कोटा. कोटा में महाशिवरात्रि के दिन शिव बारात निकलते समय हाई टेंशन लाइन से झंडा टच होने से बड़ा हादसा हो गया था, जिसमें डेढ़ दर्जन बच्चे जख्मी हो गए थे. वहीं, पांच की हालत अधिक गंभीर होने पर उन्हें इलाज के लिए जयपुर रेफर किया गया था. 10 मार्च को एक बच्चे शगुन पुत्र मांगीलाल की उपचार के दौरान मौत हो गई थी. उसके बाद मंगलवार देर रात को कोटा में एक और बच्चे ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. फिलहाल दो बच्चों को इलाज के लिए जयपुर रेफर किया गया है.
महाराव भीम सिंह चिकित्सालय के सुपरिटेंडेंट डॉ. धर्मराज मीणा ने बताया कि अस्पताल में भर्ती 7 वर्षीय समन की मंगलवार रात को अचानक तबीयत खराब हो गई थी. उसके बाद उसका बीपी और ऑक्सीजन लेवल एकदम से कम हो गया था, जिसके चलते उसे कार्डियक अरेस्ट आया. वहीं, चिकित्सकों ने उसे बचाने के लिए सीपीआई की, लेकिन वो सफल नहीं हुए. अंतत: देर रात करीब 11 बजे उसने दम तोड़ दिया. उसके बाद मृतक बच्चे के शव को मोर्चरी में शिफ्ट करवा दिया गया है.
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सात बच्चे अस्पताल से डिस्चार्ज : अधीक्षक डॉ. मीणा ने बताया कि एमबीएस अस्पताल में 17 बच्चों को भर्ती करवाया गया था, जिनमें से पांच बच्चों को 8 मार्च को ही जयपुर रेफर कर दिया गया था. उसके बाद यहां भर्ती 12 बच्चों में से 7 को डिस्चार्ज कर दिया गया है, जबकि पांच बच्चों का इलाज चल रहा था. वहीं, इनमें से मंगलवार रात को दो बच्चों को जयपुर रेफर किया गया है. कोटा में दो बच्चों का इलाज चल रहा है. कोटा में भर्ती बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया था. कोटा से जयपुर रेफर किए गए बच्चों के साथ चिकित्सा और नर्सिंग स्टाफ की पूरी टीम को भेजा गया है.
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तीन आयोजक गिरफ्तार : पुलिस ने इस मामले में आयोजन गोपाल, बाबूलाल और बद्रीलाल के खिलाफ धारा 337, 338 और 34 के तहत 9 मार्च को मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले में जयपुर में उपचार के दौरान 13 वर्षीय सुगन बैरवा की मौत के बाद पुलिस ने 304 ए और जेजे एक्ट की धारा 75 भी जोड़ दी है. वहीं, इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन आयोजकों को मंगलवार रात को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा. बता दें कि महाशिवरात्रि के दिन कुन्हाड़ी के सकतपुरा स्थित काली बस्ती में रामदेव मंदिर से हनुमान मंदिर तक कलश यात्रा निकाली जा रही थी, तभी यह हादसा हो गया था.