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एम्स भोपाल में मिलेगी मल्टी आर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा, ह्रदय और फेफड़े का भी होगा प्रत्यारोपण

भोपाल एम्स ने किडनी के सफल ट्रांसप्लांट के बाद जल्द हार्ट और लंग्स के ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने जा रही है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

AIIMS BHOPAL MULTI ORGAN TRANSPLANT
भोपाल एम्स जल्द शुरू करेगा हार्ट और लंग्स का ट्रांसप्लांट (ETV Bharat)

भोपाल: एम्स भोपाल अपनी सेवाओं में विस्तार करते हुए निरंतर स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोत्तरी कर रहा है. हाल ही में यहां 2 सफल किडनी ट्रांसप्लांट किया गया है. अब जल्द ही यहां हार्ट और लंग्स की सर्जरी व ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने वाली है. यह बात एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने बताई है. उन्होंने बताया कि "एम्स जल्द ही मलटी आर्गन ट्रांसप्लांट वाला अस्पताल बनने जा रहा है. जहां एक ही छत के नीचे मरीजों को सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी."

लोगों से अंगदान की सहमति लेना बड़ी चुनौती

एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने बताया कि "एम्स भोपाल 2 सफल किडनी प्रत्यारोपण के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए अंग प्रत्यारोपण की दिशा में बड़ी प्रगति की ओर बढ़ रहा है." सिंह ने अंगदान को बढ़ावा देने में समाज की भागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि "एम्स भोपाल में किडनी प्रत्यारोपण की सफलता हमारी समर्पित टीम की विशेषज्ञता और अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में हमारे द्वारा की जा रही प्रगति का प्रमाण है. हालांकि, असली चुनौती लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करने और जीवन बचाने में निहित है. इस नेक कार्य में योगदान देने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए, क्योंकि जीवन का उपहार सबसे बड़ा उपहार है, जो हर कोई दे सकता है."

एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 8 मरीज वेटिंग में

एम्स भोपाल में अभी अंगदान करने वालों की कमी है. जागरूकता की कमी से कई मरीजों को किडनी नहीं मिल पा रही है. वर्तमान में यहां 8 मरीज प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त दाताओं की प्रतीक्षा सूची में हैं. इन किडनी प्रत्यारोपण की सफलता एम्स भोपाल की अंग प्रत्यारोपण सेवाओं के विस्तार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. संस्थान में जल्द ही हृदय और फेफड़े के प्रत्यारोपण की शुरुआत करने की तैयारी की जा रही है. ताकि भविष्य में व्यापक मल्टी-ऑर्गन प्रत्यारोपण सेवाएं प्रदान की जा सकें.

यहां पढ़ें...

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जरुरतमंद मरीज और अंगदाताओं के बीच बड़ा अंतर

एम्स के डाक्टरों ने बताया कि "प्रत्यारोपण कार्यक्रम के सफल संचालन के साथ ही अंगदान को लेकर लोगों में झिझक जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. चिकित्सा प्रौद्योगिकी में प्रगति के बावजूद, कई लोग अंगदान के लिए आगे नहीं आते हैं. जिससे जरूरतमंद मरीजों और उपलब्ध दाताओं के बीच एक बड़ा अंतर बना हुआ है. एक व्यक्ति 8 लोगों को जीवनदान देकर उनके जीवन को बचा सकता है. इसलिए अंगदान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है."

भोपाल: एम्स भोपाल अपनी सेवाओं में विस्तार करते हुए निरंतर स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोत्तरी कर रहा है. हाल ही में यहां 2 सफल किडनी ट्रांसप्लांट किया गया है. अब जल्द ही यहां हार्ट और लंग्स की सर्जरी व ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने वाली है. यह बात एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने बताई है. उन्होंने बताया कि "एम्स जल्द ही मलटी आर्गन ट्रांसप्लांट वाला अस्पताल बनने जा रहा है. जहां एक ही छत के नीचे मरीजों को सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी."

लोगों से अंगदान की सहमति लेना बड़ी चुनौती

एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने बताया कि "एम्स भोपाल 2 सफल किडनी प्रत्यारोपण के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए अंग प्रत्यारोपण की दिशा में बड़ी प्रगति की ओर बढ़ रहा है." सिंह ने अंगदान को बढ़ावा देने में समाज की भागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि "एम्स भोपाल में किडनी प्रत्यारोपण की सफलता हमारी समर्पित टीम की विशेषज्ञता और अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में हमारे द्वारा की जा रही प्रगति का प्रमाण है. हालांकि, असली चुनौती लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करने और जीवन बचाने में निहित है. इस नेक कार्य में योगदान देने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए, क्योंकि जीवन का उपहार सबसे बड़ा उपहार है, जो हर कोई दे सकता है."

एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 8 मरीज वेटिंग में

एम्स भोपाल में अभी अंगदान करने वालों की कमी है. जागरूकता की कमी से कई मरीजों को किडनी नहीं मिल पा रही है. वर्तमान में यहां 8 मरीज प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त दाताओं की प्रतीक्षा सूची में हैं. इन किडनी प्रत्यारोपण की सफलता एम्स भोपाल की अंग प्रत्यारोपण सेवाओं के विस्तार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. संस्थान में जल्द ही हृदय और फेफड़े के प्रत्यारोपण की शुरुआत करने की तैयारी की जा रही है. ताकि भविष्य में व्यापक मल्टी-ऑर्गन प्रत्यारोपण सेवाएं प्रदान की जा सकें.

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जरुरतमंद मरीज और अंगदाताओं के बीच बड़ा अंतर

एम्स के डाक्टरों ने बताया कि "प्रत्यारोपण कार्यक्रम के सफल संचालन के साथ ही अंगदान को लेकर लोगों में झिझक जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. चिकित्सा प्रौद्योगिकी में प्रगति के बावजूद, कई लोग अंगदान के लिए आगे नहीं आते हैं. जिससे जरूरतमंद मरीजों और उपलब्ध दाताओं के बीच एक बड़ा अंतर बना हुआ है. एक व्यक्ति 8 लोगों को जीवनदान देकर उनके जीवन को बचा सकता है. इसलिए अंगदान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है."

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