पटना: राजधानी पटना के सचिवालय स्थित अधिवेशन भवन में नशा मुक्ति दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस मौके पर मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री रत्नेश सदा ने मद्य निषेध के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट एवं सराहनीय कार्य के लिए पटना, औरंगाबाद, गोपालगंज और बांका के जिला अधिकारियों को सम्मानित किया गया. वैशाली के पुलिस अधीक्षक हरि किशोर सिंह, सीतामढ़ी पुलिस अधीक्षक मनोज तिवारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.
अधिकारियों को किया गया सम्मानित: नशा मुक्ति दिवस के मौके पर बिहार सरकार की ओर से पटना सचिवालय स्थित अधिवेशन भवन में कार्यक्रम में विभाग के मंत्री रत्नेश सदा के अलावा मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा और डीजीपी आलोक कुमार के अलावा जीविका दीदी ने भी हिस्सा लिया. इस मौके पर शराबबंदी को लेकर चुनौतियों को लेकर भी चर्चा हुई. इस मौके पर मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग ने शराबबंदी कानून को बड़ी उपलब्धि करार दिया है.
"बिहार में शराबबंदी पूरी तरह सफल है. हमने विभाग को पूरे संसाधन उपलब्ध करा दिए हैं. लोगों को जागरूक किया जा रहा है. ड्रोन के जरिए भी शराब माफिया पर नजर रखी जा रही है. 156 मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया गया है. लगभग 16 करोड़ 24 लाख रुपए मुआवजे की रकम दी गई है." -रत्नेश सदा, मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री
अब तक 42924 आपूर्तिकर्ता गिरफ्तार: अधिवेशन भवन में डीजीपी आलोक कुमार ने कहा कि नशा मुक्ति के लिये जागरूकता बहुत जरूरी है. नशा मुक्ति अभियान का रूप ले चुका है. अक्टूबर 2024 दो करोड़ पचपन हजार लीटर से अधिक शराब की बरामरगी की गयी है. 42924 शराब के अपूर्तिकर्ता गिरफ्तार किये गये हैं. जिसमे 13 हजार से ज्यादा दूसरे राज्यों के हैं. पंजाब राज्य के चार कम्पनियों पर जुर्माना किया गया है. एक हजार 827 अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी है.
"शराबबंदी एक सामाजिक बुराई है और इसके खिलाफ बिहार सरकार ने निर्णायक लड़ाई छेड़ रखा है. शराबबंदी जीविका दीदी से प्रयास सफल हो रहा है. आठ लाख केस दर्ज हुए हैं. तेरह लाख गिरफ्तारी हुई है."-अमृतलाल मीणा, मुख्य सचिव
बिहार में स्प्रिट का चल रहा कारोबार: डीजीपी ने कहा कि लापरवारी के मामले में 471 पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गयी. अवैध तरीके से स्प्रिट का कारोबार चल रहा है. जिसके चलते जहरीली शराब से मौत हो रही है. हमारे सामने चुनौती इस बात की भी है कि युवा वर्ग दूसरे नशा की और मुक्ती हो रहे हैं इस पर रोक लगाना जरूरी है.
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