जयपुर. संजीवनी मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राहत मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान सामने आया है. उन्होंने इस मामले में एसओजी पर यू-टर्न लेने का आरोप लगाया. साथ ही मांग की कि रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी से मामले की जांच होनी चाहिए.
अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर कहा, संजीवनी प्रकरण को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दायर एक मुकदमे में हाईकोर्ट का फैसला वर्तमान में अदालत के सामने एसओजी द्वारा रखे गए तथ्यों के आधार पर आया है. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद एसओजी ने हाईकोर्ट में यू-टर्न ले लिया. इस केस के जांच अधिकारी (IO) को भी हटा दिया गया और भाजपा सरकार द्वारा नामित सरकारी वकीलों ने भी केंद्रीय मंत्री का ही पक्ष लिया. इस सबके बावजूद हाईकोर्ट ने मंत्री की याचिका के अनुरूप FIR को रद्द नहीं किया है. हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की इजाजत लेकर आगे कार्रवाई की जा सकती है.'
संजीवनी प्रकरण को लेकर केन्द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा दायर एक मुकदमे में हाईकोर्ट का फैसला वर्तमान में अदालत के सामने SOG द्वारा रखे गए तथ्यों के आधार पर आया है। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद SOG ने हाईकोर्ट में यू-टर्न ले लिया।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 26, 2024
इस केस के जांच अधिकारी (IO)…
एसओजी की तथ्यात्मक रिपोर्ट में था नाम : उन्होंने इस बयान में आगे कहा, एसओजी द्वारा 12 अप्रैल 2023 को राजकीय अधिवक्ता को लिखे गए पत्र क्रमांक SOG/SFIU/INV/2023/220 में इस केस की तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी. जिसके पेज नंबर 7 पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एवं उनके परिजनों की अपराध में संलिप्तता होने की बात लिखी और आरोपी माना. इस रिपोर्ट में लिखा गया कि जिन कंपनियों की संलिप्तता संजीवनी घोटाले में है, उनसे गजेंद्र सिंह शेखावत का सीधा संबंध है.
पीड़ितों ने मुलाकात की तो मांगी रिपोर्ट : अशोक गहलोत ने कहा, इस केस के सैकड़ों पीड़ितों ने उनसे मुलाकात की, तब उन्होंने एसओजी से इस मामले की जानकारी मांगी. तब एसओजी ने गृहमंत्री के रूप में उन्हें इन तथ्यों एवं इस प्रकरण की प्रगति से अवगत करवाया. उनका गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रति कोई व्यक्ति द्वेष नहीं था. एसओजी की इस ब्रीफिंग के आधार पर ही उन्होंने मीडिया के सामने शेखावत एवं उनके परिजनों पर लगे आरोपों की जानकारी सामने रखी. शेखावत ने कल भी अपने बयानों में अपनी स्वर्गीय माताजी पर लगे आरोपों का जिक्र किया. गहलोत बोले, उनका शेखावत की स्वर्गीय माताजी के प्रति पूरा सम्मान है परन्तु राज्य के गृहमंत्री के रूप में उनके सामने लाए गए तथ्यों को पीड़ितों एवं जनता के सामने रखा जाना उनका कर्तव्य था.
अशोक गहलोत बोले, अब राज्य में सरकार बदलने के बाद एसओजी पर भाजपा सरकार ने दबाव बनाया. जिसके कारण एसओजी ने कोर्ट में यू-टर्न लिया और इन्हें आरोपी नहीं माना है. उन्होंने मांग की कि निष्पक्ष जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटार्यड न्यायाधीश की अध्यक्षता में SIT बनाकर इस प्रकरण की जांच की जाए. जिससे पता चले कि कांग्रेस शासन में एसओजी द्वारा गलत जांच की गई या अभी दबाव में एसओजी ने गलत रिपोर्ट तैयार की है. कांग्रेस सरकार के समय इस केस में एसओजी ने फॉरेंसिक ऑडिट तक करवाकर भी जांच की थी. वे बोले, उनका उद्देश्य लाखों पीड़ितों के साथ न्याय सुनिश्चित कर उनके जीवन की मेहनत की कमाई वापस उनको दिलवाने का है