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आसाराम को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, जमानत के बाद दूसरी पैरोल याचिका भी खारिज

आसाराम की दूसरी पैरोल याचिका पर लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश को सुनाते हुए आसाराम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. कोर्ट ने कहा कि पैरोल कोई अधिकार नहीं है.

आसाराम को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
आसाराम को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 30, 2024, 9:01 PM IST

जोधपुर. यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से कई बार जमानत का प्रयास करने पर जब राहत नहीं मिली तो आसाराम ने भी अपना रास्ता बदल दिया और पैरोल के जरिए जेल से बाहर आने का प्रयास किया, लेकिन आसाराम का यह सपना भी पूरा नहीं हो सका. आसाराम ने एक नहीं बल्कि दो बार पैरोल के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन दोनों बार आसाराम की उम्मीद टुट गई. आसाराम की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में दूसरी बार पैरोल याचिका पेश की गई, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने विस्तृत आदेश के साथ उसे खारिज कर दिया.

एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश राजेन्द्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ ने आसाराम की दूसरी पैरोल याचिका पर लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था. अब कोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश को सुनाते हुए आसाराम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. कोर्ट ने कहा कि पैरोल कोई अधिकार नहीं है. कोर्ट ने उपचार से इंकार नहीं किया, लेकिन उपचार के नाम पर 20 दिन की पैरोल से साफ इनकार कर दिया है.

दो बार प्रयास, दोनों बार विफल : जोधपुर की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम ने नियमानुसार 20 दिन की पैरोल के लिए जिला पैरोल कमेटी के समक्ष आवेदन किया. जोधपुर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में पैरोल कमेटी ने 20 जून 2023 को पैरोल देने से इनकार करते हुए पैरोल के आवेदन को खारिज कर दिया था. आसाराम के अधिवक्ता ने बताया कि आसाराम को 25 अप्रैल 2018 को आजीवन कारावास की सजा के आदेश हुए थे. आसाराम के मामले में पैरोल कमेटी ने पैरोल के नए नियम के अनुसार आवेदन को खारिज किया है, जबकि राजस्थान में कैदियों को पैरोल पर रिहाई नियमों के प्रावधान 1958 के अनुसार आसाराम के आवेदन पर सुनवाई करनी थी. कोर्ट ने पैरोल याचिका को खारिज करते हुए पुराने नियमों से सुनवाई करने के लिए जिला पैरोल कमेटी को निर्देश दिए.

इसे भी पढ़ें-राजस्थान हाईकोर्ट से आसाराम को राहत नहीं, वीसी से जोड़ने की याचिका खारिज

आसाराम ने हाईकोर्ट के इस आदेश के हवाले से एक बार फिर जिला पैरोल कमेटी जोधपुर के समक्ष आसाराम की ओर से 20 दिन की पैरोल के लिए आवेदन किया गया. जिला पैरोल कमेटी ने सभी तथ्यों की जांच के बाद 21 अगस्त 2023 को आसाराम के पैरोल आवेदन को खारिज कर दिया. पैरोल कमेटी की ओर से खारिज किए गए आदेश को फिर से राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. हाईकोर्ट में आसाराम के अधिवक्ताओं दकी ओर से कहा गया कि नियमानुसार आसाराम ने आधी सजा पूरी कर ली है ऐसे में उसे उपचार के लिए 20 दिन की पैरोल दी जा सकती है. सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने कहा कि आसाराम के खिलाफ राजस्थान एवं गुजरात दोनों जगहों पर सजा हुई है. राजस्थान का केस पुराने नियमों में आता है, लेकिन गुजरात केस में 31 जनवरी 2023 को आजीवन कारावास की सजा हुई है, ऐसे में नए नियम भी लागू होते हैं.

जोधपुर. यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से कई बार जमानत का प्रयास करने पर जब राहत नहीं मिली तो आसाराम ने भी अपना रास्ता बदल दिया और पैरोल के जरिए जेल से बाहर आने का प्रयास किया, लेकिन आसाराम का यह सपना भी पूरा नहीं हो सका. आसाराम ने एक नहीं बल्कि दो बार पैरोल के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन दोनों बार आसाराम की उम्मीद टुट गई. आसाराम की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में दूसरी बार पैरोल याचिका पेश की गई, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने विस्तृत आदेश के साथ उसे खारिज कर दिया.

एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश राजेन्द्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ ने आसाराम की दूसरी पैरोल याचिका पर लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था. अब कोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश को सुनाते हुए आसाराम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. कोर्ट ने कहा कि पैरोल कोई अधिकार नहीं है. कोर्ट ने उपचार से इंकार नहीं किया, लेकिन उपचार के नाम पर 20 दिन की पैरोल से साफ इनकार कर दिया है.

दो बार प्रयास, दोनों बार विफल : जोधपुर की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम ने नियमानुसार 20 दिन की पैरोल के लिए जिला पैरोल कमेटी के समक्ष आवेदन किया. जोधपुर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में पैरोल कमेटी ने 20 जून 2023 को पैरोल देने से इनकार करते हुए पैरोल के आवेदन को खारिज कर दिया था. आसाराम के अधिवक्ता ने बताया कि आसाराम को 25 अप्रैल 2018 को आजीवन कारावास की सजा के आदेश हुए थे. आसाराम के मामले में पैरोल कमेटी ने पैरोल के नए नियम के अनुसार आवेदन को खारिज किया है, जबकि राजस्थान में कैदियों को पैरोल पर रिहाई नियमों के प्रावधान 1958 के अनुसार आसाराम के आवेदन पर सुनवाई करनी थी. कोर्ट ने पैरोल याचिका को खारिज करते हुए पुराने नियमों से सुनवाई करने के लिए जिला पैरोल कमेटी को निर्देश दिए.

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आसाराम ने हाईकोर्ट के इस आदेश के हवाले से एक बार फिर जिला पैरोल कमेटी जोधपुर के समक्ष आसाराम की ओर से 20 दिन की पैरोल के लिए आवेदन किया गया. जिला पैरोल कमेटी ने सभी तथ्यों की जांच के बाद 21 अगस्त 2023 को आसाराम के पैरोल आवेदन को खारिज कर दिया. पैरोल कमेटी की ओर से खारिज किए गए आदेश को फिर से राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. हाईकोर्ट में आसाराम के अधिवक्ताओं दकी ओर से कहा गया कि नियमानुसार आसाराम ने आधी सजा पूरी कर ली है ऐसे में उसे उपचार के लिए 20 दिन की पैरोल दी जा सकती है. सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने कहा कि आसाराम के खिलाफ राजस्थान एवं गुजरात दोनों जगहों पर सजा हुई है. राजस्थान का केस पुराने नियमों में आता है, लेकिन गुजरात केस में 31 जनवरी 2023 को आजीवन कारावास की सजा हुई है, ऐसे में नए नियम भी लागू होते हैं.

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