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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहारनपुर सीएमओ पर लगाया एक लाख का जुर्माना, आदेश का पालन नहीं करना पड़ा महंगा - ALLAHABAD HIGH COURT

हाईकोर्ट ने अस्पताल के नवीनीकरण के आदेश का पालन नहीं करने पर सहारनपुर सीएमओ को लगाया जुर्माना

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सहारनपुर सीएमओ पर लगा जुर्माना (Photo Credit ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना सहारनपुर सीएमओ को महंगा पड़ गया. हाईकोर्ट ने उन पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगा दिया है. ये आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति डोनादी रमेश की खंडपीठ ने अनाया हेल्थ सेंटर सहारनपुर और अन्य की दाखिल याचिका पर दिया है.

दरअसल, डॉ. अंशुल गुप्ता ने बाजोरिया रोड, सहारनपुर में किराए का भवन लेकर अनन्या हेल्थ सेंटर अस्पताल खोला था. किरायानामा 01अप्रैल 2023 से 29 फरवरी 2024 तक यानी 11 महीने के लिए वैध था. वहीं, अस्पताल का पंजीकरण 30 अप्रैल 2024 तक एक वर्ष के लिए वैध था. किराया-विलेख की समाप्ति के बाद भी उस परिसर पर कब्जा जारी रखा गया. वहीं, मकान मालिक ने किरायानामा का नवीनीकरण नहीं किया और परिसर खाली करने के लिए कहा.

परिसर खाली नहीं करने पर मकान मालिक उषा गुप्ता ने बेदखली आवेदन दायर किया. अंशुल गुप्ता ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) में वाद दाखिल कर स्टे की मांग किया. जिसपर सिविल जज ने 23 फरवरी 2024 के आदेश से अस्थायी निषेधाज्ञा आदेश जारी कर दी. इस दौरान याची ने सीएमओ कार्यालय में अस्पताल के नवीनीकरण के लिए आवेदन किया. मकान मालिक ने इसके ​खिलाफ मंडलायुक्त के यहां प्रार्थना पत्र दिया. मंडलायुक्त के निर्देश पर सीएमओ ने 22 जून 2024 के आदेश से लाइसेंस नवीनीकरण के आवेदन को खारिज कर दिया. जिसमें कहा गया कि 'विवादित परिसर' के संबंध में किराया-विलेख की प्रति दाखिल नहीं की है. इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई.

हाईकोर्ट ने कहा कि, सिविल कोर्ट ने अस्थायी निषेधाज्ञा आदेश जारी किया है. इसके बाद भी नवीनीकरण आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया. सीएमओ के जानबूझकर कानून का उल्लंघन करने के कारण याची को अनावश्यक रूप से दो बार इस न्यायालय में आना पड़ा. कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सहारनपुर को निर्देश दिया कि वह अस्पताल के पंजीकरण को तुरंत नवीनीकृत करें. यह आदेश सिविल जज (सीनियर डिवीजन), बेदखली आवेदन के फैसले के अधीन होगा.

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट का फैसला: 2500 रुपये में भरण-पोषण मिडिल क्लास महिला के लिए संभव नहीं, साधारण जीवन के लिए बहुत कम

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना सहारनपुर सीएमओ को महंगा पड़ गया. हाईकोर्ट ने उन पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगा दिया है. ये आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति डोनादी रमेश की खंडपीठ ने अनाया हेल्थ सेंटर सहारनपुर और अन्य की दाखिल याचिका पर दिया है.

दरअसल, डॉ. अंशुल गुप्ता ने बाजोरिया रोड, सहारनपुर में किराए का भवन लेकर अनन्या हेल्थ सेंटर अस्पताल खोला था. किरायानामा 01अप्रैल 2023 से 29 फरवरी 2024 तक यानी 11 महीने के लिए वैध था. वहीं, अस्पताल का पंजीकरण 30 अप्रैल 2024 तक एक वर्ष के लिए वैध था. किराया-विलेख की समाप्ति के बाद भी उस परिसर पर कब्जा जारी रखा गया. वहीं, मकान मालिक ने किरायानामा का नवीनीकरण नहीं किया और परिसर खाली करने के लिए कहा.

परिसर खाली नहीं करने पर मकान मालिक उषा गुप्ता ने बेदखली आवेदन दायर किया. अंशुल गुप्ता ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) में वाद दाखिल कर स्टे की मांग किया. जिसपर सिविल जज ने 23 फरवरी 2024 के आदेश से अस्थायी निषेधाज्ञा आदेश जारी कर दी. इस दौरान याची ने सीएमओ कार्यालय में अस्पताल के नवीनीकरण के लिए आवेदन किया. मकान मालिक ने इसके ​खिलाफ मंडलायुक्त के यहां प्रार्थना पत्र दिया. मंडलायुक्त के निर्देश पर सीएमओ ने 22 जून 2024 के आदेश से लाइसेंस नवीनीकरण के आवेदन को खारिज कर दिया. जिसमें कहा गया कि 'विवादित परिसर' के संबंध में किराया-विलेख की प्रति दाखिल नहीं की है. इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई.

हाईकोर्ट ने कहा कि, सिविल कोर्ट ने अस्थायी निषेधाज्ञा आदेश जारी किया है. इसके बाद भी नवीनीकरण आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया. सीएमओ के जानबूझकर कानून का उल्लंघन करने के कारण याची को अनावश्यक रूप से दो बार इस न्यायालय में आना पड़ा. कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सहारनपुर को निर्देश दिया कि वह अस्पताल के पंजीकरण को तुरंत नवीनीकृत करें. यह आदेश सिविल जज (सीनियर डिवीजन), बेदखली आवेदन के फैसले के अधीन होगा.

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