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Ajmer Dargah Dispute : राजेंद्र राठौड़ बोले- हर भारतीय को याचिका दायर करने का है संवैधानिक अधिकार

अजमेर दरगाह विवाद पर राजेंद्र राठौड़ का बड़ा बयान, कहा- सभी को याचिका दायर करने का संवैधानिक अधिकार.

Ajmer Dargah Dispute Case
अजमेर दरगाह विवाद पर राजेंद्र राठौड़ का बड़ा बयान (ETV BHARAT AJMER)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 1, 2024, 3:44 PM IST

अजमेर : राज्य के पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने अब अजमेर दरगाह विवाद पर बयान दिया है. राठौड़ ने कहा कि हर भारतीय को कोर्ट में दावा पेश करने का संवैधानिक अधिकार है. कोर्ट ने पक्षकारों को नोटिस जारी करके उनका पक्ष पूछा है. यह चाय के प्याले में तूफान जैसी बात है. इस बात को आगे बढ़ाना उचित नहीं है. न्यायालय का जो भी निर्णय होगा, उसे सभी को मानना चाहिए. फिलहाल बुनियादी तौर पर ऐसी कोई बात नहीं है. दरअसल, रविवार को राठौड़ अजमेर के दौरे पर रहे. यहां सर्किट हाउस में मीडियाकर्मियों से रूबरू होने के दौरान उन्होंने अजमेर दरगाह वाद प्रकरण के साथ ही कैबिनेट के निर्णय समेत अन्य अहम विषयों पर अपनी बातें रखी.

राठौड़ ने दरगाह वाद प्रकरण पर कहा कि वाद अभी प्रारंभिक स्तर पर है. कोर्ट में कोई भी भारतीय नागरिक वाद दायर कर सकता है. यह सूफी संत की दरगाह का मामला है. इस मामले में कोर्ट ने अभी पक्षकारों को नोटिस दिया है. दावा पेश किया गया है कि यहां पहले भगवान शिव का मंदिर था. खैर, हर भारतीय नागरिक को दावा पेश करने का संवैधानिक अधिकार है. इस वाद में पक्षकारों को नोटिस भेजकर पूछा गया है कि इसमें सच्चाई क्या है? अभी यह केवल चाय के प्याले में तूफान जैसी बात है. अभी इस बात को आगे नहीं बढ़ना चाहिए. न्यायालय का निर्णय जो भी आए, उसे सभी को मानना चाहिए.

राज्य के पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ (ETV BHARAT AJMER)

इसे भी पढ़ें - अजमेर दरगाह विवाद पर मंत्री मदन दिलावर बोले- औरंगजेब-बाबर ने मंदिरों को तोड़कर बनवाई मस्जिदें, खुदाई से हो जाएगा फैसला

उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार अपनी पहली वर्षगांठ की ओर बढ़ रही है. शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में ऐसे निर्णय हुए है, जिसका लंबे समय से इंतजार था. धर्म परिवर्तन को लेकर बिल लाने को मंजूरी मिली है. यह ऐतिहासिक कार्य है. अध्यादेश के माध्यम से सरकार ने गैरकानूनी (छल, कपट, लालच और दबाव) तरीके से धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों और संस्थानों पर कानूनी शिकंजा कसने का काम किया है. लव जिहाद के कई प्रकरण प्रदेश में हुए. उन प्रकरणों में कई हिंसा भी हुई. कपटपूर्वक धर्म परिवर्तन के बाद यदि शादी होती है तो इस अध्यादेश के बाद कोर्ट को अधिकार होगा कि वो उस शादी को अमान्य करें.

राजस्थान का होगा कायापलट : उन्होंने कहा कि भजनलाल सरकार ने अपने अल्प समय में पारदर्शी तरीके से नीतिगत निर्णय लेकर अपने मंसूबों को साफ कर दिया है. एक ओर हम राजस्थान की अर्थव्यवस्था को 38 हजार करोड़ से अधिक पहुंचाना चाहते हैं तो दूसरी ओर नीतिगत निर्णय लेकर राजस्थान में निवेश का वातावरण तैयार करने के साथ ही हर जगह प्रतिस्पर्धा का वातावरण बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो निर्णय कैबिनेट में हुए हैं, वो अपने आप में अद्वितीय है.

इसे भी पढ़ें - अजमेर दरगाह विवाद : कांग्रेस नेता रलावता बोले- कांग्रेस बने ना बने, मैं बनूंगा पक्षकार

राजस्थान बन सकता है पूरे एशिया का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी उत्पादक : राठौड़ ने कहा कि राजस्थान पूरे एशिया का सबसे ज्यादा सोलर एनर्जी उत्पादन करने वाला प्रदेश बन सकता है. इस दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है और 125 गीगावॉट सोलर प्लांट का नीतिगत निर्णय भी लिया गया है. लैंड कन्वर्जन रूल 2007 में भी धारा 6बी में संशोधन किया गया है. उन्होंने बताया कि राजस्थान टेनेंसी एक्ट 1955 के सेक्शन 42बी में संशोधन किया गया है. सोलर पार्क के लिए कृषि भूमि को अकृषि भूमि करने के लिए एसटी-एससी वर्ग के लोग भी अपनी जमीन स्वेच्छा से दे सकते हैं. इनमें भी यदि कृषक अपने शपथ पत्र में देगा कि खेत में जाने का रास्ता है तो ही उसको यह अधिकार मिलेगा. लंबे अंतराल के बाद प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने का काम हो रहा है.

ऐसे बढ़ेगी राज्य की अर्थव्यवस्था : राठौड़ ने कहा कि हमारे यहां 15 लाख लघु व मध्यम उद्योग है. हमारे जीडीएसपी में सबसे बड़ा योगदान इन्हीं का है, इसलिए एमएसएमई नीति 2024 का कैबिनेट की बैठक में अनुमोदन हुआ है. उद्योग लगाने पर दो फीसदी रियायत दी जाएगी. यदि उसमें भी कोई एडवांस टेक्नोलॉजी लगाकर नवाचार करेगा तो उसमें 50 फीसदी सरकार देगी. निर्यात की दृष्टि से राजस्थान एक अच्छा राज्य बने, इसलिए अगले 5 साल में डेढ़ लाख करोड़ के निर्यातक बने इसके लिए भी नीति का अनुमोदन किया गया है.

इसे भी पढ़ें - अजमेर दरगाह विवाद : विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी बोले-गहराई में ना जाएं, कोर्ट पर रखें विश्वास

इसके अलावा एक जिला, एक उत्पादन के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने और प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की भी नीति है. साथ ही पर्यटन नीति के तहत ग्रामीण क्षेत्र में बड़े होटल आएंगे. इसमें 100 करोड़ का निवेश और सरकारी भूमि के आवंटन पर भी नीति बनी है. बजरी की किल्लत को लेकर भी नीतिगत निर्णय लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि 11 माह के कार्यकाल में प्रदेश में सुदृढ़ कानून व्यवस्था रही है. वहीं, जनमानस के सपनों को हकीकत में बदलने के लिए सरकार ने अतिरिक्त काम किया है.

कांग्रेस पर साधा निशाना : राठौड़ ने कहा कि यह कैबिनेट के फैसले हैं. किसी अधिकारी के फैसले नहीं. मंत्रिमंडल इस प्रकार के फैसले नवाचार के साथ कर रहा है, इसलिए कांग्रेस को आलोचना का कोई दूसरा दरवाजा नजर नहीं आ रहा है. कांग्रेस की ओर से एक शिगूफा छोड़ गया है कि ब्यूरोक्रेसी हावी है. कांग्रेस ने मौजूदा सरकार को पर्ची की सरकार कहा, लेकिन पर्ची की सरकार ने जनता के दिलों दिमाग पर अपने काम के जरिए राज किया है. हाल ही में उपचुनाव के नतीजों ने इसे साबित कर दिया है.

इसे भी पढ़ें - अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता को मिली जान से मारने की धमकी

वन स्टेट, वन इलेक्शन पर बोले राठौड़ : वन स्टेट, वन इलेक्शन के सवाल पर राठौड़ ने कहा कि वन स्टेट, वन इलेक्शन की बात पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कही थी. सरपंच से लेकर जिला प्रमुख तक के चुनाव 13 माह तक चले थे. इस कारण लगातार लंबे समय तक आचार संहिता लगे थे, लेकिन यह सरकार ऐसा नहीं करेगी. पंचायत राज समेत सभी चुनाव को एक साथ कराने की मंशा है. वन स्टेट, वन इलेक्शन सरकार का नीतिगत फैसला है.

मेरी नहीं कोई दूरी : राठौड़ ने कहा कि मेरी संगठन से कोई दूरी नहीं है. मैं संगठन का निष्ठावान कार्यकर्ता हूं. पार्टी ने जो भी दायित्व दिया, उसे मैं बखूबी निभाता आ रहा हूं. उपचुनाव में कोई दूरी नहीं थी, जहां भी मुझे भेजा गया, मैं वहां गया. यह कुछ लोग भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस सरकार को बनाने के लिए हमने खून-पसीने बहाए, वो सरकार आदर्श सरकार बने, यही हमारी खुद की परिकल्पना है.

अजमेर : राज्य के पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने अब अजमेर दरगाह विवाद पर बयान दिया है. राठौड़ ने कहा कि हर भारतीय को कोर्ट में दावा पेश करने का संवैधानिक अधिकार है. कोर्ट ने पक्षकारों को नोटिस जारी करके उनका पक्ष पूछा है. यह चाय के प्याले में तूफान जैसी बात है. इस बात को आगे बढ़ाना उचित नहीं है. न्यायालय का जो भी निर्णय होगा, उसे सभी को मानना चाहिए. फिलहाल बुनियादी तौर पर ऐसी कोई बात नहीं है. दरअसल, रविवार को राठौड़ अजमेर के दौरे पर रहे. यहां सर्किट हाउस में मीडियाकर्मियों से रूबरू होने के दौरान उन्होंने अजमेर दरगाह वाद प्रकरण के साथ ही कैबिनेट के निर्णय समेत अन्य अहम विषयों पर अपनी बातें रखी.

राठौड़ ने दरगाह वाद प्रकरण पर कहा कि वाद अभी प्रारंभिक स्तर पर है. कोर्ट में कोई भी भारतीय नागरिक वाद दायर कर सकता है. यह सूफी संत की दरगाह का मामला है. इस मामले में कोर्ट ने अभी पक्षकारों को नोटिस दिया है. दावा पेश किया गया है कि यहां पहले भगवान शिव का मंदिर था. खैर, हर भारतीय नागरिक को दावा पेश करने का संवैधानिक अधिकार है. इस वाद में पक्षकारों को नोटिस भेजकर पूछा गया है कि इसमें सच्चाई क्या है? अभी यह केवल चाय के प्याले में तूफान जैसी बात है. अभी इस बात को आगे नहीं बढ़ना चाहिए. न्यायालय का निर्णय जो भी आए, उसे सभी को मानना चाहिए.

राज्य के पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ (ETV BHARAT AJMER)

इसे भी पढ़ें - अजमेर दरगाह विवाद पर मंत्री मदन दिलावर बोले- औरंगजेब-बाबर ने मंदिरों को तोड़कर बनवाई मस्जिदें, खुदाई से हो जाएगा फैसला

उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार अपनी पहली वर्षगांठ की ओर बढ़ रही है. शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में ऐसे निर्णय हुए है, जिसका लंबे समय से इंतजार था. धर्म परिवर्तन को लेकर बिल लाने को मंजूरी मिली है. यह ऐतिहासिक कार्य है. अध्यादेश के माध्यम से सरकार ने गैरकानूनी (छल, कपट, लालच और दबाव) तरीके से धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों और संस्थानों पर कानूनी शिकंजा कसने का काम किया है. लव जिहाद के कई प्रकरण प्रदेश में हुए. उन प्रकरणों में कई हिंसा भी हुई. कपटपूर्वक धर्म परिवर्तन के बाद यदि शादी होती है तो इस अध्यादेश के बाद कोर्ट को अधिकार होगा कि वो उस शादी को अमान्य करें.

राजस्थान का होगा कायापलट : उन्होंने कहा कि भजनलाल सरकार ने अपने अल्प समय में पारदर्शी तरीके से नीतिगत निर्णय लेकर अपने मंसूबों को साफ कर दिया है. एक ओर हम राजस्थान की अर्थव्यवस्था को 38 हजार करोड़ से अधिक पहुंचाना चाहते हैं तो दूसरी ओर नीतिगत निर्णय लेकर राजस्थान में निवेश का वातावरण तैयार करने के साथ ही हर जगह प्रतिस्पर्धा का वातावरण बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो निर्णय कैबिनेट में हुए हैं, वो अपने आप में अद्वितीय है.

इसे भी पढ़ें - अजमेर दरगाह विवाद : कांग्रेस नेता रलावता बोले- कांग्रेस बने ना बने, मैं बनूंगा पक्षकार

राजस्थान बन सकता है पूरे एशिया का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी उत्पादक : राठौड़ ने कहा कि राजस्थान पूरे एशिया का सबसे ज्यादा सोलर एनर्जी उत्पादन करने वाला प्रदेश बन सकता है. इस दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है और 125 गीगावॉट सोलर प्लांट का नीतिगत निर्णय भी लिया गया है. लैंड कन्वर्जन रूल 2007 में भी धारा 6बी में संशोधन किया गया है. उन्होंने बताया कि राजस्थान टेनेंसी एक्ट 1955 के सेक्शन 42बी में संशोधन किया गया है. सोलर पार्क के लिए कृषि भूमि को अकृषि भूमि करने के लिए एसटी-एससी वर्ग के लोग भी अपनी जमीन स्वेच्छा से दे सकते हैं. इनमें भी यदि कृषक अपने शपथ पत्र में देगा कि खेत में जाने का रास्ता है तो ही उसको यह अधिकार मिलेगा. लंबे अंतराल के बाद प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने का काम हो रहा है.

ऐसे बढ़ेगी राज्य की अर्थव्यवस्था : राठौड़ ने कहा कि हमारे यहां 15 लाख लघु व मध्यम उद्योग है. हमारे जीडीएसपी में सबसे बड़ा योगदान इन्हीं का है, इसलिए एमएसएमई नीति 2024 का कैबिनेट की बैठक में अनुमोदन हुआ है. उद्योग लगाने पर दो फीसदी रियायत दी जाएगी. यदि उसमें भी कोई एडवांस टेक्नोलॉजी लगाकर नवाचार करेगा तो उसमें 50 फीसदी सरकार देगी. निर्यात की दृष्टि से राजस्थान एक अच्छा राज्य बने, इसलिए अगले 5 साल में डेढ़ लाख करोड़ के निर्यातक बने इसके लिए भी नीति का अनुमोदन किया गया है.

इसे भी पढ़ें - अजमेर दरगाह विवाद : विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी बोले-गहराई में ना जाएं, कोर्ट पर रखें विश्वास

इसके अलावा एक जिला, एक उत्पादन के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने और प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की भी नीति है. साथ ही पर्यटन नीति के तहत ग्रामीण क्षेत्र में बड़े होटल आएंगे. इसमें 100 करोड़ का निवेश और सरकारी भूमि के आवंटन पर भी नीति बनी है. बजरी की किल्लत को लेकर भी नीतिगत निर्णय लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि 11 माह के कार्यकाल में प्रदेश में सुदृढ़ कानून व्यवस्था रही है. वहीं, जनमानस के सपनों को हकीकत में बदलने के लिए सरकार ने अतिरिक्त काम किया है.

कांग्रेस पर साधा निशाना : राठौड़ ने कहा कि यह कैबिनेट के फैसले हैं. किसी अधिकारी के फैसले नहीं. मंत्रिमंडल इस प्रकार के फैसले नवाचार के साथ कर रहा है, इसलिए कांग्रेस को आलोचना का कोई दूसरा दरवाजा नजर नहीं आ रहा है. कांग्रेस की ओर से एक शिगूफा छोड़ गया है कि ब्यूरोक्रेसी हावी है. कांग्रेस ने मौजूदा सरकार को पर्ची की सरकार कहा, लेकिन पर्ची की सरकार ने जनता के दिलों दिमाग पर अपने काम के जरिए राज किया है. हाल ही में उपचुनाव के नतीजों ने इसे साबित कर दिया है.

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वन स्टेट, वन इलेक्शन पर बोले राठौड़ : वन स्टेट, वन इलेक्शन के सवाल पर राठौड़ ने कहा कि वन स्टेट, वन इलेक्शन की बात पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कही थी. सरपंच से लेकर जिला प्रमुख तक के चुनाव 13 माह तक चले थे. इस कारण लगातार लंबे समय तक आचार संहिता लगे थे, लेकिन यह सरकार ऐसा नहीं करेगी. पंचायत राज समेत सभी चुनाव को एक साथ कराने की मंशा है. वन स्टेट, वन इलेक्शन सरकार का नीतिगत फैसला है.

मेरी नहीं कोई दूरी : राठौड़ ने कहा कि मेरी संगठन से कोई दूरी नहीं है. मैं संगठन का निष्ठावान कार्यकर्ता हूं. पार्टी ने जो भी दायित्व दिया, उसे मैं बखूबी निभाता आ रहा हूं. उपचुनाव में कोई दूरी नहीं थी, जहां भी मुझे भेजा गया, मैं वहां गया. यह कुछ लोग भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस सरकार को बनाने के लिए हमने खून-पसीने बहाए, वो सरकार आदर्श सरकार बने, यही हमारी खुद की परिकल्पना है.

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