अनूपपुर: सड़कों पर हर दिन दिल दहला देने वाली घटना होती रहती है. कई बार इन घटनाओं को लेकर बड़े विरोध प्रदर्शन और आंदोलन भी देखने को मिलते हैं. घटना जितनी बड़ी होती है उतना विकराल आंदोलन भी शुरू हो जाता है और शायद दिन बीतने के साथ उस घटना को सब भूल जाते हैं. लेकिन हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो 14 साल पहले हुई घटना को अभी भी भूले नहीं हैं. इस घटना ने उन्हें झकझोर दिया जिसके बाद से लगातार वे आज भी सड़कों से पत्थर को उठाते रहते हैं.
14 साल पहले हुई थी एक दंपति की दुर्घटना
अनूपपुर के पहाड़ी क्षेत्र में सड़क पर पड़े पत्थर के कारण अनूपपुर के शासकीय कर्मचारी सतीश तिवारी की आंखों के सामने एक दंपति की मौत हो गई थी. इस घटना से वे बहुत आहत हुए थे. ये घटना 14 साल पहले की है, लेकिन सतीश बताते हैं कि आज भी उस घटना को याद करने के बाद उनका दिल दहल उठता है. वे बतातें है कि "तब से हमने फैसला ले लिया है कि सड़क पर दिखने वाले हर पत्थर को हटाना है, जिससे किसी की जान इन पत्थरों की वजह से न जाए."
कैसे हुई थी घटना
सतीश तिवारी ने बताया कि "2008 पुष्पराजगढ़ विकासखंड में मेरी पदस्थापना हुई थी. एक बार रात्रि के समय पुष्पराजगढ़ से मीटिंग के बाद अनूपपुर लौट रहा था. इस बीच रास्ते में देखा कि मोटरसाइकिल सवार दंपति आ रहे थे और सामने से एक ट्रक आ रहा था. मोटरसाइकिल चालक के आंख पर ट्रक की लाइट पड़ने के कारण सड़क पर पत्थर नहीं दिखा और वे ट्रक के नीचे आ गए. इस घटना में दंपति की मौत हो गई.
सड़क पर कैसे आते हैं पत्थर
नेशनल हाईवे, पहाड़ी इलाके या अन्य जगहों पर जब बड़े-बड़े वाहन खराब हो जाते हैं, तो चालक टायर के नीचे पत्थर को रखकर गाड़ी को रोकते हैं और वाहन का रिपेयरिंग कार्य करते हैं. वाहन ठीक होने के बाद पत्थर को बीच सड़क पर ही छोड़ चले जाते हैं. जिससे लोग दुर्घटना का शिकार होते हैं.
ये भी पढ़ें: 'मोई विरुंधु' दावत देने की अनूठी संस्कृति, वायनाड हादसे के पीड़ितों की मदद के लिए हुआ आयोजन |
सोशल मीडिया के जरिए लोगों को करते हैं प्रेरित
पुष्पराजगढ़ शासकीय विभाग में पदस्थ जनजाति कार्य विभाग क्षेत्र संयोजक सतीश तिवारी ने बताते है कि "14 साल पहले सड़कों पर से पत्थर हटाने का काम शुरू किया था. तब से आज भी जहां कहीं भी सड़क पर पत्थर दिख जाता है तो गाड़ी रोककर उसे हटाते हैं." वहीं इसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोगों को इस काम के लिए प्रेरित करते हैं ताकि रोड पर पड़े पत्थर से टकराकर कोई दुर्घटना का शिकार न हो. वहीं वाहन चालकों से भी अपील करते हैं कि इस पत्थर का उपयोग करने के बाद वे इसे रास्ते से हटा दें.