लक्सर: तीन तलाक के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली आतिया साबरी को चेक बाउंस के मामले में दोष मुक्त करार दिया गया है. न्यायालय ने आतिया को दोष मुक्त करार देते हुए बरी कर दिया है. चेक बाउंस का मामला पिछले करीब आठ वर्षों से न्यायालय में विचाराधीन था. न्यायालय के फैसले के बाद आतिया ने राहत की सांस ली है.
चेक बाउंस मामले में आतिया साबरी दोष मुक्त: लक्सर कोतवाली क्षेत्र के जसदरपुर गांव निवासी अफजाल ने 11 जुलाई वर्ष 2016 को तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली आतिया साबरी के खिलाफ लक्सर न्यायालय में वाद दायर किया था. अफजाल का आरोप था कि कुछ समय पूर्व आतिया साबरी और उसके भाई रिजवान ने एक जमीन दिलाने के नाम पर साढ़े चार लाख रुपए का बयाना लिया था. बाद में भूमि का सौदा न बनने पर ली गई रकम वापस लौटने का वादा किया गया था. जिस पर 7 मई 2016 को पंजाब नेशनल बैंक का एक चेक उसे दिया गया. उसके द्वारा चेक को अपने खाते में जमा कराया गया तो खाते में पैसा ना होने के चलते चेक बाउंस हो गया.
8 साल चला मुकदमा: उधर मामले में आरोपित बनाई गयी आतिया साबरी ने अपने अधिवक्ता संजय वर्मा के माध्यम से न्यायालय को बताया कि उसके द्वारा अफजाल को कोई चेक नहीं दिया गया. बल्कि उसके पति द्वारा उससे तीन तलाक लेने के बाद उसे झूठे मामले में फंसाने के लिए उसका फर्जी खाता खुलवाकर उसके नाम से अपने साथियों अफजाल, समीर और शरीफ के माध्यम से तीन चेक खाते में जमा कराए गए. चेकों पर उसके कोई हस्ताक्षर नहीं हैं.
आतिया ने उठाई थी तीन तलाक के खिलाफ आवाज: आतिया के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि उसका निकाह 25 मार्च 2012 को वाजिद निवासी जसदरपुर से हुई थी. निकाह के बाद आतिया के दो पुत्रियों को जन्म देने पर उसे जहर देकर मारने का प्रयास किया गया था. जिसका मामला उत्तर प्रदेश के सहारनपुर न्यायालय में चल रहा है. उसके पति द्वारा उस पर दबाव बनाने के लिए अपने साथियों की मदद से उसके खिलाफ फर्जी वाद दायर किया गया था.
दोनों पक्षों की लंबी बहस सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट चंद्रेश्वरी सिंह ने आरोपित आतिया साबरी को दोष मुक्त करार देते हुए बरी कर दिया. पूर्व में शरीफ अहमद निवासी कुनहारी के परिवाद में भी कोर्ट ने आतिया को बरी कर दिया था.
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