ETV Bharat / state

कालीबाड़ी शिमला में शीश झुका पहली बार लोकसभा रण में उतरेंगे आनंद शर्मा, CM सुक्खू और कांगड़ा के कांग्रेस विधायकों के सहारे चुनावी नैया - Anand Sharma - ANAND SHARMA

Lok Sabha Election 2024: कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा आज से चुनावी रण में प्रचार के लिए उतरने वाले हैं. शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में शीश झुका करके पहली बार आनंद शर्मा लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में आएंगे. वहीं, इस दौरान आनंद शर्मा के लिए कई चुनौतियां सामने खड़ी हैं.

CONGRESS CANDIDATE ANAND SHARMA
CONGRESS CANDIDATE ANAND SHARMA (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 3, 2024, 7:43 AM IST

Updated : May 3, 2024, 12:10 PM IST

शिमला: हिमाचल की चार सीटों में से दो सीटों का चुनाव बहुत ही रोचक होगा. मंडी सीट कंगना रनौत के कारण हॉट सीट बनी हुई है, तो अब कांग्रेस ने आनंद शर्मा को चुनावी रण में उतार कर कांगड़ा सीट को भी चर्चा में ला दिया है. आनंद शर्मा कांग्रेस के इलीट क्लास वाले लीडर्स में से एक माने जाते हैं. वे कभी लोकसभा चुनाव के मैदान में किस्मत आजमाने नहीं उतरे. वे चार बार राज्यसभा के जरिए केंद्र की राजनीति में सक्रिय रहे. यूपीए सरकार में ताकतवर मंत्रालय संभालने वाले आनंद शर्मा ने जी-23 समूह में शामिल होकर पार्टी में आमूल-चूल परिवर्तन को लेकर आवाज बुलंद की थी, लेकिन वे कांग्रेस से अलग नहीं हुए.

कालीबाड़ी मंदिर में शीश झुकाकर करेंगे शुरुआत

छात्र राजनीति सहित कांग्रेस के साथ अपनी सियासी यात्रा के पांच दशक के सफर में आनंद शर्मा ने सिर्फ एक विधानसभा चुनाव लड़ा. उस चुनाव में वे भाजपा के दिग्गज नेता दौलतराम चौहान से पराजित हुए थे. उसके बाद आनंद शर्मा ने कोई चुनाव नहीं लड़ा. वे राज्यसभा से ही निर्वाचित होते रहे. अब कांग्रेस ने उन्हें कांगड़ा से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है. आनंद शर्मा अपने इस नए सफर की शुरुआत शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में शीश झुकाकर करेंगे. अब आनंद शर्मा को पहली बार लोकसभा के रण में उतरने पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित कांगड़ा से कांग्रेस विधायकों का साथ चाहिए. चुनावी वैतरणी पार करने के लिए आनंद शर्मा की आशा इसी फैक्टर पर टिकी है. यहां आगे की पंक्तियों में आनंद शर्मा के पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने और इसके हिमाचल और खुद आनंद शर्मा के सियासी सफर पर पड़ने वाले असर के संभावित परिदृश्य पर नजर डालेंगे.

कांगड़ा से कांग्रेस में आखिर आनंद ही क्यों?

आनंद शर्मा ने बेशक जी-23 समूह में शामिल होकर पार्टी में परिवर्तन की जरूरत की वकालत की हो, लेकिन वे दल से अलग नहीं हुए. आनंद शर्मा गांधी परिवार के करीबी रहे हैं. इंदिरा गांधी व राजीव गांधी का उन पर भरोसा रहा है. यही कारण है कि सोनिया गांधी के दौर में वे यूपीए सरकार में ताकतवर मंत्री रहे. इधर, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी आनंद शर्मा कैंप के ही माने जाते रहे हैं. कांगड़ा सीट पर जब प्रत्याशी को लेकर मंथन चल रहा था तो एक ब्राह्मण चेहरे को उतारने की बात हुई. पहले आशा कुमारी, आरएस बाली व डॉ. राजेश शर्मा के नाम पर भी चर्चा हुई. इनमें से आरएस बाली ने पहले ही पार्टी मुखिया मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर परोक्ष रूप से चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई थी. आशा कुमारी के नाम पर सहमति नहीं बन रही थी. ऐसे में आनंद शर्मा से चर्चा की गई और उनका मन टटोला गया. आनंद शर्मा के लिए सीएम सुक्खू ने भी पैरवी की और सभी के सहयोग का भरोसा दिलाया. इसी भरोसे को देखते हुए आनंद शर्मा ने भी हामी भर दी.

प्रचार में भाजपा आगे, आनंद के सामने कम नहीं चुनौतियां

भाजपा ने अपने लोकसभा प्रत्याशी काफी पहले घोषित कर दिए थे. कांग्रेस इस मामले में पिछड़ गई. पहले भाजपा ने 13 मार्च को हमीरपुर से अनुराग ठाकुर व शिमला से सुरेश कश्यप का नाम फाइनल किया और फिर 24 मार्च को कांगड़ा से राजीव भारद्वाज व मंडी से कंगना रनौत को टिकट घोषित किया. वहीं, कांग्रेस ने कांगड़ा व हमीरपुर से बहुत देरी से प्रत्याशी घोषित किए. कांग्रेस के कांगड़ा व हमीरपुर से प्रत्याशी चयन से काफी पहले ही भाजपा प्रचार वार में आगे निकल गई है. इसका मनोवैज्ञानिक लाभ भाजपा को होगा. वहीं, आनंद शर्मा के समक्ष भी चुनौतियां कम नहीं हैं. वे कभी लोकसभा चुनाव नहीं लड़े और न ही उन्होंने कड़ी धूप में गांव-गांव-गली-गली धूल फांकते हुए प्रचार किया है. ये उनके लिए चुनावी राजनीति का नया अनुभव है. भाजपा कार्यकर्ता ये मान कर चल रहे हैं कि आनंद शर्मा कांग्रेस की इलीट परंपरा के नाम हैं और एयर कंडीशंड सुविधाओं के आदी हैं. ऐसे में वे कड़ी धूप व कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में प्रचार कैसे करेंगे. आनंद शर्मा इस समय 71 साल के हैं, लेकिन उनका मानना है कि वे पीएम नरेंद्र मोदी से अभी आयु में कम हैं. भाजपा कार्यकर्ता इस बात को भी प्रमुखता से उठा रहे हैं कि यदि कांग्रेस कंगना को बाहरी यानी मुंबई की बताते हैं तो क्या आनंद शर्मा भी कांगड़ा के लिए बाहरी नहीं हैं?

CONGRESS CANDIDATE ANAND SHARMA
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा (Anand Sharma fb.)

कांग्रेस विधायकों पर लीड का जिम्मा

आनंद शर्मा की उम्मीदें सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू व कांगड़ा के विधायकों के सहयोग पर टिकी हैं. कांगड़ा में नगरोटा से जीएस बाली के बेटे आरएस बाली उल्लेखनीय वोटों से चुनाव जीते हैं. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार सहित दस विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र से लीड हासिल करने की उम्मीद आनंद शर्मा की रहेगी. इसके अलावा चंबा में आशा कुमारी के सहयोग की आशा रहेगी. इधर, आनंद शर्मा के चुनावी मैदान में उतरते ही भाजपा ने सोशल मीडिया पर वीरभद्र सिंह के एक पुराने वीडियो को पोस्ट किया है. उस वीडियो में वीरभद्र सिंह के एक तरफ सुधीर शर्मा हैं व दूसरी तरफ पवन काजल बैठे हैं. वीरभद्र सिंह इस वीडियो में चुटकी लेते हुए कहते दिखाई दे रहे हैं कि आनंद शर्मा ने राज्यसभा का ही रूट पकड़ा. वे जब पंचायत का चुनाव लड़ेंगे तो पता चलेगा. परोक्ष रूप से वीरभद्र सिंह ने आनंद शर्मा पर कटाक्ष किया था. भाजपा भी इस वीडियो को प्रचार में भुनाएगी कि जिसने पंचायत स्तर पर चुनाव नहीं जीता वो लोकसभा का चुनाव कैसे जीतेंगे

चुनावी प्रचार-प्रसार में मिलेगा कम समय

कवि-संपादक और एक मीडिया संस्थान के राज्य प्रमुख नवनीत शर्मा का कहना है कि आनंद शर्मा के प्रत्याशी बनने के पीछे कांग्रेस का लचीला मन ही नहीं, परिस्थितियां भी हैं. जातियों को लेकर दलों के नेता जो भी कहें, जाति और क्षेत्र ऐसे दो पक्ष हैं जो प्रत्याशी चयन में मानक बन ही जाते हैं. कांग्रेस के स्तर पर 'गहन, गंभीर और सुचिंतित विचार विमर्श का परिणाम इस मोटे गणित में दिखता है कि कांग्रेस ने जितना समय प्रत्याशी चयन में लगाया है, उससे कम समय उसे प्रचार और प्रचार की धार बनाने में मिलेगा. कांगड़ा लोकसभा सीट से भाजपा के शांता कुमार, राजन सुशांत आदि ब्राह्मण नेता जीते हैं. इस बार भारतीय जनता पार्टी ने डॉ. राजीव भारद्वाज को टिकट दिया है. कांग्रेस ने पहली बार किसी ब्राह्मण नेता को उतारा है. भाजपा इसे अपने लिए वाकओवर मान रही है, लेकिन आनंद शर्मा की उम्मीदवारी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: चुनावी रण में आनंद शर्मा, कांगड़ा में संभालेंगे प्रचार का मोर्चा, पिछले चुनाव की लीड को तोड़ना चुनौती

ये भी पढ़ें: जी-23 में एक्टिव रहे आनंद शर्मा हार चुके हैं विधानसभा चुनाव, रायजादा भी पहली बार उतरे लोकसभा के रण में

ये भी पढ़ें: चुनाव से पहले BJP को झटका, कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व MLA किशोरी लाल, CM आवास में ली पार्टी की सदस्यता

शिमला: हिमाचल की चार सीटों में से दो सीटों का चुनाव बहुत ही रोचक होगा. मंडी सीट कंगना रनौत के कारण हॉट सीट बनी हुई है, तो अब कांग्रेस ने आनंद शर्मा को चुनावी रण में उतार कर कांगड़ा सीट को भी चर्चा में ला दिया है. आनंद शर्मा कांग्रेस के इलीट क्लास वाले लीडर्स में से एक माने जाते हैं. वे कभी लोकसभा चुनाव के मैदान में किस्मत आजमाने नहीं उतरे. वे चार बार राज्यसभा के जरिए केंद्र की राजनीति में सक्रिय रहे. यूपीए सरकार में ताकतवर मंत्रालय संभालने वाले आनंद शर्मा ने जी-23 समूह में शामिल होकर पार्टी में आमूल-चूल परिवर्तन को लेकर आवाज बुलंद की थी, लेकिन वे कांग्रेस से अलग नहीं हुए.

कालीबाड़ी मंदिर में शीश झुकाकर करेंगे शुरुआत

छात्र राजनीति सहित कांग्रेस के साथ अपनी सियासी यात्रा के पांच दशक के सफर में आनंद शर्मा ने सिर्फ एक विधानसभा चुनाव लड़ा. उस चुनाव में वे भाजपा के दिग्गज नेता दौलतराम चौहान से पराजित हुए थे. उसके बाद आनंद शर्मा ने कोई चुनाव नहीं लड़ा. वे राज्यसभा से ही निर्वाचित होते रहे. अब कांग्रेस ने उन्हें कांगड़ा से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है. आनंद शर्मा अपने इस नए सफर की शुरुआत शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में शीश झुकाकर करेंगे. अब आनंद शर्मा को पहली बार लोकसभा के रण में उतरने पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित कांगड़ा से कांग्रेस विधायकों का साथ चाहिए. चुनावी वैतरणी पार करने के लिए आनंद शर्मा की आशा इसी फैक्टर पर टिकी है. यहां आगे की पंक्तियों में आनंद शर्मा के पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने और इसके हिमाचल और खुद आनंद शर्मा के सियासी सफर पर पड़ने वाले असर के संभावित परिदृश्य पर नजर डालेंगे.

कांगड़ा से कांग्रेस में आखिर आनंद ही क्यों?

आनंद शर्मा ने बेशक जी-23 समूह में शामिल होकर पार्टी में परिवर्तन की जरूरत की वकालत की हो, लेकिन वे दल से अलग नहीं हुए. आनंद शर्मा गांधी परिवार के करीबी रहे हैं. इंदिरा गांधी व राजीव गांधी का उन पर भरोसा रहा है. यही कारण है कि सोनिया गांधी के दौर में वे यूपीए सरकार में ताकतवर मंत्री रहे. इधर, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी आनंद शर्मा कैंप के ही माने जाते रहे हैं. कांगड़ा सीट पर जब प्रत्याशी को लेकर मंथन चल रहा था तो एक ब्राह्मण चेहरे को उतारने की बात हुई. पहले आशा कुमारी, आरएस बाली व डॉ. राजेश शर्मा के नाम पर भी चर्चा हुई. इनमें से आरएस बाली ने पहले ही पार्टी मुखिया मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर परोक्ष रूप से चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई थी. आशा कुमारी के नाम पर सहमति नहीं बन रही थी. ऐसे में आनंद शर्मा से चर्चा की गई और उनका मन टटोला गया. आनंद शर्मा के लिए सीएम सुक्खू ने भी पैरवी की और सभी के सहयोग का भरोसा दिलाया. इसी भरोसे को देखते हुए आनंद शर्मा ने भी हामी भर दी.

प्रचार में भाजपा आगे, आनंद के सामने कम नहीं चुनौतियां

भाजपा ने अपने लोकसभा प्रत्याशी काफी पहले घोषित कर दिए थे. कांग्रेस इस मामले में पिछड़ गई. पहले भाजपा ने 13 मार्च को हमीरपुर से अनुराग ठाकुर व शिमला से सुरेश कश्यप का नाम फाइनल किया और फिर 24 मार्च को कांगड़ा से राजीव भारद्वाज व मंडी से कंगना रनौत को टिकट घोषित किया. वहीं, कांग्रेस ने कांगड़ा व हमीरपुर से बहुत देरी से प्रत्याशी घोषित किए. कांग्रेस के कांगड़ा व हमीरपुर से प्रत्याशी चयन से काफी पहले ही भाजपा प्रचार वार में आगे निकल गई है. इसका मनोवैज्ञानिक लाभ भाजपा को होगा. वहीं, आनंद शर्मा के समक्ष भी चुनौतियां कम नहीं हैं. वे कभी लोकसभा चुनाव नहीं लड़े और न ही उन्होंने कड़ी धूप में गांव-गांव-गली-गली धूल फांकते हुए प्रचार किया है. ये उनके लिए चुनावी राजनीति का नया अनुभव है. भाजपा कार्यकर्ता ये मान कर चल रहे हैं कि आनंद शर्मा कांग्रेस की इलीट परंपरा के नाम हैं और एयर कंडीशंड सुविधाओं के आदी हैं. ऐसे में वे कड़ी धूप व कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में प्रचार कैसे करेंगे. आनंद शर्मा इस समय 71 साल के हैं, लेकिन उनका मानना है कि वे पीएम नरेंद्र मोदी से अभी आयु में कम हैं. भाजपा कार्यकर्ता इस बात को भी प्रमुखता से उठा रहे हैं कि यदि कांग्रेस कंगना को बाहरी यानी मुंबई की बताते हैं तो क्या आनंद शर्मा भी कांगड़ा के लिए बाहरी नहीं हैं?

CONGRESS CANDIDATE ANAND SHARMA
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा (Anand Sharma fb.)

कांग्रेस विधायकों पर लीड का जिम्मा

आनंद शर्मा की उम्मीदें सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू व कांगड़ा के विधायकों के सहयोग पर टिकी हैं. कांगड़ा में नगरोटा से जीएस बाली के बेटे आरएस बाली उल्लेखनीय वोटों से चुनाव जीते हैं. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार सहित दस विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र से लीड हासिल करने की उम्मीद आनंद शर्मा की रहेगी. इसके अलावा चंबा में आशा कुमारी के सहयोग की आशा रहेगी. इधर, आनंद शर्मा के चुनावी मैदान में उतरते ही भाजपा ने सोशल मीडिया पर वीरभद्र सिंह के एक पुराने वीडियो को पोस्ट किया है. उस वीडियो में वीरभद्र सिंह के एक तरफ सुधीर शर्मा हैं व दूसरी तरफ पवन काजल बैठे हैं. वीरभद्र सिंह इस वीडियो में चुटकी लेते हुए कहते दिखाई दे रहे हैं कि आनंद शर्मा ने राज्यसभा का ही रूट पकड़ा. वे जब पंचायत का चुनाव लड़ेंगे तो पता चलेगा. परोक्ष रूप से वीरभद्र सिंह ने आनंद शर्मा पर कटाक्ष किया था. भाजपा भी इस वीडियो को प्रचार में भुनाएगी कि जिसने पंचायत स्तर पर चुनाव नहीं जीता वो लोकसभा का चुनाव कैसे जीतेंगे

चुनावी प्रचार-प्रसार में मिलेगा कम समय

कवि-संपादक और एक मीडिया संस्थान के राज्य प्रमुख नवनीत शर्मा का कहना है कि आनंद शर्मा के प्रत्याशी बनने के पीछे कांग्रेस का लचीला मन ही नहीं, परिस्थितियां भी हैं. जातियों को लेकर दलों के नेता जो भी कहें, जाति और क्षेत्र ऐसे दो पक्ष हैं जो प्रत्याशी चयन में मानक बन ही जाते हैं. कांग्रेस के स्तर पर 'गहन, गंभीर और सुचिंतित विचार विमर्श का परिणाम इस मोटे गणित में दिखता है कि कांग्रेस ने जितना समय प्रत्याशी चयन में लगाया है, उससे कम समय उसे प्रचार और प्रचार की धार बनाने में मिलेगा. कांगड़ा लोकसभा सीट से भाजपा के शांता कुमार, राजन सुशांत आदि ब्राह्मण नेता जीते हैं. इस बार भारतीय जनता पार्टी ने डॉ. राजीव भारद्वाज को टिकट दिया है. कांग्रेस ने पहली बार किसी ब्राह्मण नेता को उतारा है. भाजपा इसे अपने लिए वाकओवर मान रही है, लेकिन आनंद शर्मा की उम्मीदवारी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: चुनावी रण में आनंद शर्मा, कांगड़ा में संभालेंगे प्रचार का मोर्चा, पिछले चुनाव की लीड को तोड़ना चुनौती

ये भी पढ़ें: जी-23 में एक्टिव रहे आनंद शर्मा हार चुके हैं विधानसभा चुनाव, रायजादा भी पहली बार उतरे लोकसभा के रण में

ये भी पढ़ें: चुनाव से पहले BJP को झटका, कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व MLA किशोरी लाल, CM आवास में ली पार्टी की सदस्यता

Last Updated : May 3, 2024, 12:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.