2 hours ago
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