भरतपुर. अपना घर आश्रम ने बेघरों के पुनर्वास के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाया है. आश्रम की ओर से महज डेढ़ दिन यानी 36 घंटे में ही 40 एंबुलेंसों के जरिए 200 से अधिक निराश्रित, घायल और बीमार लोगों को विभिन्न आश्रमों तक पहुंचाया. इन निराश्रितों को आश्रम तक पहुंचाने के बाद इनका उपचार और देखभाल भी शुरू कर दी गई.
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कोई लावारिश अपने ही घावों के खुरंड़ उखाड़ रहा था, तो कोई व्हीलचेयर पर अधजला पड़ा था. किसी की हड्डी टूटी हुई थी, तो किसी को कुष्ठ था. कोई निराश्रित गंदगी में बैठा था, तो कोई बड़बड़ाता घूम रहा था. अपना घर संस्था की अध्यक्ष बबीता गुलाटी ने बताया कि अभियान की शुरूआत 29 फरवरी को 28 एम्बुलेंस व 7 प्रभारियों के साथ की गई थी. लेकिन असहाय, लावरिस प्रभुजनों की संख्या को देखते हुए अब 40 एम्बुलेंस रेस्क्यू अभियान में लगी हुई हैं. रेस्क्यू अभियान 5 मार्च तक जारी रहेगा.
अभियान के तहत सिर्फ डेढ़ दिन में 14 हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी नापकर 40 एम्बुलेंसों के जरिए 200 से ज्यादा आश्रयहीन, असहाय, बीमार प्रभुजनों को रेस्क्यू कर उनकी सेवा शुरू कर दी गई है. इनमें 24 प्रभुजन बीकानेर, 51 जोधपुर, 22 अजमेर, 33 कोटा, 40 जयपुर, 27 उदयपुर एवं 2 प्रभुजन भरतपुर आश्रम में लाए गए.
पढ़ें: शहर में संचालित स्थाई रैन बसेरों की देखरेख और संचालन में नाकाम निगम प्रशासन
जयपुर की रेस्क्यू टीम के प्रभारी एवं संस्था सचिव चंद्रशेखर गुप्ता ने बताया कि अभियान के दौरान कई असहाय प्रभुजन बहुत ही दयनीय स्थिति में मिले. किसी प्रभुजी के एक ही जगह पर लंबे समय तक पड़े रहने की वजह से अंग गलने लग गए, तो एक अन्य प्रभुजी अधजले पड़े मिले, जो जीवन एवं मौत से संघर्ष कर रहे थे. अधिकतर प्रभुजी दयनीय स्थिति में रेस्क्यू किए गए हैं.
पढ़ें: नव वर्ष पर रैन बसेरों में पहुंचे मुख्यमंत्री, जाना लोगों का हाल, व्यवस्थाओं का लिया जायजा
ऐसे दें सूचना: अगर कहीं कोई आश्रयहीन, बीमार, लावारिस, सेवा एवं संसाधनों के अभाव में देखे जाते हैं, तो संस्था के मोबाइल नम्बर 9950737673 पर सूचित करें. ताकि उनके जीवन को संभालने के लिए अपना घर की टीम पहुंच सके. बबीता गुलाटी ने बताया कि रेस्क्यू किए प्रभुजनों का मेडिकल परीक्षण किया जा रहा है. कुछ को उनकी गंभीर हालत के चलते तुरंत असोतलों में भर्ती किया जा रहा है. अति गंभीर प्रभुजनों को अपनाघर आश्रम भरतपुर ही लाया जा रहा है.