मुजफ्फरपुर: सैन्य अधिकारी, पदाधिकारी और सेना के जवान आगामी लोकसभा चुनाव में स्पेशल बूथ पर मतदान करेंगे. इसको लेकर मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन भी तैयारी कर रहा है. प्रशासन के सहयोग से जवानों के लिए अलग से विशेष बूथ बनाया जाएगा. हालांकि, अबतक बूथ बनाने की जगह तय नहीं हो सकी है.
सेना के लिए विशेष मतदान केंद्र: दरअसल विशेष ड्यूटी पर होने की वजह से वे अपने मत का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं, ऐसे में उनके लिए विशेष बूथ बनाया जाएगा. मुजफ्फरपुर जिले में मिलिट्री स्टेशन हेडक्वार्टर, 151 इन्फेंट्री बटालियन टीए जाट, सेना भर्ती बोर्ड और एनसीसी में सैन्य अधिकारी, पदाधिकारी और जवानों की प्रतिनियुक्ति है.
मुजफ्फरपुर में तैनात 300 से अधिक जवान: बताया गया कि सेना के लोगों के मतदान के लिए एक तिथि भी निर्धारित की जाएगी, जिस दिन वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. मुजफ्फरपुर में इनकी संख्या 300 से अधिक होगी. ये बिहार के अलावा नार्थ इंडिया, प. बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, जम्मू-काश्मीर आदि के रहने वाले हैं.
एसएसबी के हजारों सर्विस वोटर: मुजफ्फरपुर में उमानगर में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और झपहां में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का सेक्टर मुख्यालय है. एसएसबी सेक्टर के अधीन चार बटालियन हैं, इसमें 4 हजार से अधिक अधिकारी और जवान सर्विस वोटर है. इसके अलावा सेक्टर में भी तीन से चार सौ अधिकारी व जवान कार्यरत हैं.
DIG से जवान तक हैं सर्विस वोटर: बता दें कि सीआरपीएफ सेक्टर में दो की संख्या में सर्विस वोटर हैं. इसमें सेक्टर डीआइजी से लेकर जवान शामिल हैं. कांटी स्थित एनटीपीसी की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के 100 से अधिक अधिकारी और जवान सर्विस वोटर हैं. वर्तमान में एसएसबी और सीआरपीएफ सेक्टर में बिहार के अलावा विभिन्न राज्यों के कर्मी हैं.
सर्विस वोटर पोर्टल पर पहले रजिस्ट्रेशन: निर्वाचन आयोग के अनुसार, सर्विस वोटर वे मतदाता होते हैं, जिसके पास सर्विस योग्यता होती है. संघ के सशस्त्र बलों, किसी राज्य के सशस्त्र पुलिस बल के सदस्य या भारत सरकार के अधीन कार्यरत लोग सर्विस वोटर होते हैं. इन्हें चुनाव के वक्त सर्विस वोटर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होता है. इसके बाद इन वोटरों को ई-मतपत्र उपलब्ध कराया जाता हैं.
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