ETV Bharat / state

गोड्डा में बाबूलाल के चुनावी भाषण की खूब हो रही चर्चा, चुनावी सभा में प्रदीप यादव का नाम लिए बगैर कांग्रेस पर साधा निशाना - Lok Sabha Election 2024

Babulal election speech in Godda. झारखंड में सातवें और आखिरी चरण के लोकसभा चुनाव में संथाल परगना की तीन सीट गोड्डा, दुमका और राजमहल में एक जून को वोटिंग होगी. इसे लेकर सभी दलों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. इस कड़ी में बीते दिनों बाबूलाल पोड़ैयाहाट में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे. उनके भाषण की इन दिनों गोड्डा में खूब चर्चा हो रही है.

author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 29, 2024, 7:54 PM IST

Babulal Election Speech In Godda
बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव. (फोटो-ईटीवी भारत)

गोड्डाः लोकसभा चुनाव को लेकर गोड्डा में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है और चौक-चौराहों पर चुनाव की चर्चा आम है, पर इन दिनों झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के पोड़ैयाहाट में दिए गए चुनावी भाषण की चर्चा खूब हो रही है. लोगों का कहना है कि बाबूलाल में चुनावी सभा में भाषण के दौरान एक बार भी इंडिया गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप यादव की आलोचना नहीं की. उनके निशाने पर सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस पार्टी रही.

गोड्डा के पोड़ैयाहाट में जनसभा को संबोधित करते बाबूलाल मरांडी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

कभी बाबूलाल और प्रदीप की दोस्ती की दी जाती थी मिसाल

इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार पत्रकार हेमचंद्र कहते हैं कि एक वक्त था जब बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव की राजनीतिक दोस्ती की मिसाल दी जाती थी. ये दोस्ती पिछले 2019 के विधानसभा चुनाव तक चली थी. 2019 के विधानसभा चुनाव में पूर्व में बाबूलाल की पार्टी झाविमो से तीन विधायक चुनकर आए थे, लेकिन इनमें प्रदीप यादव और बंधु तिर्की आज कांग्रेस के साथ चले गए और बाबूलाल मरांडी अपने पुराने घर भाजपा में चले गए.

पत्रकार हेमचंद्र ने कहा कि सर्वविदित है कि पहली बार जब बाबूलाल मुख्यमंत्री बने तो प्रदीप यादव को नंबर दो की हैसियत दी. उन्होंने प्रदीप यादव को ग्रामीण विकास मंत्री बनाया. फिर प्रदीप अर्जुन मुंडा की सरकार में भी मानव संसाधन मंत्री भी बने. लेकिन बाद में जब बाबूलाल मरांडी ने भाजपा छोड़ी और झाविमो बनाया तो प्रदीप यादव ने दोस्ती निभाई और वह भी झाविमो में चले गए. बाबूलाल मरांडी विधायक, सांसद दोनों का चुनाव हार गए. तब प्रदीप यादव के नेतृत्व में आठ लोगों ने झाविमो के टिकट पर चुनाव जीता. लेकिन सात लोग दल बदल कर भाजपा में चले गए. लेकिन प्रदीप यादव ने तब भी बाबूलाल का साथ नहीं छोड़ा और पिछले विधानसभा में भी साथ पार्टी को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और तीन सीट जीताने में मदद की.

पोड़ैयाहाट में बाबूलाल के भाषण में निशाने पर रही कांग्रेस

पत्रकार हेमचंद्र कहते हैं कि अब लोकसभा चुनाव 2024 में जब बाबूलाल मरांडी भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से प्रचार करने पोड़ैयाहाट पहुंचे तो उन्होंने लंबा भाषण दिया. पूरे भाषण में उनके निशाने पर कांग्रेस रही. साथ ही बाबूलाल ने भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने झारखंड को भाजपा की बाजपेयी को देन बाताया और मोदी जी की प्रशांसा की, लेकिन एक बार भी प्रदीप यादव का नाम अपनी जुबान से नहीं बोले, न ही कुछ आलोचना की. जबकि इस दौरान उस मंच पर निवर्तमान सांसद सह बीजेपी प्रत्याशी निशिकांत दुबे मौजूद थे, जो प्रदीप यादव की आलोचना का कोई मौका नहीं चूकते हैं.

इस संबंध में पत्रकार हेमचंद्र कहते हैं कि प्रदीप और बाबूलाल का रिश्ता दिखने में फिलहाल कड़वाहट वाला जरूर लग रहा है, लेकिन ये बात गोड्डा लोकसभा के लोग भली-भांति जानते हैं कि झारखंड में सबसे लंबी दोस्ती का अब तक का रिकॉर्ड प्रदीप और बाबूलाल के ही नाम है. क्योंकि राजनीती के बुरे वक्त में बाबूलाल का ज्यादा वक्त गोड्डा में ही गुजरता था. क्योंकि एक मात्र विधायक झाविमो के प्रदीप यादव ही थे.

बाबूलाल और प्रदीप में सम्मान का रिश्ता!

राजनीति के जानकार यह भी बताते हैं कि प्रदीप यादव ने बाबूलाल की दोस्ती में अपनी राजनैतिक करियर दांव पर लगा दिया तो अच्छे वक्त में बाबूलाल ने भी प्रदीप का साथ दिया. और शायद इनके बीच एक सम्मान का रिश्ता कायम है. जहां राजनीतीक आलोचना मजबूरी तो हो सकती है और संभवतः प्रदीप यादव भी कम ऐसे मौके होते हैं जहां बाबूलाल के विरुद्ध जोरदार विरोध दर्ज कराते हों.

ये भी पढ़ें-

WATCH: गोड्डा में उतरे भोजपुरिया सितारे, निरहुआ और आम्रपाली ने निशिकांत दुबे के लिए मांगा वोट - Lok Sabha Election 2024

एक क्लिक में जानें संथाल में किसका लहराएगा परचम, राजमहल, दुमका और गोड्डा में क्या है समीकरण, किसका पलड़ा है भारी - Lok Sabha Election 2024

संथाल में दो दशक के सुखाड़ खत्म करने की कोशिश में कांग्रेस! 2004 के बाद लोकसभा चुनाव में खाली रही देश की सबसे पुरानी पार्टी की झोली - Lok Sabha Elections 2024

गोड्डाः लोकसभा चुनाव को लेकर गोड्डा में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है और चौक-चौराहों पर चुनाव की चर्चा आम है, पर इन दिनों झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के पोड़ैयाहाट में दिए गए चुनावी भाषण की चर्चा खूब हो रही है. लोगों का कहना है कि बाबूलाल में चुनावी सभा में भाषण के दौरान एक बार भी इंडिया गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप यादव की आलोचना नहीं की. उनके निशाने पर सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस पार्टी रही.

गोड्डा के पोड़ैयाहाट में जनसभा को संबोधित करते बाबूलाल मरांडी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

कभी बाबूलाल और प्रदीप की दोस्ती की दी जाती थी मिसाल

इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार पत्रकार हेमचंद्र कहते हैं कि एक वक्त था जब बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव की राजनीतिक दोस्ती की मिसाल दी जाती थी. ये दोस्ती पिछले 2019 के विधानसभा चुनाव तक चली थी. 2019 के विधानसभा चुनाव में पूर्व में बाबूलाल की पार्टी झाविमो से तीन विधायक चुनकर आए थे, लेकिन इनमें प्रदीप यादव और बंधु तिर्की आज कांग्रेस के साथ चले गए और बाबूलाल मरांडी अपने पुराने घर भाजपा में चले गए.

पत्रकार हेमचंद्र ने कहा कि सर्वविदित है कि पहली बार जब बाबूलाल मुख्यमंत्री बने तो प्रदीप यादव को नंबर दो की हैसियत दी. उन्होंने प्रदीप यादव को ग्रामीण विकास मंत्री बनाया. फिर प्रदीप अर्जुन मुंडा की सरकार में भी मानव संसाधन मंत्री भी बने. लेकिन बाद में जब बाबूलाल मरांडी ने भाजपा छोड़ी और झाविमो बनाया तो प्रदीप यादव ने दोस्ती निभाई और वह भी झाविमो में चले गए. बाबूलाल मरांडी विधायक, सांसद दोनों का चुनाव हार गए. तब प्रदीप यादव के नेतृत्व में आठ लोगों ने झाविमो के टिकट पर चुनाव जीता. लेकिन सात लोग दल बदल कर भाजपा में चले गए. लेकिन प्रदीप यादव ने तब भी बाबूलाल का साथ नहीं छोड़ा और पिछले विधानसभा में भी साथ पार्टी को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और तीन सीट जीताने में मदद की.

पोड़ैयाहाट में बाबूलाल के भाषण में निशाने पर रही कांग्रेस

पत्रकार हेमचंद्र कहते हैं कि अब लोकसभा चुनाव 2024 में जब बाबूलाल मरांडी भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से प्रचार करने पोड़ैयाहाट पहुंचे तो उन्होंने लंबा भाषण दिया. पूरे भाषण में उनके निशाने पर कांग्रेस रही. साथ ही बाबूलाल ने भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने झारखंड को भाजपा की बाजपेयी को देन बाताया और मोदी जी की प्रशांसा की, लेकिन एक बार भी प्रदीप यादव का नाम अपनी जुबान से नहीं बोले, न ही कुछ आलोचना की. जबकि इस दौरान उस मंच पर निवर्तमान सांसद सह बीजेपी प्रत्याशी निशिकांत दुबे मौजूद थे, जो प्रदीप यादव की आलोचना का कोई मौका नहीं चूकते हैं.

इस संबंध में पत्रकार हेमचंद्र कहते हैं कि प्रदीप और बाबूलाल का रिश्ता दिखने में फिलहाल कड़वाहट वाला जरूर लग रहा है, लेकिन ये बात गोड्डा लोकसभा के लोग भली-भांति जानते हैं कि झारखंड में सबसे लंबी दोस्ती का अब तक का रिकॉर्ड प्रदीप और बाबूलाल के ही नाम है. क्योंकि राजनीती के बुरे वक्त में बाबूलाल का ज्यादा वक्त गोड्डा में ही गुजरता था. क्योंकि एक मात्र विधायक झाविमो के प्रदीप यादव ही थे.

बाबूलाल और प्रदीप में सम्मान का रिश्ता!

राजनीति के जानकार यह भी बताते हैं कि प्रदीप यादव ने बाबूलाल की दोस्ती में अपनी राजनैतिक करियर दांव पर लगा दिया तो अच्छे वक्त में बाबूलाल ने भी प्रदीप का साथ दिया. और शायद इनके बीच एक सम्मान का रिश्ता कायम है. जहां राजनीतीक आलोचना मजबूरी तो हो सकती है और संभवतः प्रदीप यादव भी कम ऐसे मौके होते हैं जहां बाबूलाल के विरुद्ध जोरदार विरोध दर्ज कराते हों.

ये भी पढ़ें-

WATCH: गोड्डा में उतरे भोजपुरिया सितारे, निरहुआ और आम्रपाली ने निशिकांत दुबे के लिए मांगा वोट - Lok Sabha Election 2024

एक क्लिक में जानें संथाल में किसका लहराएगा परचम, राजमहल, दुमका और गोड्डा में क्या है समीकरण, किसका पलड़ा है भारी - Lok Sabha Election 2024

संथाल में दो दशक के सुखाड़ खत्म करने की कोशिश में कांग्रेस! 2004 के बाद लोकसभा चुनाव में खाली रही देश की सबसे पुरानी पार्टी की झोली - Lok Sabha Elections 2024

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.