गढ़वा: सरकार द्वारा मिल रही तमाम व्यवस्थाओं के बीच सरकारी विद्यालयों के व्यवस्था अभी तक नहीं सुधर रहे हैं. डिजिटल युग के बावजूद गढ़वा जिला में एक सरकारी हाई स्कूल में फर्श पर बैठकर बच्चे पढ़ने को विवश हैं. स्कूल को वित्तीय वर्ष 2015-16 में उत्क्रमित उच्च विद्यालय का दर्जा मिलने के बावजूद अभी तक स्कूल को बेंच और डेस्क नहीं मिला है.
अव्यवस्था के बीच पढ़ने को विवश हैं बच्चे
सरकार की उदासीनता के कारण चिनिया प्रखंड के बरवाडीह उत्क्रमित उच्च विद्यालय में छात्र-छात्राएं आज भी फर्श पर बैठ कर पढ़ने को विवश हैं. यह स्कूल उत्क्रमित मध्य विद्यालय से वर्ष 2015-16 में उत्क्रमित उच्च विद्यालय के अस्तित्व में आया है. इसके बाद उत्क्रमित उच्च विद्यालय का अपना अलग भवन भी बन गया. विद्यालय भवन अलग बनने के बाद बच्चों को बैठने के लिए अलग से बेंच, डेस्क की व्यवस्था होनी चाहिए जो नहीं हुआ. इस कारण विद्यार्थी फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.
इस विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बताया कि वे सालों भर जाड़े की मौसम, बरसात या भीषण गर्मी के मौसम में भी फर्श पर ही बैठ कर पढ़ते हैं. इस विद्यालय में 210 बच्चे नामांकित हैं. बच्चों ने बताया कि विद्यालय में बेंच, डेस्क नहीं होने के कारण फर्श पर प्लास्टिक की चटाई बिछाकर बैठते हैं और पढ़ाई करते हैं. जाड़े की मौसम में उन्हें बहुत ज्यादा ठंड लगती है. करीब चार महीने ठंड में फर्श पर बैठने से ठंड लग जाती है और कई बच्चे बीमार पड़ जाते हैं. वहीं बरसात व गर्मी के महीने में भी फर्श पर ही बैठना पड़ता है.
स्टूडेंट्स ने कहा कि वे लोग प्राथमिक व मध्य विद्यालय में बेंच, डेस्क पर बैठ कर पढ़ाई करते थे. यहां उच्च विद्यालय में आने के बाद उन्हें फर्श पर बैठ कर पढ़ना पड़ रहा है. छात्रों ने कहा कि कई घंटों तक लगातार फर्श पर बैठे-बैठे हाथ पैर में दर्द करने लगता है. बच्चों ने कहा कि फर्श पर बैठ कर पढ़ने-लिखने में काफी परेशानी होती है. वहीं बच्चों ने बताया कि क्लास रूम में बिजली पंखा नहीं है. गर्मी के दिनों में गर्मी बहुत लगती है.
विद्यालय की खराब व्यवस्था को लेकर पूछे जाने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी अनुराग मिंज ने कहा कि मीडिया के माध्यम से ये मामला संज्ञान में आया है. इसको लेकर जल्द ही विभाग को पत्राचार कर सभी बच्चों को बेंच, डेस्क उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही सरकार के द्वारा जो भी सुविधा मिलनी चाहिए सारी सुविधा को जल्द से जल्द मुहैया कराने की बात उन्होंने कही है.
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