उत्तरकाशी: पिछले 25 दिनों से कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों में केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश है. शुक्रवार को केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने सड़क पर उतरकर हल्ला बोला. प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कैबिनेट मंत्री के पुतलों के साथ जुलूस प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने मांगों का शीघ्र निस्तारण न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.
राजकीय कर्मचारी घोषित करने व न्यूनतम मानदेय 18 हजार करने की मांग को लेकर बीते 19 फरवरी से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कलक्ट्रेट परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर हैं. शुक्रवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सेविका व मिनी आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने कलक्ट्रेट परिसर से केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ जुलूस निकाला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के पुतले के साथ निकाला गया. ये जुलूस कलक्ट्रेट से होकर भटवाड़ी रोड होते हुए बस अड्डे तक पहुंचा. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही पुतलों को आग के हवाले किया.
यहां गोल घेरे में कार्यकर्ताओं ने अभी तो हम भोले हैं, भड़क गए तो शोले हैं, एक कटोरी दाल समोसा, धामी तेरा नहीं भरोसा और जो न माने हुड़की से खींच लेंगे कुर्सी से के नारे लगाए. संगठन की जिलाध्यक्ष विजयलक्ष्मी नौटियाल व उपाध्यक्ष सावित्री देवी ने कहा वह न्यूनतम 600 रूपए दिन की दिहाड़ी मांग रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही हैं. जिससे सभी कार्यकर्ताओं में सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. उन्होंने आचार संहिता लगने पर कार्य बहिष्कार जारी रखने की बात कही. प्रदर्शन करने वालों में लखणी देवी, किरन भंडारी, कुसुम महर, वंदना, रूकमणी, सरिता, रेखा, लक्ष्मी नौटियाल, वृंदा, मीना, बीना, सुनीता, पूनन आदि शामिल रहे.