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श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग में HOD की नियुक्ति, प्रोफेसर रिजवी ने संभाला कार्यभार - Government Medical College Srinagar

Government Medical College Srinagar लंबे समय के बाद श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को नेत्र रोग विभाग के लिए स्थायी एचओडी मिल गया है. प्रोफेसर रिजवी ने कार्यभार संभाल लिया है. उन्होंने कार्यभार संभालते ही अपनी प्राथमिकता गिनाई है.

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फोटो-ईटीवी भारत
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 24, 2024, 6:40 PM IST

श्रीनगरः राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के नेत्र रोग विभाग में लंबे समय बाद स्थायी प्रोफेसर के रूप में प्रो. यूसुफ रिजवी ने कार्यभार ग्रहण किया. इससे पहले डॉ. रिजवी देहरादून के दून अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक एवं नेत्र रोग विभाग में एचओडी के पद पर कार्य कर चुके हैं. जबकि 18 साल वायु सेना और उसके बाद बरेली के मेडिकल कॉलेज में अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

नेत्र रोग विभाग में एचओडी का कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्रो. रिजवी ने बताया कि उनका पहला मकसद गढ़वाल क्षेत्र के लोगों को नेत्र रोग का बेहतर इलाज और बेहतर सुविधा देना है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में सबसे पहले 'आई बैंक' की स्थापना करना होगा. जिससे नए डोनर से मानव कॉर्निया को इकट्ठा करने के लिए एक जगह बन सके और कॉर्नियल दोष से प्रभावित नेत्रहीनों की आंखों को ट्रांसप्लांट किया जा सके. इसके साथ ही हेल्थ मोबाइल सर्विस दूरस्थ क्षेत्रों में देना है. ताकि लोगों को घर-गांव में ही नेत्र संबंधी दिक्कतों की जानकारी एवं जागरूकता दी जा सके.

प्रो. रिजवी ने बताया कि बेस चिकित्सालय में ही चश्मे बनाए जाए, इसके लिए कार्य किया जाएगा. अभी तक मरीजों को चश्मे का नंबर दे दिया जाता है. जबकि इसके बाद मरीज चश्मे बनाने के लिए भटकते रहते हैं. उन्होंने कहा कि पहाड़ से कई मरीज आज भी इलाज के लिए दून जाते हैं. लेकिन अब आंखों के इलाज के लिए दून ना जाना पड़े, इसके लिए आंखों की स्पेशल सर्विस शुरू की जाएगी.

उन्होंने कहा कि बेस चिकित्सालय में ग्लूकोमा स्क्रीनिंग, कॉर्निया समते अन्य प्रत्यारोपण की सुविधाएं शुरू की जाएगी. आयुष्मान से अधिक से अधिक सुविधा लोगों को मिल सके, इसके लिए कार्य किया जाएगा. जबकि जन औषधि केंद्र और अस्पताल में नेत्र संबंधी संभी दवाईयां मरीजों को मिले, इसके लिए कार्य किया जाएगा. बता दें कि प्रो. रिजवी की पत्नी प्रो. गजाला रिजवी पहले से मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग की एचओडी है.

ये भी पढ़ेंः श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय को मिले 53 नर्सिंग अधिकारी, सुधरेगी स्वास्थ्य व्यवस्था

श्रीनगरः राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के नेत्र रोग विभाग में लंबे समय बाद स्थायी प्रोफेसर के रूप में प्रो. यूसुफ रिजवी ने कार्यभार ग्रहण किया. इससे पहले डॉ. रिजवी देहरादून के दून अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक एवं नेत्र रोग विभाग में एचओडी के पद पर कार्य कर चुके हैं. जबकि 18 साल वायु सेना और उसके बाद बरेली के मेडिकल कॉलेज में अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

नेत्र रोग विभाग में एचओडी का कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्रो. रिजवी ने बताया कि उनका पहला मकसद गढ़वाल क्षेत्र के लोगों को नेत्र रोग का बेहतर इलाज और बेहतर सुविधा देना है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में सबसे पहले 'आई बैंक' की स्थापना करना होगा. जिससे नए डोनर से मानव कॉर्निया को इकट्ठा करने के लिए एक जगह बन सके और कॉर्नियल दोष से प्रभावित नेत्रहीनों की आंखों को ट्रांसप्लांट किया जा सके. इसके साथ ही हेल्थ मोबाइल सर्विस दूरस्थ क्षेत्रों में देना है. ताकि लोगों को घर-गांव में ही नेत्र संबंधी दिक्कतों की जानकारी एवं जागरूकता दी जा सके.

प्रो. रिजवी ने बताया कि बेस चिकित्सालय में ही चश्मे बनाए जाए, इसके लिए कार्य किया जाएगा. अभी तक मरीजों को चश्मे का नंबर दे दिया जाता है. जबकि इसके बाद मरीज चश्मे बनाने के लिए भटकते रहते हैं. उन्होंने कहा कि पहाड़ से कई मरीज आज भी इलाज के लिए दून जाते हैं. लेकिन अब आंखों के इलाज के लिए दून ना जाना पड़े, इसके लिए आंखों की स्पेशल सर्विस शुरू की जाएगी.

उन्होंने कहा कि बेस चिकित्सालय में ग्लूकोमा स्क्रीनिंग, कॉर्निया समते अन्य प्रत्यारोपण की सुविधाएं शुरू की जाएगी. आयुष्मान से अधिक से अधिक सुविधा लोगों को मिल सके, इसके लिए कार्य किया जाएगा. जबकि जन औषधि केंद्र और अस्पताल में नेत्र संबंधी संभी दवाईयां मरीजों को मिले, इसके लिए कार्य किया जाएगा. बता दें कि प्रो. रिजवी की पत्नी प्रो. गजाला रिजवी पहले से मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग की एचओडी है.

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