जोधपुर. शहर के कुड़ी भगतासनी स्थित एक सरकारी स्कूल में एक शिक्षक आशीर्वाद देने के बहाने छात्राओं को पास बुलाकर बैड टच करता था और उनके साथ फोटो लेता था. छात्राओं ने गरिमा पेटी में शिकायत डाली. जिसके बाद विद्यालय कमेटी ने जांच कर रिपोर्ड अधिकारियों को भेज दी, लेकिन विभाग में प्रक्रिया इतनी सुस्त है कि इसमें एक पखवाड़ा लग गया. इस दौरान आरोपी शिक्षक स्कूल आता रहा. छात्राओं को धमकाने के प्रयास होते रहे. शुक्रवार को संयुक्त निदेशक ने शिक्षक दिनेश विश्नोई को चार्जशीट देकर एपीओ के आदेश जारी किए. इसकी वजह जोधपुर संयुक्त निदेशक का काम बीकानेर के अधिकारी के पास होना बताया गया है.
स्कूल की प्राचार्या ममता कंवर के अनुसार 30 जनवरी को गरिमा पेटी में सामूहिक शिकायत मिली थी, जिसकी जानकारी उसी दिन सीडीईओ को दे गई थी. 31 जनवरी को छात्राओं के बयान दर्ज कर रिपोर्ट भेज दी गई. वहीं, 2 फरवरी शिक्षा मंत्री आए थे, इसलिए जांच दल नहीं आया. अगले दिन जांच टीम ने प्राथमिक जांच की और 9 फरवरी को शिक्षक को ऑफ लाइन एपीओ करने के आदेश दिए गए. 16 फरवरी की शाम को संयुक्त निदेशक ब्रह्मानंद महर्षि द्वारा शिक्षक को चार्जशीट देकर एपीओ कर धवा मुख्यालय के आदेश व्हाट्सएप पर मिले हैं. अब मामले की विस्तृत जांच होगी.
छात्राओं की सामूहिक शिकायतः गरिमा पेटी में कक्षाओं की छात्राओं की सामूहिक शिकायत मिली थी. इसके बाद आरोपी शिक्षक के खिलाफ सीडीईओ (मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी) कार्यालय से शुरुआती जांच के लिए बनी कमेटी में एसीबीईओ मिथिला चारण, आरपी अशोक अमरावत, प्रकाश भाटी एसएनटी पूंजला रेनू व्यास को शामिल किया था. 3 फरवरी को इस टीम ने स्कूल की छात्राओं के बयान लिए. कई छात्राओं ने शिक्षक द्वारा बैड टच करने और फोटो खींचने का आरोप लगाया.
कक्षा में फोन पर है पाबंदी : शिक्षा विभाग के मैनुअल के अनुसार कोई भी शिक्षक कक्षा में अध्यापन के दौरान मोबाइल अपने साथ नहीं रख सकता, लेकिन इसकी पालना कहीं पर भी नहीं हो रही है. शिक्षक और शिक्षिकाएं बेधड़क अपने मोबाइल क्लास में बच्चों के सामने चलाते हैं. ज्यादातर रील देखते हैं, लेकिन कोई भी प्रिंसिपल इसको लेकर कार्रवाई नहीं करता.
सामूहिक शिकायत, 8 ने की पुष्टि : प्रिंसिपल ममता कंवर ने बताया कि सामूहिक शिकायत मिली थी. प्रारंभिक जांच में 8 छात्राओं ने इसकी पुष्टि की थी. विभाग से आई टीम ने जांच रिपोर्ट बनाई. मुझे आज निर्देश मिले हैं कि शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए. यह प्रकिया पूरी की जाएगी, बाकी जांच में भी स्कूल सहयोग करेगा.