अजमेर : राजस्थान में अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. हिंदू सेना अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दरगाह क्षेत्र में शिव मंदिर होने का एक और साक्ष्य प्रस्तुत किया है. उन्होंने 1841 में लिखी असिस्टेंट सर्जन रॉबर्ट हैमिल्टन इर्विन की पुस्तक 'सम अकाउंट ऑफ द जनरल एंड मेडिकल टोपोग्राफी ऑफ अजमेर' का हवाला दिया. गुप्ता का दावा है कि इस पुस्तक में लिखा गया है कि दरगाह क्षेत्र में प्राचीन समय से शिवलिंग मौजूद था और यह क्षेत्र झाड़ियों से ढका जंगल था. गुप्ता ने कहा कि इस साक्ष्य के साथ अन्य दस्तावेज भी अदालत में प्रस्तुत किए जाएंगे.
सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप : वहीं, इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के मौलाना तौकीर रजा खान ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. मौलाना तौकीर ने कहा- देशभर में चल रही खुदाई अब अजमेर दरगाह तक पहुंच गई है. खुदाई का असली मकसद सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि गरीब नवाज की दरगाह पर खुदाई की बात करना सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश है.
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प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट का हवाला : मौलाना ने प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस कानून के तहत ऐसी सभी याचिकाएं गैरकानूनी हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मुकदमे पहली फुर्सत में खारिज किए जाने चाहिए और याचिकाकर्ताओं पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए. सरकार को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करना चाहिए, ताकि देश में सांप्रदायिक सौहार्द कायम रहे.
दरगाह में जियारत और संभल प्रकरण पर टिप्पणी : मौलाना तौकीर बुधवार को अजमेर दौरे पर थे और उन्होंने दरगाह में जियारत की. संभल की घटना पर उन्होंने कहा कि वहां जो कुछ हुआ, वह बेईमानी और हिंसा का नतीजा है. रजा बोले- संभल मस्जिद में पाबंदियां इसलिए लगाई गईं हैं ताकि जो गड़बड़ी हुई है, उसे सुधारा जा सके. मुस्लिम समुदाय हमेशा से सच्चा हिंदुस्तानी था और रहेगा.
उच्च स्तरीय जांच की मांग : संभल में हत्याओं के प्रकरण पर मौलाना रजा ने निष्पक्ष जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि संभल को हिंसा में झोंकने वाले जिम्मेदार लोगों को इंसाफ के कटघरे में लाना चाहिए.