जैसलमेर: जिले में इस साल रबी की फसल से किसानों काे खासी उम्मीदें थीं. इस बार मानसून की अच्छी बारिश के हिसाब से किसान पूरी मेहनत के साथ खेतों में जुट हुए थे कि रबी की फसल की शुरुआत होते ही डीएपी खाद की किल्लत शुरु हो गई. केंद्रों में खाद नहीं मिलने से डीएपी के लिए मारामारी शुरु हो गई है. वहीं जैसलमेर के विधायक छोटूसिंह भाटी ने सवाल उठाया है कि 1000 मैट्रिक टन आए डीएपी खाद का कोई हिसाब नहीं है. 900 मिट्रिक टन माल कहां गया, इस बारे में किसी को जानकारी नहीं है.
गौरतलब है कि प्रदेश में डीएपी खाद की किल्लत से राज्य सरकार ने किसानों को यूरिया-सिंगल सुपर फास्फेट का मिश्रण कर इस्तेमाल की सलाह दी है. लेकिन जैसलमेर में शुरू से ही डीएपी का ट्रेंड है. ऐसे में अब किसानों को दूसरा तरीका रास नहीं आ रहा है. किसान रोजाना क्रय विक्रय सहकारी व ग्राम सेवा सहकारी समितियों के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन वहां भी डीएपी नहीं होने से किसानों को मायूस लौटना पड़ रहा है. इस मामले में विधायक छोटूसिंह भाटी ने डीएपी खाद की किल्लत के लिए प्रिंसिपल सेक्रेटरी से भी बात की, तो उन्होंने बताया कि आपके यहां 1000 मिट्रिक टन माल की सप्लाई की गई है.
विधायक द्वारा इंक्वारी करने पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 100 मिट्रिक टन तो जैसलमेर में एक बीज भंडार की एक दुकान है, उनको सप्लाई किया गया. वहीं 900 मिट्रिक टन अनुपम खाद बीज भंडार नाम की एजेंसी को दिया गया है. छोटूसिंह ने बताया कि जब 900 मिट्रिक टन खाद के बारे में अधिकारियों से पूछा तो उनके पास उसका ब्यौरा उपलब्ध नहीं हो पाया. तब विधायक ने पुनः प्रिंसिपल सेक्रेटरी से बात की. तो उन्होंने बताया कि जो भी डीएपी खाद की किल्लत है उसकी कमी को हल कर दिया जाएगा. लेकिन विधायक छोटूसिंह ने बताया कि हम इस बात को मानते हैं कि 900 मिट्रिक टन डीएपी कहां गया.
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विधायक ने कहा कि माल के ब्यौरे की मांग की गई है. इसके अलावा जिम्मेदार अधिकारियों से भी पूछताछ की जारी है. वहीं विधायक ने बताया कि ऐसा सुनने में आ रहा है कि किसानों को मजबूरन ब्लैक में डीएपी लेनी पड़ रही है. यह बहुत बड़ा अफसोस है कि हमारे होते हुए भी इस मामले को लेकर कालाबाजारी हो रही है. विधायक ने कहा कि कालाबाजारी का भी पता लगाया जा रहा है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही जो भी जिले में डीएपी की कमी है, उसको जल्द ही पूरा करने के प्रयास करेंगे.