रांची: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े लैंड स्कैम मामले में ईडी की टीम ने गुरुवार देर रात फिर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें हजारीबाग के रहने वाले इरशाद, कोलकाता के रजिस्टार कार्यालय के कर्मी तपन घोष और संजीत कुमार के नाम शामिल हैं.
कोर्ट में पेशी के बाद तीनों आरोपी भेजे गए न्यायिक हिरासत में
गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को तीनों आरोपियों को ईडी की टीम ने कोर्ट में पेश किया. जहां पीएमएलए कोर्ट ने तीनों आरोपियों को फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
तीनों आरोपियों की रिमांड पर सोमवार को हो सकती है सुनवाई
तीनों आरोपियों की रिमांड पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है. उसके बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि बरगाई अंचल की साढ़े 8 एकड़ जमीन को गलत तरीके से दाखिल-खारिज करने में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इन तीनों आरोपियों ने कैसे सहयोग किया है.
जमीन घोटाला मामले में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन 31 जनवरी से हैं जेल में
रांची के बरगाई अंचल में साढ़े आठ एकड़ जमीन गलत तरीके से म्यूटेशन कराने के मामले में ईडी की टीम ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को विगत 31 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया था. तब से हेमंत सोरेन जेल में बंद हैं.
कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय से जमीन का मूल दस्तावेज कर देते थे गायब
बरगाई अंचल के साढ़े आठ एकड़ जमीन घोटाला की छानबीन के दौरान ईडी के पदाधिकारियों को यह पता चला कि हजारीबाग के डीड राइटर इरशाद, कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारी तपस घोष और संजीत कुमार ने मिलकर आदिवासी या मूलवासी की जमीन का मूल दस्तावेज गायब कर फर्जी तरीके से नए दस्तावेज बना लेते थे.
रिमांड पर पूछताछ में हो सकते हैं चौंकाने वाले खुलासे
इसकी जानकारी मिलते ही ईडी की टीम ने कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय में काम कर रहे कर्मी तपस घोष और संजीत कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए रिमांड पर लेना चाह रही है, ताकि इनके द्वारा किए गए और भी गड़बड़ियों का पता किया जा सके. मामले में ईडी का कहना है कि तपस और संजीत जमीन के मूल दस्तावेज को गायब करने में सहयोग करते थे.
पहले कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय में होता था झारखंड का जमीन संबंधी काम
मालूम हो कि झारखंड की जमीन के पेपर का सरकारी काम कुछ दशक पहले तक कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय में होता था. इसलिए आज भी झारखंड के कई जमीन के पेपर को कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय से जमीन माफिया के सहयोग से फेरबदल कर दिया जाता है.
ये भी पढ़ें-
जमीन घोटाला: ईडी की बड़ी कार्रवाई, 161.64 करोड़ रुपये मूल्य के भूखंड किए गए अटैच