पटना: बिहार में इन दिनों वायरल फ्लू और डेंगू के मामले बढ़े हुए हैं. बीते 24 घंटे में प्रदेश में डेंगू के 82 नए मामले आए हैं जिसमें पटना में ही 32 मामले हैं. इसी बीच पटना में डेंगू के साथ-साथ टाइफाइड के भी मामले बढ़े हुए हैं, लेकिन अस्पतालों में वायरल फीवर को लेकर जो लोग पहुंच रहे हैं उनमें कई लोगों के सिम्टम्स कोरोना से मिलते जुलते हैं.
लोग पूछ रहे हैं- कहीं कोरोना तो नहीं हो गया?:अस्पतालों में लोग चिकित्सकों को अपनी परेशानी बताते हुए बता रहे हैं कि उन्हें खाने में कोई टेस्ट पता नहीं चल रहा, उन्हें गंध (स्मेल) महसूस नहीं हो रही है. इसको लेकर उन लोगों की बेचैनी बढ़ी हुई है और ऐसे मरीजों को समझाते समझाते चिकित्सक परेशान हैं. पटना के न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि अभी बहुत सारे मरीज ऐसे आ रहे हैं जिनके गले में खराश होना, खाने का टेस्ट खत्म होने की शिकायत कर रहे हैं.
"लोग कंफ्यूज है कि कहीं उन्हें कोरोना तो नहीं हो गया. कोरोना भी एक वायरल डिजीज है. अभी के समय जो वायरल फीवर हुआ है वह वायरस से ही होता है. ऐसे में जो सिम्टम्स कोरोना के समय होते थे वह सिम्टम्स आज भी होंगे क्योंकि वायरल फ्लू का एक ही जैसा सिमटम होता है."- डॉक्टर मनोज कुमार सिन्हा,अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल
'अब कोरोना से पैनिक की जरूरत नहीं': डॉ मनोज सिन्हा ने बताया कि अब यदि किसी को कोरोना होता है तो वह सामान्य सर्दी खांसी जैसा ही होगा. वैक्सीनेशन ड्राइव से आम जन के बॉडी में कोरोना के खिलाफ अच्छी एंटीबॉडी डेवलप हो चुकी है. इसलिए अधिक पैनिक होने की जरूरत नहीं है.
'4-5 दिनों में ठीक हो रहे हैं मरीज': उन्होंने कहा कि ऐसे सिम्टम्स वाले मरीजों को चिकित्सकों के संपर्क में रहने की जरूरत जरूर है. जरूरत पड़ने पर वह लोग भी पेशेंट का कोरोना सस्पेक्ट सिंपटम मिलने पर आरटी पीसीआर टेस्ट कराते हैं. गिने चुने मामले में पॉजिटिव भी आते हैं, लेकिन यह सब अब एक सामान्य घटना बन चुकी है. ऐसे मरीज भी सामान्य फ्लू के तरह चार-पांच दिनों में ठीक हो जाते हैं.
अभी के समय हाइजीन जरूरी: डॉ मनोज सिन्हा ने बताया कि अभी के समय वायरल फीवर सबसे अधिक फैला हुआ है. बरसात का मौसम भी है ऐसे में खानपान में हाइजीन बरतना जरूरी है. स्ट्रीट फूड जहां जल जमाव है और खाने पर मच्छर मक्खी लग रहा है, उसे बिल्कुल भी न छुएं. कम तेल मसाले वाले ताजा भोजन करें, जो सुपाच्य होते हैं. प्रचुर मात्रा में पानी पिए और शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी नहीं होने दें. मौसमी फलों के जूस, नारियल पानी, इलेक्ट्रॉल पाउडर का सेवन करें. घर में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और घर में मच्छर ना आए इसके लिए प्रबंध करें.
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