औरंगाबाद : 'उसे क्या पता था जिस सिस्टम को वो चलाना चाहती है, जिस सिस्टम का वो हिस्सा बनना चाहती है. वही सिस्टम उसकी जान ले लेगा.' जी हां ये कहानी है औरंगाबाद के तान्या सोनी की. जिसने दिल्ली के राउ कोचिंग सेंटर में जान गंवायी.
शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है दर्द : कहते हैं वक्त के साथ हर घाव भर जाता है. पर कुछ घाव ऐसे होते हैं जो ताउम्र लोगों को परेशान करता है. शायद तान्या सोनी के परिवार वालों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है. तान्या की मौत का सदमा किस तरह लगा है, वह शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता है.
पोती के लिए दहाड़ मार रहा था दादा : सोमवार को बेटी का शव लेकर जब पिता विजय सोनी दिल्ली से औरंगाबाद अपने गांव पहुंचे तो जो नजारा था, वह किसी भी पत्थर दिल को पिघला दे. पिता से लिपटकर विजय सोनी कराह रहे थे. दादा गोपाल प्रसाद का दिल पोती की मौत से पिघला जा रहा था. वह बूढ़ा दादा पोती के लिए दहाड़ मार रहा था.
मां के आंसू नहीं रुक रहे : यह दृश्य अपने आप में यह कहने के लिए काफी था कि, तान्या का घर में क्या स्थान था. सब अपनी बिटिया से कितना प्यार करते थे. मां बबीता सोनी के आंसू नहीं रुक रहे थे. भाई भी लगातार रो रहा था. गांव समाज के लोग तो पहुंचे ही थे. विधायक जी भी मौके पर मौजूद थे.
जिंदगी से खिलवाड़ क्यों ? : सवाल उठता है कि तान्या की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है? सिर्फ कोचिंग संस्थान या फिर दिल्ली का पूरा सिस्टम. सवाल इसलिए क्योंकि जो नौजवान आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाह रहा था, उसकी पढ़ाई वाली सेवा में इतनी लापरवाही क्यों? क्या कोचिंग संस्थान के लिए पैसा इतना अहम हो गया है कि वह जिंदगी से खिलवाड़ करने में जरा भी देरी नहीं की?
''कोचिंग संस्थान पर चाहे जो भी एक्शन लिया जाए. उसको तोड़ा जाए या फिर उसके कर्ताधर्ता पर एक्शन हो. मेरी बहन तो लौट कर नहीं आ सकती.''- तान्या सोनी का चचेरा भाई
सिकंदराबाद में रहता है परिवार : तान्या के पिता तेलंगाना सरकार के माइंस डिपार्टमेंट में इंजीनियर हैं. सिकंदराबाद में रहकर तीन भाई-बहनों की पढ़ाई हुई. बहन पलक यूपी के प्रयागराज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है. भाई आदित्य सिकंदराबाद में पढ़ाई करता है. इसी महीने तान्या ने अपना 21वां जन्मदिन भी मनाया था. पर उसे क्या पता था कि यह सिस्टम उसको अगला जन्मदिन नहीं मनाने देगा.
''उसने (तान्या) DU के महाराजा अग्रसेन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में ग्रेजुएशन किया था. अभी तो एक महीने से ही इस कोचिंग सेंटर (राउ) में पढ़ाई शुरू की थी. जब मुझे तान्या की मौत की खबर मिली तो हमलोग परिवार के साथ ट्रेन में थे. अपनी छोटी बेटी का नागपुर में एडमिशन कराने गए थे. तान्या के दोस्तों ने घटना के बारे में जानकारी दी. उन्हें कोचिंग सेंटर से कोई जानकारी नहीं मिली.''- विजय कुमार, तान्या के पिता
क्या हुआ था? : बीते 27 जुलाई को दिल्ली के राजेन्द्र नगर में राउ कोचिंग संस्थान में बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी. इसमें से बिहार की तान्या भी शामिल थी. मौत के बाद से दिल्ली में सिसायी बवाल मचा है. पर जरा सोचिए उस माता-पिता के बारे में जिसने अपने संतान को गंवाया है.
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