जोधपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को आरोग्यधाम आयुर्वेद अस्पताल में 30 दिन तक सशर्त उपचार करवाने की अनुमति प्रदान कर दी है. वरिष्ठ न्यायाधीश दिनेश मेहता व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ के समक्ष आसाराम की ओर से उपचार के लिए अनुमति का आवेदन पेश किया गया. वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस सलूजा, सहयोगी अधिवक्ता यशपालसिंह राजपुरोहित ने कहा कि पूर्व में आसाराम को 7-10 दिन की अवधि के लिए आरोग्यधाम अस्पताल जोधपुर में उपचार की अनुमति दी थी.
अपीलकर्ता आसाराम की बिगड़ती तबीयत और उम्र को देखते हुए लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने की आवश्यकता है. आसाराम को आरोग्यधाम अस्पताल में तब तक भर्ती रखा जाएगा, जब तक कि आरोग्यधाम अस्पताल के अधीक्षक या अधिकारी उसे छुट्टी नहीं दे देते. इस पर सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक चौधरी ने विरोध जताते हुए कहा कि अस्पताल में भर्ती होने की अवधि को अनिश्चित रखने की बजाय अधिकतम 30 दिन की अवधि तय की जानी चाहिए और स्वास्थ्य की स्थिति और अन्य प्रासंगिक कारकों की समीक्षा की जानी चाहिए.
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इस पर कोर्ट ने 16 अप्रैल, 2024 के आदेश में शामिल शर्त के साथ आवश्यक निर्देश जारी करते हुए आसाराम को 'आरोग्यधाम अस्पताल' में उस अवधि के लिए भर्ती किया जाएगा, जिसे आरोग्यधाम अस्पताल के अधिकारियों द्वारा उचित समझा जाएगा, जो एक बार में अधिकतम 30 दिनों की अवधि के अधीन होगी. उसके बाद उसे फिर से जेल में रखा जाएगा. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि यदि आसाराम को कोई पैथोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल या अन्य जांच कराने की सलाह दी जाती है तो आसाराम को मेडिपल्स अस्पताल ले जाया जाएगा, जिसका भुगतान आसाराम को ही करना होगा. इस दौरान पुलिस कस्टडी में ही आसाराम का उपचार किया जा सकेगा, जिसका खर्चा भी आसाराम को ही उठाना होगा.
आसाराम की कल तबीयत नासाज हो गई थी. उसके बाद सुबह उसको सेंट्रल जेल से एम्स अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसकी सभी आवश्यक जंचों के साथ खून की भी जांच की गई. शाम को एम्स अस्पताल से आसाराम को फिर से सेंट्रल जेल लाया गया.