पटनाः राजधानी पटना के गांधी मैदान में कृषि एग्रो मेला का आयोजन किया गया. कृषि विभाग और केंद्रीय संस्था द्वारा आयोजित मेले में जैविक खाद के कई स्टॉल लगाये गये हैं. इन स्टॉल पर बड़ी संख्या में किसानों की भीड़ देखी गयी. किसान जैविक खाद के बारे में जानकारी ले रहे थे. कुछ किसानों ने बताया कि वे जैखिक खाद का प्रयोग कर रहे हैं. इससे उत्पादन बढ़ रहा है. कृषि विशेषज्ञ ने कहा कि जैविक खाद से तैयार फसल स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है.
मिट्टी की उर्वरकता बनी रहती हैः कृषि एग्रो मेला में जैविक खाद की बिक्री कर रहे सुरेश शाह बताते हैं कि जैविक खाद के प्रयोग से किसानों को काफी फायदा होता है. उन्होंने कहा कि इससे मिट्टी की उर्वरकता शक्ति में कमी नहीं आती है. रासायनिक खाद के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है. उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में किसान जैविक खाद का उपयोग करने लगे हैं. वहीं जैविक खाद केंद्र पर मौजूद प्रियंका भारती बताती है कि किसानों का रुझान जैविक खाद को लेकर काफी बढ़ा है. उन्होंने कहा कि किसानों को इससे काफी फायदा होता है.
खेती-किसानी की जानकारीः औरंगाबाद के गोह से आए किसान दिलीप महतो का कहना है कि बाजार में जब से जैविक खाद आया है उसी का प्रयोग कर रहे हैं. साग-सब्जी में जैविक खाद का प्रयोग करते हैं तो अच्छा उत्पादन होता है. कृषि मेला में विभिन्न तरह के कृषि यंत्र भी देखने का मौका मिला है. खेती किस तरह से बेहतर हो इसको लेकर भी यहां पर बताया जाता है.
क्या होता है जैविक खादः जैविक खाद प्राकृतिक चीजें जैसे खनिज, पेड़-पौधों और पशु आधारित स्रोतों से तैयार की जाती है. रासायनिक उर्वरकों की तुलना में जैविक खाद को टूटने और मिट्टी में मिलने में अधिक समय लगता है. यह धीरे-धीरे मिट्टी में मिलकर पौधों को पोषक तत्व प्रदान करती है. ऑर्गेनिक खाद के अधिक या कम उपयोग से मिट्टी को किसी भी प्रकार नुकसान नहीं होता है. लेकिन. इसकी अपेक्षा रासायनिक या कैमिकल युक्त फर्टिलाइजर से मिट्टी और पौधों को नुकसान होता है.
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