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राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने उदयपुर में की पुराने साथियों से मुलाकात, छात्रों संग गाया गीत - Gulabchand Kataria Sang Song

Governor Gulabchand Kataria Sang Song, असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया शनिवार को उदयपुर के झाड़ोल ग्राम पहुंचे, जहां उन्होंने अपने पुराने साथियों और छात्रों संग गीत गया और समय व्यतीत किया.

Governor Gulabchand Kataria Sang Song
पुराने साथियों से मिले राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया (ETV BHARAT Udaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 13, 2024, 9:12 PM IST

असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया (ETV BHARAT Udaipur)

उदयपुर. असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया मेवाड़ के दौरे पर हैं. शनिवार को कटारिया जिले के झाड़ोल ग्राम पहुंचे, जहां करीब 55 साल पहले उन्होंने बतौर शिक्षक अपने करियर की शुरुआत की थी. वहीं, इस दौरान उन्होंने अपने पुराने दोस्तों से मुलाकात की और छात्रों से संवाद किया. साथ ही कटारिया अपने साथियों के साथ गीत गाते नजर आए. दरअसल, साल 1970 में झाड़ोल के विद्यापीठ स्कूल में से उन्होंने बतौर शिक्षक अपने करियर की शुरुआत की थी. वो यहां तीन साल तक बच्चों को पढ़ाए और फिर उसके बाद सियासत में आ गए.

वहीं, झाड़ोल स्थित अपने फार्म हाउस पर आयोजित स्नेह मिलन समारोह में उन्होंने अपने पुराने छात्रों संग संवाद किया. इस कार्यक्रम में उनके पढ़ाए पुराने सभी छात्र शामिल हुए. वहीं, साथियों और अपने पढ़ाए छात्रों के लिए राज्यपाल की ओर से स्नेह भोज की भी व्यवस्था की गई थी.

इसे भी पढ़ें - राज्यपाल कटारिया ने किया नेहरू गार्डन के जीर्णोद्धार और सुदृढ़ीकरण कार्य का निरीक्षण, दिए ये निर्देश - Nehru Garden renovation work

इस दौरान कटारिया ने कहा कि आज का दिन उनके लिए बेहद ही खास है, क्योंकि करीब 55 साल पहले वो यहां शिक्षक बनकर आए थे. यही वजह है कि वो इस जगह को कभी भी खुद से जुदा नहीं कर पाते हैं. यहां के साथियों और पुराने छात्रों से उनका दिली जुड़ाव है. वहीं, पुराने छात्रों ने कहा कि कटारिया जी की पिटाई से वो बहुत भयभीत रहा करते थे. कटारिया जी स्कूल में भूगोल पढ़ाया करते थे.

असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया (ETV BHARAT Udaipur)

उदयपुर. असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया मेवाड़ के दौरे पर हैं. शनिवार को कटारिया जिले के झाड़ोल ग्राम पहुंचे, जहां करीब 55 साल पहले उन्होंने बतौर शिक्षक अपने करियर की शुरुआत की थी. वहीं, इस दौरान उन्होंने अपने पुराने दोस्तों से मुलाकात की और छात्रों से संवाद किया. साथ ही कटारिया अपने साथियों के साथ गीत गाते नजर आए. दरअसल, साल 1970 में झाड़ोल के विद्यापीठ स्कूल में से उन्होंने बतौर शिक्षक अपने करियर की शुरुआत की थी. वो यहां तीन साल तक बच्चों को पढ़ाए और फिर उसके बाद सियासत में आ गए.

वहीं, झाड़ोल स्थित अपने फार्म हाउस पर आयोजित स्नेह मिलन समारोह में उन्होंने अपने पुराने छात्रों संग संवाद किया. इस कार्यक्रम में उनके पढ़ाए पुराने सभी छात्र शामिल हुए. वहीं, साथियों और अपने पढ़ाए छात्रों के लिए राज्यपाल की ओर से स्नेह भोज की भी व्यवस्था की गई थी.

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इस दौरान कटारिया ने कहा कि आज का दिन उनके लिए बेहद ही खास है, क्योंकि करीब 55 साल पहले वो यहां शिक्षक बनकर आए थे. यही वजह है कि वो इस जगह को कभी भी खुद से जुदा नहीं कर पाते हैं. यहां के साथियों और पुराने छात्रों से उनका दिली जुड़ाव है. वहीं, पुराने छात्रों ने कहा कि कटारिया जी की पिटाई से वो बहुत भयभीत रहा करते थे. कटारिया जी स्कूल में भूगोल पढ़ाया करते थे.

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