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मौत के मुंह से छीन लाई जिगर के टुकड़े को, मां की ममता और तेज दिमाग का कमाल

अनूपपुर में एक मां ने अपने मासूम बेटे को सीपीआर देकर जान बचाई. खेलते हुए बच्चे की गर्दन साड़ी से कस गई थी.

ANUPPUR MOTHER SAVE SON LIFE BY CPR
मां ने सीपीआर देकर बचाई अपने बच्चे की जान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

अनूपपुर: शहडोल संभाग के अनूपपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक मां की ममता, बहादुरी और समझदारी की झलक एक साथ देखने को मिली. उसने अपने मासूम बच्चे की मुश्किल में फंसी जान को अपनी समझदारी और तत्परता से बचा लिया. अगर उस वक्त उसने समझदारी नहीं दिखाई होती तो शायद उसके कलेजे का टुकड़ा उसके आंचल की छांव से दूर हो जाता. महिला ने अपने बेटे की जान बचाने के लिए जो भी किया वो सब उसने मोबाइल में देखकर सीखा था.

खेलते हुए साड़ी से कस गई थी गर्दन

मामला अनूपपुर जिले के संजय नगर का है. वहां रहने वाली पिंकी कुशवाहा के 3 बच्चे हैं, जिसमें सबसे छोटा बेटा 5 साल का है. उसका नाम शिवांश बताया जा रहा है. वो घर के आंगन में खेल रहा था, वहीं पर साड़ी सूख रही थी और खेल-खेल में बच्चा साड़ी से ऐसे उलझ गया की साड़ी उसके गले में कस गई और उसकी सांस अटक गई. जब उसकी मां ने अचानक देखा तो वो दौड़कर वहां आई और मासूम को हिलाया-डुलाया, जब वह नहीं उठा तो मां घबराई नहीं, बल्कि तेज दिमाग लगाते हुए और तत्परता दिखाते हुए बच्चे को सीपीआर देना शुरू कर दिया.

ANUPPUR MOTHER SAVE SON LIFE
खेलते हुए साड़ी से कस गई थी गर्दन (ETV Bharat)

जब बच्चे में कोई हरकत नहीं हुई तो वह उसके मुंह में जोर-जोर से फूंक मारने लगी. इसके कुछ देर बाद ही बच्चा अचानक से उठ खड़ा हुआ. यह देख परिजन के सांस में सांस आई, इसके बाद बच्चे को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां अब पूरी तरह से स्वस्थ है.

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मोबाइल पर जो देखा आज काम आया

अपने मासूम बेटे को समझदारी से मौत के मुंह से छीन कर लाने वाली मां ने बताया कि "मोबाइल में एक वीडियो में देखा था जो उसके दिमाग में चल रहा था कि अगर ऐसी स्थिति बने तो किस तरह से दिमाग से काम लेना चाहिए और क्या करना चाहिए. मुश्किल घड़ी में उसे कुछ नहीं सूझ रहा था तो अपने बच्चे पर ही प्रयोग किया और वो सफल रहा. आज बच्चा स्वस्थ और सकुशल है." अपने बच्चे को हंसते-खेलते देखकर मां बहुत खुश नजर आई.

अनूपपुर: शहडोल संभाग के अनूपपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक मां की ममता, बहादुरी और समझदारी की झलक एक साथ देखने को मिली. उसने अपने मासूम बच्चे की मुश्किल में फंसी जान को अपनी समझदारी और तत्परता से बचा लिया. अगर उस वक्त उसने समझदारी नहीं दिखाई होती तो शायद उसके कलेजे का टुकड़ा उसके आंचल की छांव से दूर हो जाता. महिला ने अपने बेटे की जान बचाने के लिए जो भी किया वो सब उसने मोबाइल में देखकर सीखा था.

खेलते हुए साड़ी से कस गई थी गर्दन

मामला अनूपपुर जिले के संजय नगर का है. वहां रहने वाली पिंकी कुशवाहा के 3 बच्चे हैं, जिसमें सबसे छोटा बेटा 5 साल का है. उसका नाम शिवांश बताया जा रहा है. वो घर के आंगन में खेल रहा था, वहीं पर साड़ी सूख रही थी और खेल-खेल में बच्चा साड़ी से ऐसे उलझ गया की साड़ी उसके गले में कस गई और उसकी सांस अटक गई. जब उसकी मां ने अचानक देखा तो वो दौड़कर वहां आई और मासूम को हिलाया-डुलाया, जब वह नहीं उठा तो मां घबराई नहीं, बल्कि तेज दिमाग लगाते हुए और तत्परता दिखाते हुए बच्चे को सीपीआर देना शुरू कर दिया.

ANUPPUR MOTHER SAVE SON LIFE
खेलते हुए साड़ी से कस गई थी गर्दन (ETV Bharat)

जब बच्चे में कोई हरकत नहीं हुई तो वह उसके मुंह में जोर-जोर से फूंक मारने लगी. इसके कुछ देर बाद ही बच्चा अचानक से उठ खड़ा हुआ. यह देख परिजन के सांस में सांस आई, इसके बाद बच्चे को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां अब पूरी तरह से स्वस्थ है.

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मोबाइल पर जो देखा आज काम आया

अपने मासूम बेटे को समझदारी से मौत के मुंह से छीन कर लाने वाली मां ने बताया कि "मोबाइल में एक वीडियो में देखा था जो उसके दिमाग में चल रहा था कि अगर ऐसी स्थिति बने तो किस तरह से दिमाग से काम लेना चाहिए और क्या करना चाहिए. मुश्किल घड़ी में उसे कुछ नहीं सूझ रहा था तो अपने बच्चे पर ही प्रयोग किया और वो सफल रहा. आज बच्चा स्वस्थ और सकुशल है." अपने बच्चे को हंसते-खेलते देखकर मां बहुत खुश नजर आई.

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